छत्तीसगढ़

महिला एवं बाल विकास और पुलिस ने रोका बाल विवाह

Shantanu Roy
22 April 2022 7:00 PM GMT
महिला एवं बाल विकास और पुलिस ने रोका बाल विवाह
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जांजगीर चांपा। महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला बाल संरक्षण इकाई जांजगीर और पुलिस की संयुक्त टीम ने बम्हनीडीह विकासखंड के बोरसी (बिर्रा) में बाल विवाह को रोका। बाल विवाह की सूचना मिलते ही राजेंद्र कश्यप जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं तारकेश्वर सिन्हा जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी के मार्गदर्शन में जिला बाल संरक्षण अधिकारी गजेन्द्र सिंह जायसवाल ने टीम तैयार कर पुलिस विभाग से समन्वय करते हुए बोरसी बिर्रा में बालिका के घर पहुंचे।

यहां बालिका के उम्र सत्यापन के लिए उसकी अंकसूची, दाखिल खारिज प्राप्त किया गया, जिसमें उसकी उम्र 16 वर्ष 7 माह होना पाया गया। बालिका का विवाह 21 अप्रैल को निर्धारित था, जहां बारात पहुंच गयी थी। जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास एवं चाइल्ड लाइन के कर्मचारियों द्वारा बालिका तथा उसके माता-पिता एवं वर पक्ष के पिता व परिवार तथा स्थानीय लोगों को बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत कराया गया। उन्हें समझाईश के पश्चात सरपंच एवं स्थानीय लोगों की उपस्थिति में दोनों पक्षों की सहमति से बालिका का विवाह रोका गया है।

दल में जिला बाल संरक्षण इकाई से गजेंद्र सिंह जायसवाल जिला बाल संरक्षण अधिकारी पर्यवेक्षक उर्मिला भारती, चाइल्ड लाईन से भूपेश कुमार कश्यप टीम मेम्बर तथा पुलिस विभाग सहायक उप निरीक्षक आर एस मरावी, आरक्षक प्रद्युम कश्यप शामिल थे। ज्ञातव्य है कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत विवाह के लिए लडक़ी की उम्र 18 वर्ष तथा लडक़े की उम्र 21 वर्ष निर्धारित है।
निर्धारित उम्र से कम होने की स्थिति में बाल विवाह करने पर पुलिस विभाग द्वारा अपराध पंजीबद्ध करते हुए विवाह करने वाले माता-पिता, विवाह में सम्मिलित होने वाले रिश्तेदार, विवाह कराने वाले पंडित के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। अधिनियम के तहत 2 वर्ष के कठोर सश्रम कारावास तथा 01 लाख के जुर्माने अथवा दोनों से दंडित किया जाने का प्रावधान है।
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