छत्तीसगढ़

विज्ञापनों पर रोक से रुकेगी आनलाइन बेटिंग? गूगल प्ले स्टोर में सैकड़ों एप...

Nilmani Pal
29 Jun 2023 6:21 AM GMT
विज्ञापनों पर रोक से रुकेगी आनलाइन बेटिंग? गूगल प्ले स्टोर में सैकड़ों एप...
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सरकार ने जुआ, सट्टा संबंधी विज्ञापनों पर लगाई रोक

रायपुर (जसेरि)। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य में जुआ और सट्टा में लिप्त रहकर अवैध धनोपार्जन की प्रवृत्ति तथा ऑनलाईन सट्टा, जुआ के रूप में उभरती सामाजिक बुराई की रोकथाम के लिए छत्तीसगढ़ जुआ (प्रतिषेध) अधिनियम 2022 लागू किया गया है। पर क्या इससे जुआ-सट्टे पर पूरी तरह रोक लग पाना संभव है। आनलाइन बेटिंग और गेमिंग एप आसानी से इंटरनेट और गुगल प्ले स्टोर पर सैंकड़ों की तादाद में मौजूद है जिससे लोग आसानी से जुड़ सकते हैं, आखिर इस पर रोक कैसे लगेगा।

सरकार ने उक्त अधिनियम की धारा 10 के अनुसार जुआ के सभी खेल जहां कौशल पर अवसर की प्रधानता हो ऐसे सभी खेलों का इलेक्ट्रानिक/प्रिंट मीडिया में विज्ञापन पर प्रतिषेध रहेगा। इसी अधिनियम की धारा 11 के अनुसार यदि कोई धारा 10 में उल्लेखित प्रावधानों का उल्लंघन करेगा, तो 3 वर्ष तक का कारावास एवं 50 हजार रूपए तक का जुर्माने से दंडनीय होगा। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रायपुर द्वारा जिले के समस्त विज्ञापन एजेंसियों, समाचार पत्रों, टीव्ही चैनल और पोर्टल्स के लिए जुआ, सट्टा संबंधी विज्ञापन प्रदर्शित न करने के लिए एडवायजरी जारी की गई है। एडवायजरी में कहा गया है कि अधिनियम की धारा 10 एवं 11 को दृष्टिगत रखते हुए किसी भी विज्ञापन जिसके माध्यम से इन खेलों का इलेक्ट्रानिक एवं प्रिंट मीडिया में प्रकाशन कर बढ़ावा दिया जाता है, वह एक दंडनीय अपराध है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा ऐसे विज्ञापन किसी भी माध्यम से प्रसारित न करने को कहा गया है।

गूगल प्ले स्टोर में सैंकड़ों एप : सरकार ने भले ही विज्ञापनों पर रोक लगा दिया हो लेकिन आनलाइन बेटिंग एप पर पूरी तरह रोक लगा पाना असंभव है। इंटरनेट और गुगल प्ले स्टोर पर सैंकड़ों एप मौजूद हैं जिससे लोग विज्ञापनों के बगैर भी सीधे आनलाइन जुड़ सकते हैं। केन्द्र सरकार ने हालाकि बहुत सारे आनलाइन एप को प्रतिबंधित किया है बावजूद गुगल प्ले स्टोर में सैंकड़ों गेमिंग और बेटिंग एप मौजूद हैं। अगर ये एप आसानी से मोबाइल पर डाउनलोड किए जा सकते हैं तो क्या इसके लिए गुगल या अन्य प्लेटफार्म जिससे ऐसे एप संचालित हो रहे हैं उस पर सरकार या पुलिस कार्रवाई करेगी यह सबसे बड़ा सवाल है। इस मसले पर पुलिस अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं है।

सट्टेबाजी और बेटिंग वाले ऐप्स को किया गया प्रतिबंधित : केन्द्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े नए नियम जारी कर इस तरह के गेम्स को प्रतिबंधित कर दिया है। सरकार ने सट्टेबाजी और जुए से जुड़े विज्ञापनों के खिलाफ भी परामर्शी चेतावनी जारी की है। इसमें सट्टेबाजी से जुड़े प्लेटफॉर्म्स को बढ़ावा ना देने की सलाह दी गई है। सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सेल्फ रेगुलेटेड ऑर्गेनाइजेशंस का एक प्रारूप भी जारी किया है। उन्होंने कहा, ऑनलाइन गेमिंग गतिविधियों से जुड़े कई एसआरओ बनाए जाएंगे। इनमें सभी हितधारकों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। हालांकि, इनमें सिर्फ इंडस्ट्री के ही प्रतिनिधि नहीं होंगे।

सट्टेबाजी वाले गेम्स को नहीं मिलेगी मंजूरी : चंद्रशेखर ने कहा, हम एक ऐसा ढांचा खड़ा कर रहे हैं, जो यह तय करेगा कि किस ऑनलाइन गेम को एसआरओ की तरफ से अनुमति दी जा सकती है। एसआरओ भी कई संख्या में होंगे।

ऑनलाइन गेम को मंजूरी देने का फैसला इस बात को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा कि उस गेम में किसी तरह से दांव या बाजी लगाने की प्रवृत्ति तो शामिल नहीं है। अगर एसआरओ को यह पता चलता है कि किसी ऑनलाइन गेम में दांव लगाया जाता है तो वह उसे मंजूरी नहीं देगा।

आनलाइन बेटिंग ऐप्स से अर्थव्यवस्था को हो रहा नुकसान

भारत में सट्टेबाजी अवैध है, लेकिन इसके बावजूद भारत में सट्टेबाजी का कारोबार फल-फूल रहा है. यहां हर रोज करोड़ों-अरबों रुपये का सट्टा लगता है। सट्टेबाज अब ऑनलाइन सट्टेबाजी कर रहे हैं, जिससे सट्टेबाजों को पकडऩा मुश्किल हो गया है। बता दें कि अब सट्टेबाजी के लिए कई ऐप्स उपलब्ध हैं, जिसके जरिए अब लोग ऑनलाइन सट्टा लगाते हैं। इन ऐप्स की मदद से कहीं से भी कभी भी सट्टा लगाया जा सकता है। इन ऐप्स के चलते न केवल सट्टेबाजों को पकडऩा मुश्किल हो गया है बल्कि सट्टेबाजी कारण देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो रहा है। इस समय भारत में सट्टेबाजी का बाजार लगभग 10 लाख करोड़ के आंकड़े को पार कर चुका है। बता दें कि 3 अक्टूबर को सरकार ने एक एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि ऑनलाइन सट्टेबाजी के विज्ञापन दिखाए जाना बंद नहीं हो रहे हैं और देश के बाहर से सट्टेबाजी के एड लगातार प्रसारित किए जा रहे हैं. इस दौरान सरकार ने चेतावनी दी थी कि अगर इस तरह के विज्ञापन दिखाना बंद नहीं किए जाएंगे, तो वह कार्रवाई करेगी।

ऑनलाइन बेटिंग में इजाफा

बेहतर और तेज इंटरनेट के साथ किफायती स्मार्टफोन से ऑनलाइन सट्टेबाजी का बाजार लगातार बढ़ रहा है। ऑनलाइन ऐप की मदद से लोग आसानी से सट्टा खेल सकते हैं। कोई भी शख्स अब क्रिकेट मैच के किसी पहलू पर दांव लगा सकता है। ऑनलाइन ऐप्स पर लोग सिक्का उछालने से लेकर गेंदबाजों के प्रदर्शन तक, या किसी बल्लेबाज के रन बनाने की संभावना तक पर सट्टा लगा सकते हैं।

10 लाख करोड़ का बाजार

दोहा के ‘इंटरनेशनल सेंटर फॉर स्पोर्ट सिक्योरिटी’ ने साल 2016 में अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि अवैध सट्टेबाजी का कारोबार उस समय 150 बिलियन यानी करीब 10 लाख करोड़ रुपये का है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जस्टिल लोढ़ा कमेटी ने भी सरकार को बताया था कि भारत की सट्टा बाजार उस समय के करीब 82 बिलियन डॉलर यानि करीब 6 लाख करोड़ रुपये का है.

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