छत्तीसगढ़

जहां तेरी ये नजर है, मेरी जां मुझे खबर है...

Admin2
10 Sep 2023 5:53 AM GMT
जहां तेरी ये नजर है, मेरी जां मुझे खबर है...
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ज़ाकिर घुरसेना/कैलाश यादव

एआईसीसी के महासचिव एवं छत्तीसगढ़ प्रभारी कुमारी सैलजा ने कहा कि हमारे पास 75 सीटों के साथ फिर सरकार बनाने की चुनौती है आप लोग चुनौती से अनभिज्ञ नहीं है। पार्टी जिसको भी टिकट दे सब को मिलकर काम करना है। सरकार के कामों और योजनाओं को लेकर जनता तक जाना है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि जो लोग पिछले पांच साल से टिकट का बांट जोह रहे उनका क्या होगा। पूरी जिंदगी बीत गई मैडम विधायक की टिकट के लिए जद्दोजहद करते हुए, मेरी टिकट पक्की कर दो । मेरे लिए सभी काम करेंगे। इस वक्त जिसको देखो सबकी नजर कुर्सी पर है और वे कालिया फिल्म का गाना गुनगुनाते फिर रहे है-जहां तेरी ये नजर है, मेरी जां मुझे खबर है ...।

उन्हें तो सिर्फ अपने काम पर भरोसा

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा जारी आरोप पत्र के मौके पर आम आदमी पार्टी ने बीजेपी के 15 वर्षीय रमन शासनकाल और मोदी सरकार की विफलताओं का काला चि_ा पेश किया। आप प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने मोदी सरकार की जन विरोधी फैसलों और रमन सिंह की 15 वर्षीय सरकार में हुए घोटालों को गिनाते हुए बीजेपी को जमकर घेरा। कोमल हुपेंडी ने कहा कि भाजपा के माथे पर महंगाई सबसे बड़ा कलंक है। आम आदमी पार्टी को हमेशा से अपने काम पर भरोसा रहा है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि इसलिए तो केंद्र सरकार के दिल्ली के लिए सेवा कानून लाना पड़ा। आप वाले ऐसे-ऐसे काम करते है कि मनीष सिसोदिया का काम केजरीवाल को नहीं पता रहता, उन्हें तो सिर्फ अपने काम पर भरोसा है।

रेवड़ी में हिस्सेदारी सभी की हो

देश की राजनीति में एक बार फिर रेवड़ी कल्चर जोर पकड़ रही है। राजनीतिक दलों का मतदाता को लुभाना पहली प्राथमिकता बनता जा रहा है, मगर देश में छत्तीसगढ़ एक नए मॉडल के तौर पर सामने आ रहा है, जहां रेवड़ी के साथ-साथ रोजगार के भी अवसर मुहैया कराए जा रहे हैं ताकि आम लोग आर्थिक तौर पर सक्षम बनें। साथ में अर्थ का पहिया भी तेज गति से दौड़ता नजर आए। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज का दावा है कि राज्य सरकार ने आमजन से 36 वादे किए थे, जिनमें से 34 वादे पूरे कर दिए गए हैं। जनता में खुसुर-फुसुर है कि तो फिर बीजेपी क्यों आरोपों पर किताब निकाली। दीपक को भी जवाब में मशाल जला देना चाहिए। एक हजार पन्ने की किताब छपवा लेना चाहिए। ताकि रेवड़ी में हिस्सेदारी सभी की हो सके।

पुलिस चेकिंग अभियान

आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए सघन चेकिंग अभियान चलाते हुए संदिग्ध व्यक्ति एवं सामानों की सूक्ष्मता से जांच कर रही है। राजधानी में बिना दस्तावेज के लाखों रुपए रोज पकड़ा रहे है। ये हवाला नहीं तो क्या है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि पुलिस यदि ठान ले तो कोई भी अपराधी बच नहीं सकता । लेकिन छुटभैया नेताओं की दखलंदाजी और रसूखदार लोगों से याराना निभाना छोड़ दे तो चेकिंग अभियान चलाने की मशक्कत ही नहीं करनी पड़े।

कही लेने के देने नहीं पड़ जाए

भाजपा के आरोप पत्र पर बोलते हुए सीएम ने कहा कि भाजपा के आरोप पत्र पर भाजपा कार्यकर्ताओं को ही भरोसा नहीं है। सीएम ने कहा कि मैंने सोचा था कि उसका जवाब दूंगा, लेकिन जब भाजपा कार्यकर्ताओं को ही इस पर भरोसा नहीं है, इसलिए उसका जवाब देने का कोई औचित्य नहीं बनता। वहीं भ्रष्टाचार करने वालों को उलटा लटका कर सीधा करने वाले अमित शाह के बयान पर सीएम भूपेश बघेल ने पलटवार करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में करवाई के नाम पर गुंडागर्दी हो रही है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि उलटा लटका कर सीधा करने वाले भाजपाई अभी से उल्टे हो गए है। उन्हें न तो अमित शाह और न ओम माथुर की बात समझ में आ रही है।इसका मतलब समझ लीजिए कही लेने के देने नहीं पड़ जाए।

ताकि कोई दुस्साहस नहीं कर सके

पिछले दिनों दो बहनों से सामूहिक दुष्कर्म के मामले को अंजाम देने वालों में एक भाजपा नेता और पुलिस अधिकारी का बेटा भी शामिल है। सभी पुलिस की गिरफ्त में है। गांव वालों ने मांग है कि सभी दुष्कर्मियों पर जल्द ही कानूनी कार्रवाई करते उन्हें फांसी की सजा दिलाई जाएं। जनता में खुसुर-फुसर है कि जनता की मांग जायज है। कोर्ट गैंप रेप पर बहुत ही कड़ा फैसला लेते हुए फांसी की सजा दे देनी चाहिए । ताकि कोई इस तरह का दुस्साहस नहीं कर सके।

भाजपा की ओछी राजनीति

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर कहा कि भाजपा द्वारा जारी आरोप पत्र के मुख पृष्ठ में भाटिया, चौरसिया, शुक्ला, टुटेजा, ढांड, महेश्वरी, चौरसिया सहित विभिन्न जातियों को आरोपी बताया जाना बेहद आपत्तिजनक है। भाजपा अपनी ओछी राजनीति के लिये इन जातियों का अपमान की है। इस कृत्य के लिये अमित शाह एवं भाजपा को सभी समाजों से माफी मांगना चाहिये। जनता में खुसुर-फुसुर है कि ये लोग राजनीति केे हमाम में नौ ग्रह बलवान वाले समाज में से आते है।

वन अधिकार में अव्वल छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में वन अधिकार मान्यता अधिनियम का मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप प्रभावी और संवेदनशीलता के साथ क्रियान्वयन हो रहा है। इसके परिणाम स्वरूप राज्य में आदिवासी-वनवासियों सहित गरीब तथा कमजोर वर्ग के समस्त लोगों को काफी राहत मिली है, और उनकी आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ हुई है। आम जन के सरोकार के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था एवं वन संरक्षण की दृष्टि से यह वन अधिकार मान्यता पत्र अत्यंत ही महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। छत्तीसगढ़ में वन अधिकार मान्यता पत्र के संदर्भ में कुल 5 लाख 17 हजार 096 हितग्राहियों को वन अधिकार पत्र प्रदाय किये गये है। व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र प्रदाय करने में छत्तीसगढ़ राज्य देश में प्रथम स्थान पर है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि यदि पहला नंबर है तो आदिवासी आंदोलन क्यों कर रहे है।

रेल मंत्रालय का नाम बदल कर बैल मंत्रालय

रेलवे प्रबंधन लगातार छत्तीसगढ़ के यात्रियों पर सितम ढा रहा हैं। रेलवे प्रबंधन के द्वारा चार दर्जन से अधिक ट्रेनों को राखी से पहले निरस्त किया गया था। लगातार विरोध के चलते केवल 7 ट्रेनों को रीस्टोर किया गया था। अब फिर से दस दिनों के लिए 20 ट्रेनों को 13 सितंबर तक के लिए निरस्त कर दिया गया हैं। जनता में खुसुर-पुसर है कि रेल मंत्रालय का नाम बदल कर बैल मंत्रालय कर देना चाहिए ।

व्यक्तिगत कहने से हल निकल सकता है

तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए वाली टिप्पणी पर डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह उनकी निजी राय हो सकती है। सिंहदेव ने कहा कि दुनिया में बहुत सारे धर्म हैं और किसी भी धर्म पर ऐसी कोई भी टिप्पणी व्यक्तिगत है। जनता में खुसुर-फुसुर है धर्म के नाम पर ही क्यों राजनीति होती है। क्या हर टिप्पणी को व्यक्तिगत कहने से हल निकल सकता है।

पहले भी हुए है अब भी होंगे

डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने कहा कि मैं पहली बार सुन रहा हूं कि सदन को बिना किसी एजेंडा के तहत बुलाया जा रहा है। यह चीन, मणिपुर से ध्यान हटाने के अलावा कुछ और नहीं। वन नेशन, वन इलेक्शन यह नया नहीं, पुराना ही आइडिया है। कई दिनों से ये मामला देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। मीडिया से चर्चा में बताया कि इसके दो दृष्टिकोण हो सकते हैं। एक तात्कालिक और दूसरा दूरगामी राजनीतिक प्रभाव देखा जा सकता है। जनता में खसुर-फुसुर है कि ये भी वन मेन आर्मी वाला फार्मूला है। वन नेशन और वन इलेक्शन के नाम पर केंद्र जल्दबाजी कर रही है। बेरोजगारी तो देश का परमानेंट मुद्दा है इसे कभी भी सुलझा लिया जाएगा लेकिन वन नेशन वन इलेक्शन अभी ज्यादा जरूरी है? इस समय तो लोगों को महंगाई से मुक्त करना सरकार की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। चुनाव तो पहले भी हुए है अब भी होंगे।

शाह का सफेद झूठ

अमित शाह झूठा अहसान जता कर गये है कि राज्य, केंद्र के सहयोग पर चल रहा है, जबकि हकीकत है केंद्र, राज्य को देता कम है, राज्य से वसूलता ज्यादा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि छत्तीसगढ़ से केन्द्र को विभिन्न मदों से सेन्ट्रल, जीएसटी, इनकम टैक्स, पेट्रोलियम पदार्थो पर सेन्ट्रल एक्साईज, कोल खनन, आयरन ओर बाक्साईट टिन के खनन से तथा रेल भाड़ा से पिछले पांच वर्षो में करोड़ों रू. वसूला है। जनता में खुसर-फुसुर है कि राजनीति में तो झूठ को ही सच माना जाता है।

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