छत्तीसगढ़

विपक्ष पर ही ईडी का शिकंजा क्यों: विवेक तन्खा

Shantanu Roy
12 Jun 2022 8:52 AM GMT
विपक्ष पर ही ईडी का शिकंजा क्यों: विवेक तन्खा
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रायपुर। नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से नोटिस भेजे जाने पर सियासी पारा चढ़ गया है. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने ईडी की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि इससे राजनीतिक कटुता बढ़ेगी. पक्षपात की भी एक सीमा होती है. आखिर विपक्ष पर ही ईडी का शिकंजा क्यों. प्रवर्तन निदेशालय द्वारा सोनिया गांधी और राहुल गांधी को भेजे गए नोटिस पर राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा पीसीसी चीफ मोहन मरकाम के साथ रायपुर के राजीव भवन में मीडिया से रू-ब-रू हुए.

तन्खा ने चर्चा में सवाल किया कि आप (ईडी) कांग्रेस के टॉप लीडर्स को क्या पूछना चाह रहे हैं? मुझे लगता है कि कोई केस ही नहीं बनता. राजनीतिक द्वेष के साथ राजनीतिक लीडर्स पर झूठे केस लगाए जा रहे हैं. इससे राजनीतिक कटुता बढ़ेगी. क्या हम देश को विभाजित करना चाहते हैं? आज तक बीजेपी का कोई व्यक्ति नहीं, जिस पर केस बनना चाहिए.

विवेक तन्खा ने कहा कि राहुल गांधी कल ईडी के ऑफिस जाएंगे. सोनिया गांधी भी तबियत ठीक होने के बाद जाएंगी.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सबसे पुरानी और जिम्मेदार पार्टी है. विपक्ष के खिलाफ ऐसी लिस्ट कांग्रेस के कार्यकाल में कभी नहीं बनी. अब पानी सर से ऊपर उठ चुका है, विरोध का शंखनाद हो चुका है. विपक्ष को ईडी का नोटिस भेज रहे, ईडी सरकार की पुलिस की तरह काम कर रही है. जितना समाज को विभाजित करोगे, उतना देश को पराजित करोगे. हमने ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे देश पराजित हो. जो कार्रवाई के लायक नहीं, कोई एफआईआर नहीं हुई उस मामले में नोटिस क्यों भेजा जा रहा. कौन सी मनी लॉन्ड्रिंग हुई? कौन सा इस्टेटस बदला है? इन्हें विपक्ष को नीचा दिखाना है.
राज्यसभा सांसद ने कहा कि मैं नहीं कहता कि इमरजेंसी सही चीज थी. लेकिन वो भी कानूनी तरीके से लगाई गई थी. प्रजातंत्र को कटुता से चलाने की कोशिश हो रही है. झूठे केस लगवाए जा रहे हैं. क्या पूरे विपक्ष पर ही ईडी केस बनाएगी? क्या देश को विभाजित करने की कोशिश की जा रही है? क्या प्रजातंत्र को पराजित करने की कोशिश हो रही है? उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड को जीवित करने का प्रयास किया गया. जो कंपनी बनाई गई उससे लाभ नहीं लिया जा सकता.
इस मामले में कोई एफआईआर नहीं है. एक कम्प्लेंट के बेसिस पर कार्रवाई की जा रही है. 2015 में केस बंद भी कर दिया गया था. क्लोजर रिपोर्ट को साल 2018-19 में री-ओपन किया गया और अब सम्मन जारी किया जा रहा है. जिसका कांग्रेस विरोध करती है. इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि ईडी और केंदीय एजेंसियों से केंद्र सरकार डराने का काम करती है. विपक्ष झुकने वाला नहीं है. सत्य परेशान हो सकता है लेकिन परास्त नहीं होगा.
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