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जनता से रिश्ता वेबडेस्क | अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS ) में अब स्टेमसेल पर रीसर्च के साथ ही इलाज भी शुरू होगा | इसके लिए 13 फरवरी से इंडियन स्टेमसेल स्टडी ग्रुप एसोसिएशन की द्विवार्षिक कांफ्रेंस आयोजित की जा रही है | इस दौरान री जेनरेटिव साईंसेज पर सीएमई का आयोजन भी होगा | इसमें देश विदेश के 150 से अधिक प्रमुख चिकित्सक स्टेमसेल के विभिन अनुप्रयागों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। आयोजन सचिव AIIMS के हड्डी रोग विभागाध्यक्ष डॉक्टर अलोक चंद्र अग्रवाल ने बताया की री जेनरेटिव साईंसेज के माध्यम से विभिन विभाग मिलकर उम्र, दुर्घटना, बीमारी या अन्य किसी कारण से क्षतिगस्त होने वाले टिश्यू या ऑर्गन का उपचार किया जा सकता है | इसकी रीढ़ की हड्डी, ट्यूमर, सेरेबल पाल्सी जैसी बीमारियों और ENT , सर्जरी, नेत्र रोग और न्यूरोसाइसेज जैसी विभागों में भी री जेनरेटिव साइसेज का प्रयोग किया जाएगा | इस सभी प्रासंगिक विषयों और भविष्य की चुनौतियों पर AIIMS में चिकित्सक चर्चा करेंगे |