क्या आदिवासी महोत्सव से किसानों के घर पैसा होगा?, हमलावर हुई बीजेपी
रायपुर। राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव के बहाने सरकार पर भाजपा हमलावर हो गई है. पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने पत्रकार वार्ता में सवाल किया कि क्या आदिवासी महोत्सव से किसानों के घर पैसा होगा. उन्होंने कहा कि ये सरकार सिर्फ़ उत्सव धर्मी सरकार है. नेताओं के परिवार की इवेंट कंपनियों को फ़ायदा पहुंचाने उत्सव किए जाते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार आदिवासी महोत्सव पर इवेंट कंपनी के पीछे जितना पैसा खर्च कर रही है, ये पैसा किसानों को देना चाहिए. उन्होंने कहा कि बीजेपी माँग करती है कि 1 नवम्बर से धान ख़रीदी शुरू की जानी चाहिए. प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान ख़रीदना चाहिए. सरकार अभी 15 एकड़ प्रति क्विंटल धान ख़रीद रही है, जबकि घोषणा पत्र में एक-एक दाना धान ख़रीदी का वादा कांग्रेस ने किया था. उन्होंने ने कहा कि केंद्र ने अब तक 390 रुपए समर्थन मूल्य बढ़ाया है. इस नाते राज्य सरकार को 2800 रुपए प्रति क्विंटल की दर से ख़रीदी करनी चाहिए.
पूर्व मंत्री ने कहा कि सरकार में आने के बाद किसानों को साढ़े सात सौ रुपए प्रति क्विंटल अतिरिक्त मिलना था. जिस दिन सरकार ने 2500 रुपए प्रति क्विंटल की घोषणा की थी. तब समर्थन मूल्य के तहत किसानों से क़रीब 1600 रुपए में ख़रीदी की जा रही थी. तब से अब तक समर्थन मूल्य की राशि क़रीब 2 हज़ार रुपए तक बढ़ी है. बीजेपी के वक़्त का दो साल का बोनस देने का वादा किया गया था, लेकिन अब तक नहीं दिया.