छत्तीसगढ़

क्यों तुम अर्धनारीश्वर?

Nilmani Pal
8 March 2024 8:38 AM GMT
क्यों तुम अर्धनारीश्वर?
x

रायपुर। जनता के रिश्ता के पाठक रोशन साहू 'मोखला'(राजनांदगांव) ने महाशिवरात्रि पर्व पर कविता लिखी है.

सदा शिव हे शंकर शम्भू, भुजंगभूषण बाघाम्बर।

अविनाशी घट घट वासी,ॐ धिष्ठित ओंकारेश्वर।।

आदि देव हे महादेव अति सरल लब्ध हे नागेश्वर।

अलख निरंजन हिय रंजन कि तुम अर्ध नारीश्वर।।

महामृत्युंजय महाकाल हे प्रलयंकर तुम अभयंकर।

विश्व केंद्र विश्वनाथ हे त्रय पाश विमोचन विश्वेश्वर।।

विष्णुवल्लभ शिवाप्रिय हे भक्तवत्सल शशि शेखर।

कल्याण कारी हे त्रिपुरारी, स्वरमयी साम सुरेश्वर।।

सुर असुर जीव जगत के एक नाथ तुम्ही हे सर्वेश्वर।

बोध गम्य ध्यान रम्य हे विचार विध्वंसक प्रलयंकर।।

ध्यानियों के ध्यान तुम, काल नियन्ता महाकालेश्वर।

तुम गणनाथ हे प्रजापति ,भव भय हरो हे परमेश्वर।।

श्रद्धा कभी न खण्डित हो,विश्वास जगाओ रामेश्वर।

गरल अपमान का पी जाएं,त्रय हरो हे त्रयम्बकेश्वर।।

हर रात्रि हो महा शिवरात्रि,हे स्वयं नियन्ता अनीश्वर।

दैदीप्यमान हो आर्यावर्त,बस मात्र याचना दिगम्बर।।

Next Story