शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में महिला ने की थी अवैध कब्जा, निगम आयुक्त ने की कार्रवाई
धमतरी। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भेंट-मुलाकात के दौरान 11 एवं 12 जनवरी को सिहावा विधानसभा क्षेत्र पहुंचे थे। इस दौरान उनके संज्ञान में नगरपालिक निगम प्रशासन द्वारा कथित तौर पर महिला से दुकान बलपूर्वक खाली कराने और पुलिस द्वारा कार्रवाई किए जाने का मामला लाया गया था। इस संबंध में निगम के आयुक्त ने जानकारी देते हुए बताया कि स्थानीय इतवारी बाजार शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में महिला स्वसहायता समूहों को कागज का ठोंगा, दोना-पत्तल कैरी बैग आदि का निर्माण और विक्रय करने के लिए व्यावसायिक उद्देश्य से वर्ष 2014 में अस्थायी तौर पर दुकानें दी गई थीं। इनमें से दुकान क्रमांक-01 आरती स्वसहायता समूह को दी गई थी। कुछ माह बाद उक्त समूह द्वारा व्यवसाय बंद कर दिया गया। समूह की अन्य महिलाओं के द्वारा निगम को दुकान वापस सौंप दिया, किन्तु इसी समूह की एक महिला सदस्य दुर्गा महिलांगे ने दुकान पर कब्जा कर अनधिकृत तौर पर व्यक्तिगत व्यवसाय प्रारम्भ कर दिया। तदुपरांत जब इस शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की उक्त दुकान व्यवसायी को आबंटित किया गया, उसके बाद भी उक्त महिला ने अनधिकृत तौर पर दुकान पर कब्जा नहीं छोड़ा। दुकान को खाली करने कार्यालयीन आदेश जारी किए जाने और महिला द्वारा व्यवहार न्यायालय में लगाई गई याचिका के निरस्त होने के उपरांत भी उक्त महिला ने दुकान खाली नहीं किया गया। इसके बाद इसकी शिकायत पुलिस में की गई, जिसके बाद महिला पुलिस के द्वारा पुलिस वाहन में बैठाकर थाने लाया गया और दुकान की चाबी व्यवसायी को सौंपी गई।
इस संबंध में नगरपालिक निगम के आयुक्त विनय पोयाम ने विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए बताया कि स्थानीय इतवारी बाजार स्थित शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में 14 दुकानों का निर्माण 2008 में आईडीएसएमटी योजना के तहत किया गया था। हालांकि यह दुकान अचल संपत्ति अंतरण नियम के तहत सभी आरक्षित वर्गों के लिए आठ दुकानें आरक्षित की गई थीं, किन्तु रिक्त होने के कारण व असामाजिक तत्वों व मवेशियों का आश्रय स्थल बन जाने के कारण दिसम्बर 2014 में तत्कालीन कलेक्टर एवं प्रशासक नगर निगम धमतरी के द्वारा राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) के अंतर्गत इन दुकानों को प्लास्टिक पॉलीथिन के विकल्प के तौर पर अस्थायी तौर पर कागज का ठोंगा, दोना-पत्तल कैरी बैग बनाने और उनका विक्रय करने के उद्देश्य से दिया गया था। उन्होंने बताया कि इन्हीं महिला समूहों में से एक 'आरती स्वसहायता समूह' को भी अस्थायी तौर पर दुकान क्रमांक-01 को उक्त प्रयोजन हेतु दी गई थी, लेकिन दो-तीन माह बाद ही समूह की महिलाओं ने व्यवसाय करना बंद कर दिया और उसे वापस निगम को सौंप दिया। उक्त समूह की एक सदस्य श्रीमती दुर्गा महिलांगे ने दुकान में कब्जा कर व्यक्तिगत तौर पर व्यवसाय करना प्रारम्भ कर दिया।
निगम के आयुक्त ने बताया कि निगम की आर्थिक स्थिति को दृष्टिगत करते हुए राजस्व एवं बाजार सलाहकार समिति की बैठक लेकर उनकी नियमानुसार नीलामी की गई। इनमें से दुकान क्रमांक-01 श्री जितेश शर्मा को जुलाई 2017 में तीन लाख 52 हजार रूपए की उच्च बोली के आधार पर आबंटित की गई और बोलीदार को चाबी सौंप दी गई। बताया गया कि उक्त महिला के द्वारा अनधिकृत तौर पर उक्त दुकान में पूर्ववत कब्जा जारी रखा गया। इसके उपरांत पुलिस बल की मौजूदगी में यह दुकान 14 जुलाई 2022 में सील कर दी गई। अगले दिन 15 जुलाई को महिला ने दुकान का ताला तोड़कर फिर से अवैध कब्जा कर लिया, जिसकी सूचना निगम प्रशासन ने कोतवाली थाना में दी। उन्होंने बताया कि इस दौरान दुर्गा महिलांगे के द्वारा व्यवहार न्यायालय में याचिका लगाई थी, जिसे 26 सितम्बर 2022 को निरस्त कर दी गई। आयुक्त ने बताया कि याचिका खारिज होने के उपरांत कब्जा खाली करने कार्यालयीन आदेश दिया गया और पुलिस बल की उपस्थिति में स्थल पर जाकर कब्जा खाली कराकर दुकान में रखी सामग्री को जब्त किया गया। उन्होंने बताया कि तीसरी बार फिर से उक्त महिला के द्वारा दुकान क्रमांक-1 में अवैध कब्जा कर व्यवसाय किया जा रहा था, जिसे हटाने पुनः कार्यालयीन आदेश निगम प्रशासन ने जारी किया। अंततः 04 जनवरी 2023 को महिला पुलिस बल की उपस्थिति में दुकान का कब्जा खाली कराने स्थल पर कार्रवाई की गई। फिर भी उन्होंने बाहर नहीं निकलने की जिद करते हुए दुकान में रखे सामानों को खुद बाहर फेंक दिया और शांति भंग कर कानून व्यवस्था बिगाड़ने का प्रयास किया। तदुपरांत महिला पुलिस के द्वारा श्रीमती महिलांगे को पुलिस वाहन में बिठाकर थाना लाया गया और दुकान की चाबी व्यवसायी को सौंपी गई। आयुक्त ने बताया कि उक्त महिला के विरूद्ध पूरी कार्रवाई नियमों के अधीन विधिसम्मत की गई है जिसके समस्त अभिलेख एवं दस्तावेज उपलब्ध हैं।