छत्तीसगढ़

गौठानों में शकरकंद और जिमीकंद की खेती कर रही हैं महिलाएं

Nilmani Pal
10 Nov 2021 3:25 PM GMT
गौठानों में शकरकंद और जिमीकंद की खेती कर रही हैं महिलाएं
x

दुर्ग। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने एवं उन्हें आय का अतिरिक्त जरिया उपलब्ध कराने के लिए सुराजी गांव योजना के तहत गांवों में स्थापित गौठानों में विविध आयमूलक गतिविधियां संचालित की जा रही है। महिला समूह गौठानों में गोधन न्याय योजना के तहत क्रय किए गए गोबर से वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट एवं अन्य उत्पाद का निर्माण करने के साथ ही सब्जी उत्पादन, मछलीपालन, मुर्गीपालन एवं अन्य आयमूलक गतिविधियां संचालित कर रही है। इससे महिला समूहों को आर्थिक रूप से लाभ मिलने के साथ ही उनमें एक नया आत्मविश्वास जगा है।

राज्य के अम्बिकापुर जिले में जिला प्रशासन के प्रोत्साहन के चलते गौठानों में महिला समूहों द्वारा आय की विविध गतिविधियों को अपनाने के साथ ही सब्जी उत्पादन के साथ शंकरकंद व जिमीकंद की खेती भी की गई है। यहां यह उल्लेखनीय है कि देवउठनी के अवसर पर अम्बिकापुर अंचल में शंकरकंद और जिमीकंद की अत्याधिक मांग को देखते हुए महिला समूहों ने गौठानों की रिक्त भूमि पर सामूहिक बाड़ी विकास के तहत जिमीकंद और शकरकंद की खेती का नया प्रयोग किया है। महिला समूहों द्वारा गौठानों में लगाए गए शकरकंद व जिमीकंद की खुदाई शुरू हो गई है। बेहतर उत्पादन और अच्छी आय की उम्मीद से समूह की महिलाएं काफी आशान्वित हैं। गौठानों में लगाए गए शकरकंद और जिमीकंद की खुदाई में जोर शोर से जारी है, ताकि देवउठनी एकादशी में इसे बेचकर अच्छी आमदनी प्राप्त कर सके।

Next Story