बस्तर में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध वनोपज का स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण कर यहां के लोग समृद्धि का नया अध्याय लिखेंगे। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने यह बात बस्तर प्रवास के दौरान वन धन केन्द्र के रुप में धुरागांव में संचालित वनोपज प्रसंस्करण केंद्र की गतिविधियों का अवलोकन करते हुए कही। उन्होंने वनधन केंद्र में तेलगीन माता स्व-सहायता समूह द्वारा टोरा तेल प्रसंस्करण कार्य एवं अमर ज्योति जय माँ सरस्वती समूह द्वारा इमली चटनी सॉस निर्माण कार्य का अवलोकन किया। इसके साथ ही यहां विभिन्न वन धन केन्द्रों में वनोपज प्रसंस्करण का कार्य कर रहे समूहों ने भी अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया। बकावंड वनधन केंद्र में काजू प्रसंस्करण, आसना वनधन केंद्र में इमली कैंडी निर्माण, अगरबत्ती निर्माण व चिरौंजी प्रसंस्करण और कुरंदी वनधन केंद्र में वनौषधि प्रसंस्करण का कार्य कर रहे समूहों की महिलाओं से भेंट के दौरान राज्यपाल ने गतिविधियों की जानकारी लेते हुए शासन द्वारा इन उत्पादों की बिक्री के लिए वृहद तौर पर मार्केट उपलब्ध कराए जाने के संबंध में जानकारी दी।
इस अवसर पर राज्यपाल सुश्री उइके ने प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति घोटिया के जय माँ लक्ष्मी स्व-सहायता समूह पुसगुड़ा गोड़ियापाल को वर्ष 2020-21 में वनोपज संग्रहण के कमीशन की राशि के तौर पर 7 हजार 536 रूपए का चेक प्रदान किया।राज्यपाल ने बस्तर को वन संपदा से भरपूर बताते हुए यहां वनोपज संग्रहण के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए इस कार्य में संलग्न महिलाओं के समृद्धि की कामना की।
राज्यपाल को दिया गया बस्तर काजू, टोरा तेल और इमली चपाती, कैण्डी का उपहार
इस अवसर पर राज्यपाल सुश्री उइके को समूहों द्वारा बस्तर काजू, टोरा तेल और इमली चपाती, कैण्डी का उपहार दिया गया। राज्यपाल ने बस्तर के इन उत्पादों के उच्च गुणवत्ता की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि वे राजभवन में आने वाले अतिथियों से भी बस्तर के वनोपजों से तैयार अच्छी गुणवत्ता के इन उत्पादों के उपयोग के लिए प्रेरित करेंगी। इस अवसर पर कमिश्नर श्री जी.आर चुरेंद्र, कलेक्टर श्री रजत बंसल, वनमण्डलाधिकारी सुश्री स्टायलो मंडावी सहित वन विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे।