- राजधानी के होटलों में नशे-डांस की पार्टियों में मदमस्त युवा
- जनता से रिश्ता की खबर पर लगी सच्चाई की मुहर
- राजधानी के बड़े होटलों में नंगा नाच सांस्कृतिक विरासत को कर रहा दूषित
- इवेंट के नाम पर होटलों में आधी रात को होने वाली सेलिब्रेशन पार्टी में सिर्फ नंगाई
- विदेशी बालाओं के ठुमके पर फिदा है धनाढ्य वर्ग, इंजाय के लिए बुलाते है डांसर
- धनाड्यों के लिए रायपुर ही बैंकाक, पटाया और थाईलेंड
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। राजधानी के होटलों में लोगों की खास फरमाइश पर मुजरा का चलन बढऩे लगा है। गत दिन एक होटल में बेले डांस प्रायोजित किया गया था, वहां सिर्फ चार लोग ही शामिल थे, यदि इवेंट होता तो वहां सैकड़ों लोग उपस्थित रहते। इस एंगल से भी पुलिस को जांच करनी चाहिए जिससे साफ हो जाए कि वाकई इवेंट था या और कुछ । इसमें आर्कएक्सट्रा पार्टी, म्यूजिसियन्स एवं डांसर सभी बाहर के होते है जो युवाओं के मांग पर इनके मनोरंजन के लिए बुलाया जाता है। इस प्रकार मनोरंजन के नाम पर अश्लीलता परोस कर छग की संस्कृति को बदनाम कर रहे हैं औा धब्बा लगा रहे हैं। होटलों में विदेशी बालाओं के साथ विदेशी आर्केस्ट्रा टीम भी पार्टियों को रंगीन महफिल सजाने में योगदान दे रही है। राजधानी में चोरी छिपे चल रहे नंगा नाच के खिलाफ जनता से रिश्ता लगातार प्रमुखता से खबर प्रकाशित कर शासन -प्रशासन को सचेत करते रहा है। प्रशासन भी लगातार संज्ञान लेकर होटलों में दबिश देकर कार्रवाई भी कर रही है उसके बाद भी नस्ल ऐसा बिगड़ा हुआ है कि इवेंट के नाम पर आयोजकों ने इस नंगाई को बदस्तूर जारी रखा है। जानकारों की मानें तो ये शहर के राजनीतिक रसूखदार छुटभैया नेता कमाई करने के लिए होटल वालों से सांठगांठ कर इस तरह के नंगा नाच को प्रायोजित करते है। जिसके चलते होटल वाले मोटी कमाई के लिए इवेंट के नाम पर विदेशी बालाओं को डांस के लिए बुलाते है। छुटभैया नेताओं को शहर के रइसों की जन्मदिन और शादी की सालगिरह की तारीख की जानकारी जुटा कर उन्हें पार्टी प्रायोजित करने के लिए संपर्क करते है। जिससे खाने-पीने से लेकर ओपन डांस का आफर रहता है। राजधानी में छुटभैया नेताओं का गिरोह सक्रिय है जो होटलों में पार्टी का ठेका लेकर मोटी कमाई कर रहे है। वाईआईपी रोड के होटलों में हर रात महफिल सजती है। जिसमें पुलिस कार्रवाई रोकने की गारंटी तक दी जाती है। शासन-प्रशासन को इसकी जानकारी होने के बाद भी कार्रवाई नहीं कर पाती क्योंकि इस तरह की पार्टियों में रसूखदार लोगों के साथ छुटभैया नेताओं की सीधे भागीदारी होती है। हाल ही में पुलिस ने बिलासपुर के एक होटल मैनेजर को ड्रग सप्लाई के आरोप में गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद जारी वीडियो में मैनेजर होटल में ड्रग पैडलर की भूमिका निभाते हुए दिखाया जा रहा है। मैनेजर ने पुलिस को बताया कि होटल मालिक के संरक्षण में वह होटल में आने वाले कस्टमरों को बाथरूम में ड्रग का पुडिय़ा सप्लाई करता था, उसके बदले होटल मालिक उसे भोजन, शराब के साथ रोजाना खर्चे के लिए 5 सौ रूपए देता है। राजधानी में बिना लाइसेंस के होने वाले नंगा नाच और होटलों में मादक पदार्थों की सप्लाई से अंधाधुंध कमाई का अनुसरण करते हुए प्रदेश के बड़े शहरों में इस तरह के इवेंट पूरे शबाब पर है। जो प्रदेश की सांस्कृतिक अस्मिता को तार-तार कर रहा है। कुछ दिन पहले ही वीआईपी रोड में आधी रात को लड़के -लड़कियों की मारपीट का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें पार्टी को लेकर हुआ विवाद बीच सड़क पर पहुंच गया।
विदेशी बालाओं का आकर्षण ही होटलों की कमाई का जरिया
राजधानी सहित प्रदेश के बड़े होटलों में कमाई का सबसे बड़ा जरिया विदेशी बालाओं का डांस है। जिसमें रइसजादों को सोशल मीडिया के माध्यम से इवेंट में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाता है। होटलों में अलग-अलग इवेंट के नाम पर डांस पार्टी आयोजित की जाती है। जिसमें निर्धारित शुल्क आनलाइन पहले जमा करा लिया जाता है। हर शनिवार और रविवार को होने वाली पार्टी के लिए अंधाधुंध बुकिंग क्षमता से अधिक का जाती है। जिसके कारण तगड़ी कमाई के साथ अक्सर विवाद की स्थिति निर्मित होती है। तब पुलिस प्रशासन सूचना के आधार पर हस्तक्षेप करती है नहीं तो ये पार्टियां बिना रोक-टोक चलती रहती है। क्योंकि होटलों की कमाई का सबसे बड़ा जरिया डांस ही होता है। खाना तो लोग कही भी खा सकते है। मात्र विदेश बालाओं के डांस के लिए होटलों में आयोजित पार्टी में मोटी फीस देकर शामिल होते है।
मिनी इंडिया में विदेशी बालाओं की भरमार
दुर्ग-भिलाई के होटलों में विदेशा बालाओं के डांस विथ पार्टी आए दिन होते है। भिलाई तो पूरी तरह मिनी इंडिया है जहां हर प्रांत के लोग निवास करते है। खासकर भिलाई में व्दि-राष्ट्रीय कल्चर का माहौल है, रशियन कल्चर के लोग रहते है, जो बेले डांस के एक्सपर्ट होते है। रशियनों की देखा देखी वहां के सभी स्टार होटलों में बेले डांस विथ पार्टी होती रहती है। भिलाई के होटलों अधिकतर डांसर विदेशी ही मिलेंगी। कुछ साल पहले एक विदेशी बाला की मौत से इसका खुलासा हो चुका है। जिसमें वो बिजनेस और एजुकेशन वीजा से भारत आती है और होटलों में डांस कर मोटी कमाई करती है।
छुटभैया नेताओंं का मिल रहा संरक्षण
राजधानी में अपराध व अपराधी बेखौफ हो गए है। जिसके चलते पुलिस भी ऐसे आरोपियों से परेशान हो गए है। रायपुर में नशे के कारोबार पर पुलिस लगातार नकेल कसने के लिए उनके ठिकानों पर दबिश देकर ड्रग पैडलरों की नाकेबंदी कर दी है। ड्रग्स पैडलरों की गिरफ़्तारी की वजह से बड़े घरानों में ड्रग के शौकीनों की हालत पस्त हो गई है। ड्रग एडिक्टेड युवक-युवतियों के लिए भोजन नहीं मिलेगा तो चलेगा, लेकिन ड्रग नहीं मिलने से उनकी बेचैनी बढ़ जाती है। पुलिस की कार्रवाई से ड्रग पैड़लरों में हडक़ंप मचा हुआ है। बावजूद छुटभैय्ये नेताओंं के संरक्षण में नशे का कारोबार अब भी बेखौफ चल रहा है। ये नेता अपनी राजनीति चमकाने और जल्द से जल्द करोड़पति बनने की चाह में नेतागिरी के साथ नशे के तस्करों को संरक्षण देकर भरपूर कमाई कर रहे हैं। ऐसे छुटभैय्ये नेताओं की दोनों हाथों में लड्डू है। तस्करों से औने-पौने दाम पर नशे का सामान खरीद कर नशेडिय़ों को मुंहमांगी दाम पर बेची जा रही है। छुटभैया नेताओं को कानून कायदे की कोई परवाह नहीं है। बेखौफ खुलेआम नशा परोस रहे है।
नशे का लत लगाने पहला पैकेट फ्री
पुलिस की जांच में पता चला है कि नशे के धंधे में युवतियों की संलिप्तता भी कम नहीं है। आरोपियों के मोबाइल की जांच से इसका खुलासा हुआ है। पुलिस इस बिंदु पर काफी काम कर चुकी है। अफसरों का कहना है कि ड्रग के आदी एक युवक ने पुलिस को बताया कि पैडलर कई लोगों को ड्रग्स की आदत डालने के लिए पहला पैकेट फ्री देते थे। एक पैडलर की उससे दोस्ती भी इसी तरह हुई। इसके बाद वह उसे हाईप्रोफाइल पार्टियों में ले जाने लगा और एक-दो बार ड्रग टेस्ट करवाई। आदत पड़ गई तो वह सौदेबाजी करने लगा और मोटी रकम वसूली। ऐसा युवतियों के साथ ज्यादा किया गया है। मगर पैडलरों ने सोशल मीडिया का भी काफी फायदा उठाया और लोगों को व्हाट्सअप के जरिए ड्रग की फोटो भेजने लगे। सायबर सेल ने गिरफ़्तार 16 आरोपियों के सोशल अकाउंट जब खंगाले तो पता चला कि युवतियां भी ड्रग्स का रैकेट चलाती है और शहर में अब भी ये युवतियां खुलेआम घूम रही है जिसकी जांच पुलिस कर रही है।
हर दिन फल-फूल रहा नशे का कारोबार
छत्तीसगढ़ में नशे का कारोबार दिन पर दिन फल-फूल रहा है, नशे ने युवा पीढ़ी को अपने आगोश में ले रखा है। राजधानी रायपुर में शराब, गांजा, हेरोइन, चरस, हेरोइन, अफीम की तस्करी का खेल खुलेआम चल रहा है, नशे का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। शहर के अधिकांश लोग यहां से फोन पर कांटेक्ट कर माल की सप्लाई करते हैं। इसके लिए तस्करों ने महिलाओं और बच्चों को नियुक्त कर रखा है। नशेड़ी यहां खुलेआम धुंआ उड़ाते नजर आते हैं। पाँच सौ रूपये से लेकर दस हजार रूपए तक की खुराक वाले नशा का सामान राजधानी में उपलब्ध है। युवा नशे के सुरूर में मदमस्त रहना चाहते हैं। वर्तमान समय में नशा युवाओं को अपनी चपेट में पूरी तरह ले चुका है और परिजनों को इस बात की भनक तक नहीं है।
होटल-रेस्टारेंट बांट रहे नशा
नशे का कारोबारी महंगे होटल, रेस्टोरेंट और बार जैसी जगहों पर पार्टियों के नाम पर नशे का सामान परोस रहे है। रायपुर को नशे के कारोबारियों ने पूरी तरह से अपने शिकंजे में कस लिया है। पुलिस और नसे के कारोबारियों में पकड़ो-छोड़ों का खेल चल रहा है, पुलिस की लगातार कार्रवाई के नशे के सौदागरों में हडक़ंप मचा हुआ है। नशे के कारोबारियों के ठिकानों पर पुलिस ने मुखबिर लगा दिए है। राजधानी नशे के सौदागरों के लिए सेफ जोन बनती जा रही है। यहां नीचे तबके से लेकर हाई प्रोफाइल लोगों के लिए अलग-अलग किस्म की नशे की सामग्री उपलब्ध हैं। 10 रुपए में बिकने वाले गांजे से लेकर 5-10 हजार रुपए प्रति ग्राम तक की कोकीन भी डिमांड पर उपलब्ध है। नशे के सौदागरों द्वारा डिमांड के आधार पर इसे मुंबई से मंगाया जा रहा है। इस महंगे नशे के ग्राहक बड़ी-बड़ी गाडिय़ों में घूमने वाले रईस हैं, जिनमें युवक-युवतियों से लेकर महिलाएं भी शामिल हैं।