छत्तीसगढ़

आदिवासी समाज हित और पेसा कानून को मजबूत बनाने का कार्य करें : मंत्री कवासी लखमा

Nilmani Pal
25 March 2023 12:24 PM GMT
आदिवासी समाज हित और पेसा कानून को मजबूत बनाने का कार्य करें : मंत्री कवासी लखमा
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रायपुर. वाणिज्यिक कर (आबकारी) एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने अनुसूचित जनजाति सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सामाजिक एकता के साथ समाज सुधार का कार्य करें और समाज के हित में पेसा कानून को मजबूत बनाने के लिए एकजुट होकर कार्य करें। लखमा आज रायपुर के शहीद स्मारक भवन में छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग द्वारा आयोजित अनुसूचित जनजाति सम्मेलन को संबोधित कर रहे थें।

मंत्री लखमा ने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर गत वर्ष राज्य में पेसा कानून लागू किया गया। पेसा कानून का राज्य में प्रारंभिक काल है। आदिवासी समाज के हित में सामाजिक एकता के साथ इसमें सुधार के लिए अनुसूचित जनजाति आयोग को सुझाव दे। आयोग उनके सुझाव कोे सरकार तक पहुंचाने का कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के हित में सरकार ने कोशिश की है कि आदिवासी क्षेत्रों में समाज के स्थानीय निवासियों को वहीं पर सरकारी नौकरी मिले। सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए आदिवासी समाज को सरकार ने आरक्षण की व्यवस्था की है। आदिवासी संस्कृति और सामाजिक संरक्षण के लिए सरकार द्वारा देवगुड़ी और घोटुल निर्माण के लिए राशि स्वीकृत की जा रही है। श्री लखमा ने कहा कि महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज और स्वर्गीय राजीव गांधी के पंचायती राज का सपना ग्राम विकास से ही पूरा होगा। पंचायती राज व्यवस्था में सरपंच ही ग्राम का विकास कर सकता है। उन्होंने कहा कि सामाजिक जागरूकता के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है।

सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति तथा संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि आयोग के वार्षिक अधिवेशन में उसके कार्यों की प्रगति का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया जाता है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के पास कई चुनौतियां हैं। देश की आजादी के बाद आदिवासियों को बराबरी का दर्जा देने के लिए शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण का मौका दिया गया।

छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति के अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह ने कहा कि आयोग प्रदेश में अनुसूचित जनजाति वर्ग के संवैधानिक हितों की रक्षा के लिए सजग प्रहरी के रूप में निरंतर कार्यरत् है। आयोग के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार ग्रहण करने के बाद प्राप्त होने वाले आवेदन एवं शिकायत पत्रों पर संज्ञान लेकर आयोग कार्यालय एवं जिलों में कैम्प कर सुनवाई की गई, जिससे अनुसूचित जनजाति वर्ग के पीड़ित व्यक्तियों को न्याय मिला है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में माह फरवरी 2023 की स्थिति में 1728 प्रकरण पंजीबद्ध है, जिसकी नियमित सुनवाई पर प्रकरणों का निराकरण किया जा रहा है। आयोग द्वारा 01 और 02 दिसंबर 2021 को छत्तीसगढ़ ग्राम पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों का विस्तार नियम-1996) (पेसा एक्ट) के संबंध में आदिवासी समाज प्रमुखों एवं विशेषज्ञों की कार्यशाला का आयोजन किया गया।

आयोग के पदाधिकारियों द्वारा जिलों का भ्रमण कर समाज के लोगों से भेंट-मुलाकात की जाती है और उनकी समस्याओं से अवगत होकर उनका समाधान करने का प्रयास किया जाता है। इसके साथ प्रकरणों की नियमित सुनवाई कर निराकरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बस्तर संभाग के सुकमा जिले के 98 आदिवासी परिवार सलवा जुडूम आंदोलन के कारण अपने घर-द्वार छोड़कर आंध्रप्रदेश एवं तेलंगाना राज्य में पलायन कर गए थे। उन्हें छत्तीसगढ़ में अपने मूल निवास स्थान में वन भूमि पट्टा तथा जाति प्रमाण पत्र बनाए जाने के लिए आयोग की ओर से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आग्रह किया गया जिस पर उनके द्वारा सहमति दी गई।

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