छत्तीसगढ़
शादी के बाद लौटकर नहीं आई पत्नी, हाईकोर्ट ने सुनाया यह बड़ा फैसला
Deepa Sahu
5 Jan 2022 6:16 PM GMT
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छत्तीसगढ़ से एक ऐसा मामला सामने आया है जो चर्चा में बना हुआ है.
रायपुरः छत्तीसगढ़ से एक ऐसा मामला सामने आया है जो चर्चा में बना हुआ है. पति-पत्नी से जुड़े इस मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है. दरअसल, यहां एक पत्नी ने अपने पति से शुभ मुहूर्त के नाम पर करीब 11 साल से दूर रह रही थी. जिसके बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचा, जिस पर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है.
दरअसल, रायगढ़ में रहने वाले संतोष सिंह की जांजगीर चांपा की रहने वाली अमिता सिंह 7 जुलाई 2010 को शादी हुई थी. शादी के बाद कुछ दिन अपने पति के पास रहने के बाद अमिता मायके चली गई. जिसके बाद वह ससुराल वापस ही नहीं लौटी. संतोष ने कई बार उसे लाने की कोशिश भी की. अमिता का कहना था कि अब वह ससुराल तभी आएगी जब शुभ मुहूर्त आएगा. इसी तरह वह करीब 11 साल तक बहाने बनाती रही और ससुराल नहीं आई.
संतोष ने कोर्ट में किया आवेदन
जब पत्नी नहीं आई तो पति संतोष ने कोर्ट में आवेदन किया. जिसके बाद अमिता को नोटिस जारी किया गया. लेकिन वह कोर्ट भी नहीं पहुंची. कोर्ट ने एक पक्षीय आदेश देते हुए दोनों पति-पत्नी को साथ रहने का आदेश दिया. लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद भी वह पति के साथ रहने के लिए तैयार नहीं हुई. तब संतोष ने तलाक के लिए रायगढ़ के परिवार न्यायालय में वाद दायर किया तो उसे फैमिली कोर्ट ने खारिज कर दिया. इस आदेश के खिलाफ संतोष सिंह ने अपने वकील सौरभ शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की और तलाक का आदेश देने का आग्रह किया. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने पति के पक्ष में फैसला देते हुए तलाक का आदेश दिया है.
पति को भी तलाक देने का अधिकार
हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए बताया कि इस मामले में पति अपना वैवाहिक जीवन बहाल करने के लिए पूरी कोशिश करता रहा, लेकिन पत्नी ने किसी भी तरह से उसका सहयोग नहीं किया. जबकि वह ससुराल लौटने के लिए शुभ मुहूर्त का बहाना बनाती रही. पत्नी सारे तथ्यों को जानने के बाद भी कोर्ट के समक्ष वैवाहिक अधिकारों की बहाली के लिए पति के साथ शामिल हो सकती थी. लेकिन उसने ऐसा भी नहीं किया. ऐसे में कोर्ट ने कहा कि जब पत्नी ने पति का साथ छोड़ दिया तो पति तलाक लेने का हकदार है. वह भी पत्नी को तलाक दे सकता है. क्योंकि पत्नी ने पति को जानबूझकर छोड़ा है.
संतोष सिंह के वकील ने बताया कि उनकी पत्नी जानती थी कि वैवाहिक अधिकारों की बहाली के लिए ड्रिकी पारित चुकी है, लेकिन वह अभी तक अपने पति के साथ वैवाहिक जीवन में शामिल नहीं हुई है. जबकि पिछले 11 सालों के दौरान संतोष ने पूरी कोशिश की पत्नी उसके साथ रहने लगे. लेकिन पत्नी ने अपनी तरफ से कोई भी पहल नहीं दिखाई. जिसके बाद हाईकोर्ट ने पति को तलाक देने का अधिकार दिया है.
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