कांग्रेस को मात देने कवायद कर रहे नेताओं के लिए चुनौती
नए चेहरों पर लगा सकती है दांव
माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी कई वरिष्ठ नेताओं के टिकट काटकर नए चेहरे और युवा चेहरे को मौका दे सकती है। लगातार छत्तीसगढ़ में बदलाव की ओर बढ़ रही भारतीय जनता पार्टी चुनाव में भी सीट वितरण प्रणाली में भी बदलाव कर सकती है। जिसमें प्रदेश के कई युवा चेहेते चेहरों को मैदान में उतारकर एक बड़ा दाव खेल सकती है।
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। छत्तीसगढ़ में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। भाजपा के लिए यहां दोबारा सत्ता तक पहुंचना बहुत मुश्किल नजर आ रही है। राज्य में भाजपा के लिए चेहरा भी एक चुनौती है। पार्टी के पास मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बराबर का कोई चेहरा नहीं है। भूपेश बघेल की बढ़ती लोकप्रियता भाजपा की चिंता दोगुनी कर रही है। राज्य में डेढ़ दशक तक भारतीय जनता पार्टी का राज रहा, मगर पिछले चुनाव में पार्टी का पूरी तरह सूपड़ा साफ हो गया। अब सत्ता में वापसी कैसे की जाए, इसके लिए पार्टी हर रणनीति पर काम कर रही है। एक तरफ संगठन में बड़े बदलाव किए गए हैं तो वहीं जमीनी स्तर पर भी जमावट को मजबूत किया जा रहा है। साथ ही कांग्रेस की अंदरखाने चल रही खींचतान पर भी नजर है। राज्य में बीजेपी सत्तारूढ़ कांग्रेस के खिलाफ वैसे आंदोलन खड़े करने में नाकाम रही है, जो कभी पार्टी की पहचान रही है। जिले स्तर पर तो आंदोलन विरोध प्रदर्शनों का दौर चलता रहता है, मगर प्रदेश स्तर पर ऐसा कोई आंदोलन खड़ा करने में पार्टी सफल नहीं हो पा रही है जिसके चलते जनमानस में कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनाया जा सके।
कौन होगा चेहरा...
राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार हर वर्ग के लिए न केवल योजनाओं की घोषणा कर रहे हैं बल्कि उन्हें अमलीजामा भी पहनाने में लगे हैं। कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद किसान कर्ज माफी, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की मुहिम और अब चुनावी साल में बेरोजगारी भत्ता देने का ऐलान कर अपनी स्थिति को और मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। राज्य में भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती चेहरे का चयन भी बन चुका है। यह बात अलग है कि राज्य में डेढ़ दशक तक भाजपा की सरकार डॉ रमन सिंह के नेतृत्व में रही है मगर अगला मुख्यमंत्री कौन होगा यह तस्वीर अब भी धुंधली है।
गुजरात फॉर्मूले पर चुनाव लडऩे की तैयारी
भारतीय जनता पार्टी सत्ता में वापसी के लिए गजुरात का फॉर्म्यूला लागू कर सकती है। चुनाव से पहले भाजपा कई बड़े फेरबदल कर सकती है। इतना ही नहीं भाजपा में बड़े चेहरों को लेकर भी मूल्यांकन शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा कई नए चेहरे को भी मैदान में उतार सकती है। इसके साथ ही कई पुराने चेहरों का भी टिकट कट सकता है। हालांकि अभी तक पार्टी की तरफ ऐसा कोई बयान नहीं दिया गया है। लेकिन माना जा रहा है कि सत्ता में वापसी के लिए पार्टी कई सीनियर विधायकों के भी टिकट काट सकती है। बीजेपी ने राजस्थान और उत्तर प्रदेश में हुए पिछले चुनाव में 70 साल से ज्यादा उम्र के विधायक को का टिकट काटने का प्लान तैयार किया था। इतना ही नहीं लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा केंद्रीय समिति की बैठक में 70 साल उम्र पार कर चुके जनप्रतिनिधियों का टिकट काटने की फिराक में थी। जिसके मद्देनजर कई विधायकों का टिकट काटकर कई नए चेहरों को भी मौका दिया गया था। ऐसा माना जा रहा है कि साल 2023 के चुनाव में छत्तीसगढ़ में भी है फॉर्म्यूला लागू कर भारतीय जनता पार्टी कई नए चेहरों को भी मौका दे सकती है।
भारतीय जनता पार्टी अगर छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में अगर 70 पार का फॉर्म्यूला लागू करती है तो कई सीनियर नेताओं के टिकट कट सकते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह का भी नाम इस लिस्ट में शामिल हो सकता है। इसके साथ ही ननकीराम कंवर, पुन्नूलाल मोहले, विद्यारतन भसीन के साथ-साथ पूर्व मंत्री और कई विधायक शामिल हैं। अगर 70 साल उम्र से ज्यादा का फॉर्म्यूला छत्तीसगढ़ में लागू होता है तो दो दर्जन से ज्यादा वरिष्ठ भाजपा नेता विधानसभा 2023 के चुनाव से पहले नप सकते हैं। हालांकि भाजपा कई परिस्थितियों में 70 साल से ज्यादा उम्र के विधायकों को टिकट दे सकती है लेकिन वह उनके चेहरे और उनकी प्रदेश में विश्वसनीयता के ऊपर निर्भर करता है।