छत्तीसगढ़

क्या आम छत्तीगढिय़ों को लुभा पाएगी आप?

Nilmani Pal
20 April 2022 5:57 AM GMT
क्या आम छत्तीगढिय़ों को लुभा पाएगी आप?
x
  1. आम आदमी पार्टी बना रही खास रणनीति, निजी एजेंसियों से करवा रही सर्वे
  2. अधिकतर चेहरे गैर छत्तीगढिय़ा मतभेद के बीच कांग्रेस-भाजपा को चुनौती देना मुश्किल

अतुल्य चौबे

रायपुर। पंजाब में जीत मिलने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) काफी उत्साहित है। साल 2023 में भी देश के कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। छत्तीसगढ़ भी इनमें से एक है। राज्य में अभी भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी की सरकार है। 'आपÓ की नजर अब छत्तीसगढ़ पर भी है। पार्टी राज्य में झाड़ू चलाने के लिए बेकरार है। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए आम आदमी पार्टी ने राज्य में अभी से ही सर्वे शुरू कर दिया है। पार्टी ने कई प्राइवेट एजेंसियों को सर्वे का कार्य सौंपा है। वहीं खुद अरविंद केजरीवाल के मंत्रियों के साथ चुनावी रणनीतिकार डॉ संदीप पाठक यहां मोर्चा संभाल रहे हैं।

आम आदमी पार्टी 2017 में छत्तीसगढ़ में चुनाव लड़ चुकी है, लेकिन तब पार्टी को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था। छत्तीसगढ़ के साथ ही मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी चुनाव होने हैं, लेकिन आम आदमी पार्टी का फोकस मध्यप्रदेश और राजस्थान की बजाय छत्तीसगढ़ ही रहने वाला है। इसकी वजह ये है कि आम आदमी पार्टी की इलेक्शन मशीनरी बड़े राज्य को कवर करने में कमजोर साबित हो सकती है। इसलिए पार्टी की रणनीति ये है कि छोटे राज्यों में पूरे दमखम के साथ उतरा जाए। यहां आपको याद दिला दें कि छत्तीसगढ़ में साल 2017 में आम आदमी पार्टी ने चुनाव में अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे थे। उस वक्त सीएम का चेहरा कोमल हूपेंडी को बनाया गया था। साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने बघेल सरकार को कड़ी टक्कर देने के लिए सदस्यता अभियान की शुरुआत कर दी है। पार्टी का दावा है कि सभी 28 जिलों से लोग आम आदमी पार्टी से जुड़ रहे हैं। 90 विधानसभा वाले इस राज्य में पार्टी ना सिर्फ बघेल सरकार बल्कि भाजपा को भी चुनौती देने की रणनीति बना रही है। आप के मैदान में आने से यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है।

आप का नेशनल प्लान

पंजाब विधानसभा चुनाव में मिली एतिहासिक जीत के बाद से आम आदमी पार्टी ने अब नेशनल प्लान तैयार कर लिया है। आप ने नौ राज्यों में पार्टी को मजबूत करने के लिए अपने पदाधिकारी नियुक्त कर दिए हैं। दिल्ली और पंजाब के बाद अब आप का फोकस छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा और राजस्थान जैसे राज्यों पर है, जहां अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं। पार्टी के नेताओं का कहना है कि प्रदेश में 'कलÓ ही चुनाव होने वाले हैं, इस सोच के साथ छत्तीसगढ़ में आप कार्यकर्ता मैदान में उतरेंगे। पंजाब में पार्टी की जीत के बाद छत्तीसगढ़ में कार्यकर्ताओं में उत्साह है और नए लोग पार्टी से जुड़ रहे हैं। इसी को देखते हुए तीन महीने का विशेष सदस्यता अभियान शुरू किया गया है। निगरानी के लिए जिला स्तर पर प्रभारी बनाए गए हैं।

बदलबो छग के साथ व्यापक सदस्यता अभियान

पंजाब में जिस तरह से आम आदमी पार्टी ने बदलाव का नारा दिया, इसी तरह छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 21 मार्च को निकाली गई विजय यात्रा में पार्टी ने 'बदलबो छत्तीसगढ़Ó का नारा दिया है। छत्तीसगढ़ में चुनाव लड़ाने की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री गोपाल राय को दी गई है। आम आदमी पार्टी ने छत्तीसगढ़ में अपनी तैयारियों को अमली जामा पहनान के लिए पिछले महीने प्रदेश प्रभारी गोपाल राय के नेतृत्व में बदलबो छत्तीसगढ़ अभियान की शुरूआत की है। इसी के साथ पूरे प्रदेश में बड़े पैमाने पर सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है। आदिवासी क्षेत्रों से लेकर मैदानी और शहरी इलाकों में भी राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों के साथ ही बड़ी संख्या में गैर राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले कारोबारी, नौकरी पेशा व अन्य प्रोफेशन से जुड़े लोग पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर रहे हैं।

बूथ लेवल पर संगठन बनाने पर जोर

पंजाब चुनाव में आईटी विशेषज्ञ डॉ संदीप पाठक की रणनीति काफी सफल रही। डॉ. पाठक छत्तीसगढ़ के मुंगेली के रहने वाले हैं और दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर है। वर्तमान में वे पंजाब से पार्टी के राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए हैं। अरविंद केजरीवाल ने अब उन्हें छग में पार्टी की जड़ें तैयार करने और 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी है। हाल हि में छत्तीसगढ़ दौरे पर पहुंचे डॉ संदीप पाठक ने कांग्रेस के किले को भेदने का प्लान बताया. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में संगठन बनाने का काम शुरू हो गया है. संगठन को गांव गांव तक लेके जाने का काम कर रहे हैं. इसके बाद बूथ लेवल पर संगठन को बनाना है और दूसरा स्टेप कैंडिडेट चयन का है. प्रत्याशियों को चुनने की तैयारी की जा रही है. 2018 के विधानसभा चुनाव में आम

आदमी पार्टी का केवल 0.1 प्रतिशत वोट शेयर था. 2018 के नतीजे पर डॉ पाठक ने कहा कि पहले के मुकाबले अब परिस्थितियां बदल गई हैं. पहले लोग कहते थे दूसरे राज्यों में जीत नहीं सकते और जनता आप को मौका देने के लिए तैयार नहीं थी. लेकिन पंजाब में सरकार बनने के बाद जनता का अप्रूवल मिल गया है।

कांग्रेस-भाजपा के बड़े चेहरों को जोडऩे की जुगत

छत्तीसगढ़ में आम आदमी पार्टी को अब तक चुनावों में सफलता नहीं मिली है। 2018 के विधानसभा चुनावों में पार्टी को एक फीसदी वोट भी नहीं मिले थे। अब पार्टी ने रणनीति बदली दी है। पंजाब जीत के बाद प्रदेश के कई नेता आप से जुडऩा चाह रहे हैं। राज्य में पार्टी भले ही 2018 से सक्रिय भूमिका में है, लेकिन चर्चित चेहरा नहीं होने के कारण पार्टी को जमीनी स्तर पर अपेक्षित सफलता हाथ नहीं लग रही है। पार्टी अब चेहरे का संकट दूर करने के लिए कांग्रेस-भाजपा के जनाधार वाले नेताओं को जोडऩे की जुगत में लगी हुई है। छत्तीसगढ़ में आम आदमी पार्टी बीजेपी और कांग्रेस को भेदने की कवायद कर रही है. हाल ही में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता टीएस सिंहदेव से आम आदमी पार्टी ने संपर्क किया था. संदीप पाठक का कहना है कि आप से जुडऩे के लिए बहुत सारे लोग हैं। छत्तीसगढ़ में कई लोगों से बातचीत चल रही है। लेकिन हम पब्लिक परसेपशन चेक कर पार्टी में लेते हैं. क्या पता वहां की पनौती इधर भी बन जाए. सारी पार्टियों में अच्छे लोगों को निमंत्रण दे रहे हैं।

छत्तीसगढ़ मॉडल का ढूंढेंगे काट

देशभर में छत्तीसगढ़ मॉडल की भी चर्चा है. राज्य में उत्कृष्ट स्कूल खोले जा रहे हैं. किसानों को देश में सबसे ज्यादा एमएसपी दिया जा रहा है. ऐसे राज्य में आप के पांव जमाने के सवाल पर डॉ संदीप पाठक का कहना है कि छत्तीसगढ़ एक मॉडल है. ट्रांसफर पोस्टिंग का खेल 30 -40 लाख रुपए के बिना नहीं होते. छत्तीसगढ़ में किसी की हिम्मत नहीं है माइनिंग माफिया के सामने बोल दे. आम आदमी पार्टी सत्ता में आने के बाद माफिया राज को खत्म कर देगी. डॉ संदीप पाठक ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ के किसानों को ज्यादा पैसे मिलने चाहिए. उन्होंने कहा कि तकनीक और शिक्षा में हम पिछड़े हुए हैं. स्कूल की बिल्डिंग में टाइल्स चिपकाकर शिक्षा व्यवस्था सुधार का दावा करना बड़ी बात नहीं. शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने में मेहनत लगती है।

राज्य में कौन होगा सीएम फेस?

आम आदमी पार्टी ने छत्तीसगढ़ में अपने संगठन को खड़ा करने के दौरान यहां के सामाजिक ताना-बाना और वोटर्स की संख्या को ध्यान में रखकर एक आदिवासी को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है। पार्टी में अब तक जितने भी लोग जुड़े उनमें ज्यादातर अनजान और गैर राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले रहे हैं। लेकिन पंजाब चुनाव के बाद वहां अपनाई गई रणनीति के तहत पार्टी छत्तीसगढ़ में भी संगठन को मजबूत बनाने पर काम कर रही है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस-भाजपा के पास भी कोई नया चेहरा नहीं है और पुराने नेताओं के इर्द-गिर्द ही यहां की राजनीति घुम रही है। पिछले चुनाव में भाजपा को मिली करारी शिकस्त के बाद तीन साल बाद भी भाजपा प्रदेश में अपना खोया जनाधार वापस पाने में नाकाम है। वहीं कांग्रेस सरकार के तौर पर जनता में पकड़ मजबूत तो कर रही है लेकिन सांगठनिक स्तर पर पार्टी मे पुराने नेताओं का ही दबदबा है और नए नेताओं-कार्यकर्ताओं को भाव नहीं मिल रहा है। आम आदमी पार्टी दोनों दलों की इसी कमजोरी का फायदा उठाते हुए खुद को तिसरे विकल्प के तौर पर मजबूती से पेश करना चाहती है। डॉ संदीप तिवारी को जिस तरह यहां लोग तवज्जो दे रहे हैं, पार्टी उसे चुनाव में सीएम फेस के तौर पर भी पेश कर सकती है। छग में लगातार पार्टी सदस्यता अभियान के तहत प्रशिक्षण वर्ग आयोजित कर रही है। बिते दिनो राजनादगांव और बिलासपुर में आयोजित प्रशिक्षण वर्ग में बड़ी संख्या में लोग जूटे और काफी संख्यां में लोगों ने आप की सदस्यता ग्रहण की।

Next Story