छत्तीसगढ़

गौठान के स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने कमाए 6.64 लाख रुपये

Nilmani Pal
11 Aug 2023 11:20 AM GMT
गौठान के स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने कमाए 6.64 लाख रुपये
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रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन कि अति महत्वपूर्ण, महत्वकांक्षी एवं फ्लेगशिप योजना का आरम्भ 20 जुलाई 2020 को हरेली त्यौहार के दिन ग्राम पंचायत सिलफिली में हुआ। गौठान जिसका कुल रकबा 12.50 एकड़ है। जिसके 7 एकड़ में चारागाह एवं बाड़ी का कुल रकबा लगभग 5 एकड़ है। जिसमें वर्मीकम्पोस्ट उत्पादन, सब्जी उत्पादन, मशरूम उत्पादन, मुर्गी पालन, बकरी पालन एवं केचुआ उत्पादन का कार्य किया जाने लगा। उक्त कार्याे में ग्राम के ही महिला स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं का बड़ी भागीदारी रही एवं उनके अथक परिश्रम के फलस्वरूप आज योजना प्रारंभ होने के तीन साल पश्चात् समूह की महिलाओं के आमदनी में आमूलचूल परिवर्तन आया है, जो उनके आत्मविश्वाश एवं उनके कठिन मेहनत में साफ साफ नजर आता है। योजना में सहभागी सभी महिलाओं का आर्थिक स्थिति योजना प्रारंभ से पहले उतनी अच्छी नहीं थी, परन्तु आज सभी महिलाएं आर्थिक रूप से अपने आप को सक्षम साबित करने एवं समाज में अपना अलग नाम बनाने में कामयाब हुए है। यह सब शासन के महत्वपूर्ण योजना गोधन न्याय योजना से संभव हुआ है।

एक नजर महिलाओ समूह के आज तक के अर्जित आमदनी का पर

माँ दुर्गा महिला स्वयं सहायता समूह सिलफिली की 10 महिलाओं द्वारा वर्मी कम्पोस्ट 747.49 क्विंटल उत्पादन किया गया है। जिसमें से 732.49 क्विंटल विक्रय उपरांत राशि रूपये 2.26 लाख शुद्ध लाभ के रूप में महिला समूह को प्राप्त हुआ है। मशरूम उत्पादन से 16 हजार एवं केंचुआ उत्पादन से 14 हजार लाभ हुआ है। इस प्रकार समहू का कुल आय 2.56 लाख रहा है एवं वर्तमान में इनका उत्पादन सतत जारी है।

सरस्वती स्वयं सहायता समूह कि महिलाओ ने मुर्गीपालन से आज तक 45 हजार की आमदनी अर्जित किये है। महामाया स्वयं सहायता समूह एवं प्रगति सक्ति स्वयं सहायता समूह कि महिलाओ द्वारा बाड़ी उद्यानिकी एवं सब्जी की फसलों से आज तक कुल 3.63 लाख राशि आमदनी अर्जित किये है। इस प्रकार गौठान में कार्यरत महिला स्वयं सहायता समूह की कुल आय 6.64 लाख है। महिलाओं के द्वारा कि गई परिश्रम का परिणाम लाभ के रूप में मिला एवं जिससे महिलाये आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त कर अपने घरेलू जरूरतें एवं आवश्यक वस्तुए जैसे पलंग, फ्रीज एवं अन्य आवश्यक सामग्री का क्रय किया है। आर्थिक स्थिति मजबूत होने से उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों के उपचार, बेटियों की शादी, बच्चों की जरूरतें एवं शिक्षा दीक्षा में व्यय कर आत्मसम्मान से जीवन का निर्वहन कर रही है।

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