छत्तीसगढ़

लोग हर मोड़ पे रुक-रुक के संभलते क्यूं हैं, इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यूं हैं

Nilmani Pal
2 July 2022 5:48 AM GMT
लोग हर मोड़ पे रुक-रुक के संभलते क्यूं हैं, इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यूं हैं
x

ज़ाकिर घुरसेना-कैलाश यादव

भेंट मुलाकात में सीएम भूपेश बघेल दिल छू लेने वाले अनुभवों से अभिभूत हो रहे हैं। वाक्या था भरतपुर-सोनहत विधानसभा के ग्राम रजौली में आयोजित भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में आम जनता से रू-ब-रू होने के दौरान जब छतीसगढ़ी कविता ने मुख्यमंत्री का मन मोह लिया कक्षा 5 वीं में पढऩे वाली अनुराधा ने मुख्यमंत्री को कका आवत है हमर गांव, जंगल पहाड़ सुघ्घर गांव, कका हमर सबसे प्यारा 36गढ़ के राजदुलारा कविता सुनाई,जिससे सुनकर मुख्यमंत्री ने शाबाशी दी। जनता में खुसुर-फुसुर है कि कका ने अपने कार्यशैली से पूरे प्रदेश का दिल जीत लिया है। क्या महिलाएं-युवतियां-छात्राएं, क्या बच्चे-युवा और बुजुर्ग सभी सीएम की हाजिर जवाबी और आत्मीय मुलाकात से कायल हो गए है। बस्तर-सरगुजा के बाद कोरिया जिले में आदिवासी-किसानों के घर में छत्तीसगढ़ी भोजन का रसास्वादन कर पूरे देश में छत्तीसगढ़ी व्यंजन को प्रमोट कर रहे है। बच्चों में सीएम भूपेश के प्रति परिकल्पना उनके दिल से निकली आवाज है, जो हजारों की भीड़ में बिना झिझक के सुनाकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रही है। यहीं है गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ मॉडल जो प्रदेश को शिक्षा-स्वास्थ्य के साथ औद्योगिक विकास की नई ईबारत लिखने जा रही है।

वरुण गांधी का अनुसरण करें माननीय...

रक्षा सेवाओं में भर्ती की केंद्र सरकार की नयी अग्निपथ योजना पर लगातार सवाल उठा रहे भाजपा सांसद वरुण गांधी ने पिछले सप्ताह ट्वीट कर कहा था कि इस योजना के तहत सेना में शामिल अग्निवीर यदि पेंशन के हकदार नहीं हैं तो वह भी बतौर सांसद अपनी पेंशन छोडऩे को तैयार हैं। साथ ही उन्होंने सांसदों, विधायकों से सवाल किया कि क्यों न हम सभी अपनी पेंशन छोड़ दें और अग्निवीरोंÓ के लिए पेंशन की सुविधा सुनिश्चित करें। अग्निपथ योजना में भर्ती होने वाले युवाओं को अग्निवीर के रूप में जाना जाएगा और उनका कार्यकाल चार सालों का होगा। सेवानिवृत्ति के बाद वे पेंशन के हकदार नहीं होंगे। और यदि कोई व्यक्ति एक बार के लिए विधायक बन जाये तो आजीवन पेंशन का हक़दार होता है। विपक्ष के नेता अग्निवीरों के लिए सड़कों पर उतरकर धरना प्रदर्शन तो कर रहे हैं लेकिन माननीय लोग क्या अपनी पेंशन छोडऩे जैसा कदम उठा सकते हैं ? ऐसा नामुमकिन है क्योंकि उन्हें जनता की चिंता से ज्यादा अपनी सुविधाओं की चिंता जो है। राहत इंदौरी साहब ने ठीक ही कहा है कि लोग हर मोड़ पे रुक-रुक के संभलते क्यूं हैं, इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यूं हैं।

बजरंगदल वालों को साधुवाद

राजधानी में चल रहे इवेंट के नाम पर नंगा नाच तो लुके छिपे जारी है, जिस पर जनता से रिश्ता की पैनी नजर हमेशा रही है। पिछले 22 सालों में प्रदेश की सांस्कृतिक अस्मिता को आधुनिकता के नाम पर चोट पहुंचाया जा रहा है। जनता से रिश्ता अपने प्रकाशन के 10 वर्षो में जन सरोकार के मुद्दों में हमेशा नंगा नाच की आलोचना करते रहा है। संस्कृति की रक्षा में आगे आए बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को इस एक्शन के लिए जनता साधुवाद ज्ञापित करती है।

बैली डांसर्स के कार्यक्रम को लेकर विवाद होना तय माना जाता है क्योंकि यह एक तरह की मुजरा संस्कृति है जिसमें चार लोगों को खुश करने के लिए विदेश से लड़कियां बुलाकर दिल बहलाने का काम किया जाता है। यह एक होटल नहीं राजधानी के जितने भी स्टार होटलों में इस तरह के दूषित कल्चरों को बढ़ावा दिया जा रहा है। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने विरोध करने पर आयोजकों को इवेंट बंद करवाना पड़ा। जनता में खुसुर-फुसर है कि बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को होटलों में इवेंट कराने वाले आयोजकों को पुलिस की मदद से जुलूस निकालना चाहिए, जिससे लोगों को पता चले की प्रदेश की सांस्कृतिक आबोहवा में कौन जहर घोल रहा है। यह नंगा नाच आने वाली पीढ़ी को बर्बादी के कगार पर ले रहा है। इसे हर हाल में रोकना ही संस्कृति को बचाना है।

बुलडोजऱ मामा की घुड़की

पिछले सप्ताह मामा बुलडोजऱ यानी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह सिंह चौहान भोपाल में दहाड़ते हुए कहा था कि मां-बहन की तरफ अगर किसी ने गलत आंख दिखाई तो उसकी खैर नहीं । उनको तबाह और बर्बाद कर दिया जायेगा। बाबा बुलडोजऱ की तरह खुद को मामा बुलडोजऱ के रूप में सीएम साहब पेश कर रहे है ताकि अपराध में कमी आये। ठीक है बिगड़े लोगों को धमकाना चमकाना भी चाहिए। ताकि वे सुधर जाएं। लेकिन एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक तो इनको धमकी-चमकी से कोई फर्क पड़ता नजऱ नहीं आ रहा है । लगता है देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले कम नहीं हो रहे हैं। एनसीआरबी के जारी आंकड़ों के मुताबिक, पूरे देश में 2020 में बलात्कार के कुल 28046 मामले एक साल में और प्रतिदिन औसतन करीब 77 मामले दर्ज किए गए। सबसे अधिक मामले राजस्थान में दर्ज किए गए हैं । दूसरे नंबर पर उत्तरप्रदेश और तीसरे नंबर पर मध्यप्रदेश का आता है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि बुलडोजऱ मामा का बुलडोजर अपराधियों पर ही चलेगा या चेहरा या जातिधर्म देखकर । जिस केस में नेता और बिगड़ैल राजनीतिक रसूखदार हो उस केस का क्या होगा?

मुर्दो का सम्मान

हमारा देश अनेकता में एकता के लिए जाना जाता है। विभिन्न धर्मो के मानने वाले लोग रहते हैं। हर धर्म में पुरखों को याद किया जाता है उनके सम्मान में विभिन्न आयोजन भी प्रतिवर्ष किया जाता है। इसी सम्मान का पालन करते हुए उत्तरप्रदेश में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्वर्गलोक पधार चुके किसानों के नाम भी राशि दे दी गई। रायबरेली जिले में लगभग 33 हजार से भी अधिक किसानों को सम्मान निधि वितरित कर दी गई जिसकी जानकारी कृषि निदेशालय लखनऊ से भेजी रिपोर्ट में मिली। ऐसा सिर्फ रायबरेली में नहीं बल्कि पूरे उत्तरप्रदेश में होने की जानकारी है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि जीते जी किसानों को सम्मान मिला कि नहीं मरने के बाद जरूर अधिकारियों की मेहरबानी से किसानों को मिल गया।

Next Story