छत्तीसगढ़

चिल्हाटी के गौठान में अंडा उत्पादन कर स्व-सहायता समूह की महिलाएं आर्थिक रूप से हो रही सशक्त

Nilmani Pal
12 Sep 2022 9:21 AM GMT
चिल्हाटी के गौठान में अंडा उत्पादन कर स्व-सहायता समूह की महिलाएं आर्थिक रूप से हो रही सशक्त
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कांकेर। छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वकांक्षी योजनांतर्गत जिले के गौठानों में विभिन्न आयमूलक नवाचार किया जा रहा है। जिला प्रशासन के निर्देषानुसार गौठानों में वर्मी खाद का उत्पादन कर उसका विक्रय किया जा रहा है, साथ ही समूह की महिलाओं द्वारा मछली पालन, दाल मिल संचालन एवं सब्जियों के उत्पादन कर अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहे हैं। विकासखंड भानुप्रतापपुर के ग्राम चिल्हाटी स्थित आदर्श गौठान में जय मां लक्ष्मी स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा मुर्गी पालन कर अंडा उत्पादन इकाई का संचालन किया जा रहा है। चिल्हाटी गौठान में समूह की महिलाओं द्वारा अंडा उत्पादन मुर्गियों को पालने और अंडा उत्पादन के लिए केज बनाया गया है, केज में अंडा उत्पादन के लिए वर्तमान में 180 मुर्गियों को रखा गया है। पशुचिकित्सा अधिकारी डॉ. विजया नागवंशी और सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी टीकम ठाकुर द्वारा समय-समय पर मॉनिटरिंग कर स्व-सहायता समूह की महिलाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

'महिला सशक्तिकरण का जरिया बना गोधन न्याय योजना'

गोधन न्याय योजना महिला स्व-सहायता समूह के महिलाओं के लिए सषक्तिकरण का जरिया बना है। गौठान में अंडा उत्पादन इकाई का संचालन करने वाली महिलाएं गनेशिया, बबिता, रेमन, बसंताबाई, मालती और भारती ने बताया कि उत्पादित अंडों को विक्रय करने में कोई दिक्कत नहीं हो रही है। मुर्गियों से प्रति दिन 100 नग से ऊपर अंडे मिलते हैं, महज 10 दिन में 1 हजार अंडों के विक्रय से 6 हजार की आय प्राप्त हुई है। ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी प्रवीण कवाची ने बताया कि चिल्हाटी गोठान की महिला समूह इस कार्य को लगन से कर रही हैं, आगे भी मुर्गीपालन कर अंडा उत्पादन इकाई को बढ़ाने का विचार किया जा रहा है। ग्रामीण महिलाओं के घरों में मुर्गीपालन उनकी संस्कृति का हिस्सा है इसलिए इस क्षेत्र की महिलाएं अंडा उत्पादन की बारीकियों से भली भांति परिचित हैं, जिसका फायदा अब उन्हें मिल रहा है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत आंगनबाड़ियों के कुपोषित बच्चों को अंडा खिलाया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 5 से 6 रुपये प्रति नग की दर से महिला समूह से अंडा की खरीदी की जा रही है, जिन्हें आंगनबाड़ी केंद्रों में विक्रय कर महिलाएं आय अर्जित कर रही हैं।

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