रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने सुराजी गांव योजना के तहत गांव में निर्मित गौठान महिलाओं के लिए आजीविका का ठौर बनने के साथ ही सामाजिक सरोकार को भी बढ़ावा देने लगे है। गौठानों से जुड़ी महिला स्व-सहायता समूह की महिलाएं अपनी लगन और मेहनत से वर्मी एवं सुपर कम्पोस्ट खाद के साथ-साथ सब्जी की सामूहिक खेती, मुर्गीपालन, मशरूम उत्पादन, मछलीपालन सहित अन्य गतिविधियों को अपना कर आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनने के साथ ही सुपोषण अभियान में बढ़-चढ़कर अपनी सहभागिता निभा रही है।
कोंडागांव जिले के विकास कार्यों के शिलान्यास एवं लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान मुड़गाकर गौठान में कुक्कुट अंडा उत्पादन यूनिट से जुड़ी महिला स्व-सहायता समूह की सदस्य श्रीमती रीता पटेल से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बातचीत कर उनके समूह की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। श्रीमती पटेल ने बताया कि उनके समूह ने कुल 32 महिलाएं हैं, जो अण्डा उत्पादन यूनिट में अपनी सेवाएं दे रही हैं। गौठान में तीन मुर्गी पालन के लिए शेड बनाए गए हैं, अण्डा उत्पादन यूनिट बीते तीन माह से संचालित है, जिसमें प्रतिदिन 3600 अंडे का उत्पादन होता है। उनका समूह इन अंडों को उड़ान आजीविका मिशन बिहान को बेच देता है, जिसे बिहान द्वारा मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत आंगनबाड़ी के माध्यम से बच्चों एवं गर्भवती माताओं को प्रदान किया जाता है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महिला स्व-सहायता समूह इस उल्लेखनीय सफलता के लिए उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले आंगनबाड़ी एवं मध्यान्ह भोजन में अंडा नहीं दिए जाने पर बच्चे कुपोषित हुआ करते थे। अब लगभग 43 प्रतिशत बच्चे कुपोषण से बाहर आए हैं। यह कोण्डागांव जिले के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। कोण्डागांव संभवतः देश का पहला ऐसा आकांक्षी जिला होगा, जो कुपोषण से बाहर आने आने में सफल होगा। बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों में पहले अंडों की पूर्ति के लिए हमें आंध्र प्रदेश एवं अन्य राज्यों पर निर्भर होना पड़ता था, परंतु अब बिहान एवं गौठान की बहनों द्वारा स्थानीय स्तर पर अंडा उत्पादन किये जाने से बहनों को रोजगार मिला है साथ ही कुपोषण भी कम होने लगा है।