रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं भा सदस्य अर्चना उपाध्याय ने आज छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग कार्यालय रायपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर जनसुनवाई की । छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग निकलन की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज प्रदेश स्तर की 185 वीं सुनवाई हुई, रायपुर जिले में आयोजित जन सुनवाई में कुल 41 प्रकरणों पर सुनवाई की गई।
अन्य प्रकरण में आवेदिका को मिर्गी बीमारी के कारण उनके समाज में उनका रिश्ता नही हुआ तब आवेदिका ने साहू समाज के लड़के से विवाह किया जिसके बाद से आवेदिका को उनके घर परिवार के शादी विवाह में आने-जाने पर अनावेदकगण द्वारा रोक लगाई गई है अनावेदकगण का कहना है कि उनके द्वारा आवेदिका पर कहीं भी प्रतिबंध नही लगाया गया है अपने माता-पिता के साथ दुःख में शामिल होने पर कोई रोक टोक या प्रतिबंध नही लगाया गया आवेदिका इस आर्डरशीट की प्रति अपने समाज को दिखा सकती है फिर अगर छोड़ने की बात हो तो पुनः आयोग को सूचित कर सकती है। आवेदिका के सूचना के बाद प्रकरण समाप्त करने की बात कही गई।
अन्य प्रकरण में आवेदिका के दो बच्चे है जिसमें से एक का उम्र 18 वर्ष और दूसरे का उम्र 13 वर्ष है दोनो बच्चों ने कहा की अगर माता पिता तलाक लेते है तो बच्चे अपने माता पिता दोनो से रिश्ता तोड़ लेंगे। इसके पश्चात् दोनो पक्षों ने कहा कि वह एक बार आपस में विस्तृत चर्चा करने के उपरांत सुलह करने पर विचार करेंगे। कल दिनांक 15 जून 2023 को दोनो पक्ष अधिवक्ता एवं काउंसलर को जांच बैठाकर सुलहनामा तैयार करेंगे जिसके बाद 23 जून 2023 को सुलहनामा के आधार पर प्रकरण पर निराकरण किया जायेगा।
अन्य प्रकरण में आनावेदक, आवेदिका का पति है अनावेदक ने आवेदिका को तलाक लिये बिना दूसरी महिला से मंदिर में शादी करना बता रहा है दूसरी महिला ने स्वीकार किया है वह अनावेदक की पत्नि होना और दो बच्चे होना जानती है अनावेदक ने यह स्वीकार किया और कहता है कि दोनो पत्नि को साथ रखेगा आयोग के समक्ष उनकी स्वीकारोक्ती में यह बात साबित होता है कि अनावेदक अपनी पत्नि से तलाक बिना मंदिर में दूसरी शादी किया है जो कि कानूनी अपराध है इसलिये उसे गोलबाजार थाना भेजा जा रहा है इस पूरे प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत कर अनावेदक दूसरी महिला की निवास का व्यवस्था नही है इस कारण सुरक्षा की दृष्टि से नारी निकेतन भेजा गया उसके माता पिता शपथ पत्र देकर अपने साथ ले जा सकते है।अन्य प्रकरण में दोनों पक्ष अपने अपने दस्तावेज की कापी एक दूसरे को प्रदान किया। और उसका संक्षेप में शपथ पत्र प्रस्तुत करेंगे।
अन्य प्रकरण में आवेदिका को उसके पति की मृत्यु के बाद से उसकी संपत्ति अनावेदकगणों के पास है ऐसा आवेदिका का कहना है अनावेदक क्रमांक 1 से आवेदिका को मुख्य शिकायत है आज वह अनुपस्थित है। उपस्थित अनावेदकगण अपने पिता की उम्र 85 वर्ष का हवाला देकर उनकी उपस्थिति निरस्त कराना चाहते है जो की संभव नहीं है। इसलिये उभय पक्ष को इसलिये उमय पक्ष को समझाईश दिया गया कि वह आयोग में सम्माननीय सदस्य और अधिवक्ता की टीम के समक्ष एक ठोस प्रस्ताव प्रस्तुत करे कि उसका और उसकी बेटी के भरण-पोषण के लिये क्या देने तैयार है। टीम की कमेटी के समक्ष सभी अनावेदकगणों की उपस्थिति सुनिश्चित कराया जाये। प्रकरण कमेटी के समक्ष अपना प्रस्ताव रखने के लिये 28.06.2023 को 11 बजे सुनिश्चित किया गया है।
अन्य प्रकरण में आवेदिका ने पैतृक गहनों के बंटवारे का आवेदन दिया है अनावेदक और उसकी पत्नि ने बताया कि अनावेदक ने अपनी मां का 17 साल तक लगातार ईलाज कराया और उनका पालन-पोषण किया। इस बात की पृष्टि आवेदिका के पति ने किया है। अनावेदक ने यह भी बताया कि उनके पिता आवेदिका के घर में किराये से रहते थे, और पूरी संपत्ति का बंटवारा सभी भाई-बहनों में कर दिया था। ऐसी स्थिति में महज कुछ गहनों के लिये अनावेदकगणों को पक्षकार बनाकर परेशान करने की मंशा बस दिखाई देती है। वृद्ध माता-पिता की सेवा करना नही चाहते और गहनों के लिये लड़ाई भी कर रहे है। इस स्तर पर प्रकरण नस्तिबद्ध किया गया।
अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि अगस्त 2022 में वह अनावेदकगण के हॉस्पिटल में भर्ती हुई थी क्योंकि गर्भ शिशु की हलचल नही हो रही थी। अनावेदकगणों ने यह बताया कि बच्चे की 6 दिन पहले मृत्यु हो चुकी थी जिसके लिये नार्मल डिलिवरी का प्रयास अनावेदिका के द्वारा किया गया था। जिसमें बेजाइनल रियर हो गया था। जिससे बाद में आवेदिका को समस्या हुई और उस जगह से आवेदिका का मल बाहर आने लग गया था कुछ दिन बाद फिर से रिपेयर किया गया लेकिन समस्या ठीक नही हुई तब आवेदिका ने रामकृष्ण हॉस्पिटल रायपुर में अपना ईलाज कराया गया जिसमें मल पास करने के लिये अलग से नली बनाई गई। रामकृष्ण में ईलाज के बाद भी 3-4 महिने बाद आवेदिका स्वस्थ हो पाई जिसमें आवेदिका के पक्ष का 3-4 लाख रूपये खर्च हुआ। जिससे आवेदिका को परेशानी हुई। अतः उसने आयोग के समक्ष अपना प्रकरण प्रस्तुत किया है और अनावेदकगण से 20 लाख रूपये क्षतिपूर्ति दिलाने की बात लिखी है अन्यथा अनावेदकगणों के विरूद्ध कानुनी कार्यवाही की जायेगी अनावेदकगण के द्वारा दो दस्तावेज प्रस्तुत किये गये है। जिसमें सी.एम.एच.ओ. 05.12.2022 एस.पी. राजनांदगांव की रिपोर्ट 27.01.2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत किया है। अनावेदकगण का कथन है कि दोनो जगहों से उनके खिलाफ कार्यवाही नहीं किया गया। अतः उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है। आवेदिका का कथन है कि रामकृष्ण हॉस्पिटल के डॉ. ने बताया कि अनावेदकगणों के द्वारा गलत ईलाज किया था जिसके कारण परेशानी हुई थी। अनावेदकगणों के द्वारा और कोई दस्तावेज नही दिया गया है। आवेदिका नेअपनी समस्त दस्तावेज आयोग में जमा किया है। पुरे प्रकरण और रिपोर्ट की जांच कराई जायेगी तब प्रकरण सुनवाई में रखा जायेगा। इस बीच अनावेदकगण किसी भी तरह से आवेदिका से संपर्क करने का प्रयास न करें और न ही आवेदिका को किसी तरह का दबाव बनावे प्रकरण आगामी सुनवाई में रिपोर्ट मिलने के पश्चात् रखा जायेगा।
अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि अनावेदक आये दिन मारपीट करता है और उसके तीन बच्चे हैं। अनावेदक 25 हजार रूपये महिना कमाता है और साथ ही मकान दलाली का काम करता है। उनके दो बच्चे एन.एच. गोयल स्कूल में और एक बच्चा ब्राइटन स्कूल में पढ़ता है। आवेदिका अभी अपने ननंद के घर पर रहती है और उसने बताया कि उसका बीरगांव में एक घर है वहां वह अपने बच्चों के साथ रहेगी। अनावेदक आवेदिका को भरण-पोषण हेतु पैसा देगा। अनावेदक ने बताया कि वह बच्चों की स्कूल फिस पढ़ाई लिखाई का खर्च एवं घर का राशन भरेगा। आवेदिका को हाथ खर्च के लिये 10 हजार रूपये प्रतिमाह भरण-पोषण देगा। इस प्रकरण में काउंसलर श्रीमती चंद्रिका कौशल को निगरानी हेतु नियुक्त किया गया। प्रकरण की रिपोर्ट प्रस्तुत करने पर पुनः एक बार सुना जायेगा। तब प्रकरण पर अंतिम निर्णय किया जायेगा। प्रकरण की सुनवाई तीन माह बाद रखी जायेगी।
अन्य प्रकरण में दोनो पक्षों की काउंसलिंग किया गया और आवेदिका अपने मायके में रहती है जहां अनावेदक बच्चों से मिल सकता है अनावेदक हर सप्ताह 2 हजार रूपये बच्चों और आवेदिका को भरण-पोषण राशि महिने के कुल 8 हजार रूपये देगा। प्रकरण में काउंसलर सुषमा दुबे को नियुक्त किया जाता है कि 6 महिना तक इस प्रकरण की निगरानी करेगी इस निर्देश के साथ प्रकरण नस्तिबद्ध किया गया।
अन्य प्रकरण में दोनों पक्षों को सुना गया आवेदिका के पति के नाम का दुकान अनावेदक ने अपने कब्जे में रखा है अनावेदक का कहना है कि पैतृक मकान पर आवेदिका के पति ने कब्जा किया है उभय पक्ष यदि राजीनामे के लिये सुलह करना चाहते है तो अपने लिखित स्टाम्प प्रस्तुत करें। तत्पश्चात प्रकरण को सुना जायेगा।
अन्य प्रकरण में आवेदिका अनावेदकगणों की बहन है उसकी जिम्मेदारी कोई भी भाई नही ले रहा है जबकि पिता की अनुकम्पा नियुक्ति एक भाई जिम्मेदारी लेने को तैयार है मां की मृत्यु के बाद आवेदिका को घर से निकाल दिया आवेदिका के विवाह के लिये तीनो भाई पैसा देने के लिये तैयार है जिसमें एक भाई तीन माह बाद 40 हजार देगा. दूसरा भाई 30 हजार देगा तथा तीसरा भाई 10 हजार रूपया देगा कुल मिलाकर तीनों भाई 80 हजार रूपया देंगे ताकि आवेदिका अपनी शादी कर सके इस प्रकरण में काउंसलर चंद्रिका कौशल को निगरानी हेतु नियुक्त किया गया तीन माह के बाद एक तारिख सुनिश्चित करें ताकि प्रकरण का निराकरण किया जा सके।
अन्य प्रकरण में कुलपति की ओर से सहायक कुल सचिव ने विश्वविद्यालय द्वारा की गई जांच रिपोर्ट का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया है जिसके आधार पर कुलसचिव के आवेदन के शिकायत को निराधार माना है आवेदिका से पुछे जाने पर उसने कहा कि उसे अपना गवाह प्रस्तुत करने के लिये कोई अवसर नही दिया गया। इस प्रकरण को आवेदिका पक्ष के गवाही के लिये नियत किया गया। आवेदिका अपने समर्थन के लिये गवाह प्रस्तुत करे तत्पश्चात् प्रकरण 7 जुलाई को रखा जायेगा।