छत्तीसगढ़

महिलाएं गौठान से जुड़कर लिख रही है आत्मनिर्भरता की नई इबारत

Nilmani Pal
26 May 2023 8:28 AM GMT
महिलाएं गौठान से जुड़कर लिख रही है आत्मनिर्भरता की नई इबारत
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मुंगेली। एक समय कभी घर से बाहर नहीं निकलने वाली महिलाओं के लिए आज राज्य शासन की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना के तहत निर्मित गौठान आर्थिक गतिविधि का केंद्र बन चुका है। घर के चारदीवारी के भीतर रहने वाली महिलाएं अब गौठान से जुड़कर अच्छी खासी आमदनी प्राप्त कर रही हैं और आत्मनिर्भरता की नई इबारत लिख रही है। राज्य शासन की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना के तहत निर्मित गौठान अब आर्थिक गतिविधि का केंद्र के रूप में उभर रहा है। बता दें कि जिले में कुल 335 गौठान स्वीकृत किया गया है, जिसमे से 279 गौठान का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है। वहीं सक्रिय गौठानों में सुचारू रूप से गोबर क्रय का कार्य किया जा रहा है तथा विभिन्न आजीविकामूलक गतिविधि भी संचालित की जा रही है।

ईन्हीं गौठानों में से एक है मुंगेली विकासखंड के ग्राम संगवाकापा का गौठान। जहां स्व सहायता समूह की महिलाएं न केवल वर्मी कंपोस्ट खाद बना रही है, बल्कि उसके विक्रय से अच्छी खासी आमदनी भी प्राप्त कर रही है। गौठान में कार्यरत मां शारदा स्व सहायता समूह की महिलाएं बताती है कि उनके द्वारा गोधन न्याय योजना की शुरुआत से लेकर अब तक 500 क्विंटल से अधिक वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन और विक्रय किया जा चुका है। समूह की अध्यक्ष मनीषा जायसवाल बताती है कि पहले वह केवल घर का कामकाज संभालती थी, लेकिन अब वह घर के चारदीवारी से बाहर निकलकर गौठान में भी कार्य कर रही है। गौठान से जुड़कर वह आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही है। साथ ही गौठान से जुड़ने के बाद उनका आत्मविश्वास भी बढ़ा है। उन्होंने बताया कि गौठान से जुड़कर वह काफी खुश है।

चरवाहा धनसिंह यादव ने बताया कि गौठान में प्रतिदिन सबेरे 06 बजे से पशु पालको द्वारा अपने मवेशियों को लाना शुरू कर देते है और 09 बजे तक 500 से अधिक मवेशी इकट्ठा हो जाता है। जिसके बाद गौठान से बाहर मवेशियों को चराई के लिए लेकर जाते हैं। उन्होंने बताया कि मवेशी चराने का कार्य वह विगत चार वर्षों से करते आ रहे हैं। वह गांव के 200 मवेशियों को चराते हैं। जबसे गोधन न्याय योजना शुरू हुआ है, उन्हें दोहरा लाभ मिल रहा है, एक ओर मवेशी चराई का मेहनताना तो मिलता है ही, वहीं दूसरी ओर गोबर बेचकर अच्छी खासी आमदनी भी प्राप्त कर रहा है। योजना की शुरुवात से लेकर अब तक 80 हजार का गोबर विक्रय कर चुका है। जिससे उनका जीवन यापन बहुत अच्छे से हो रहा है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को धन्यवाद ज्ञापित किया है।

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