छत्तीसगढ़

रवि-आसिफ और अनिल-आलू पर शिकंजा कब?

Nilmani Pal
11 May 2022 5:33 AM GMT
रवि-आसिफ और अनिल-आलू पर शिकंजा कब?
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  1. गुर्गों, अंतर्राज्यीय तस्करों को पकड़ रही नारकोटिक्स सेल, लोकल गेंगस्टर्स की अनदेखी
  2. आश्चर्य किंतु सत्य-पिछले 25 सालों में नशे और सट्टे के इन कारोबारियों का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सका!
  3. राजधानी के इन इलाकों में नशाबाजों का अड्डा - राजधानी में नशीले पदार्थ के साथ गांजा, अफीम, शराब के तस्करों का मुख्य अड्डा नयापारा,नेहरुनगर, कालीनगर, फाफाडीह, खमतराई, समता कॉलोनी, डीडी नगर, काशीराम नगर, तेलघानी नाका, मोमिनपारा, छोटापारा, जवाहरनगर, राजा तालाब, पंडरी, आकाशवाणी कॉलोनी सिविल लाईन, कटोरा तालाब, श्यामनगर, कालीबाड़ी और गोलबाजार है।

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। जब से नारकोटिक्स सेल का गठन हुआ है पुलिस गांजे की बड़ी-बड़ी खेप और अंतर्राज्यीय तस्करों को पकड़ रही है। दो दिन पहले ही पुलिस ने गोलबाजार जैसे इलाके से 45 लाख के गांजा के साथ दो तस्करों को पकड़ा है। वहीं लोकल स्तर पर भी धरपकड़ हुई है लेकिन इसमें ज्यादातर गांजा व सट्टा चलाने वाले गैंग के गुर्गे ही पकड़े गए हैं। शहर के सबसे बड़े और पुराने सटोरिए अनिल आलू पर पुलिस आज तक हाथ नहीं डाल सकी है। रवि-आसिफ जैसे गांजा-शराब और सट्टा के बड़े कारोबारियों को पुलिस गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की जहमत नहीं उठा रही है। इतना ही नहीं इनके नाम भी पुराने बदमाशों की सूची में शामिल नहीं किया गया है। राजनीतिक और पुलिस के पुराने अधिकारियों व थानेदारों के संरक्षण के चलते ये कभी क्रिमिनल्स के लिस्ट में शामिल नहीं हुए। नतीजा वर्तमान अधिकारी और संबंधित थानों के टीआई को इनके काले कारनामों की जानकारी ही नहीं है। मुखबीरों से मिली सूचनाओं के आधार पर हुई कार्रवाई में उनके गुर्गे ही पुलिस के हत्थे चढ़ रहे हैं। भाजपा शासन काल में भी इन गेंगस्टर्स पर कोई कार्रवाई नहीं हुई वहीं वर्तमान सरकार के दौरान भी उनके धंधे बेेरोकटोक जारी है।

गली-गली नशा-सट्टा का कारोबार

पुलिस की पकड़ से बचे रहने के चलते इनका हौसला इतना बुलंद है कि इनके नशा और सट्टा का कारोबार शहर के हर गली मोहल्लों तक पहुंच गया है। रवि साहू और आसिफ को अंतर्राज्यीय तस्करों से तगड़ा कनेक्शन होने के कारण शहर से बाहर गए बगैर गांजे-शराब की खेप मिलते रहती है जिसे वे अपने पैडलर्स के माध्यम से ग्राहकों को सप्लाई करते हैं। कालीबाड़ी और नेहरूनगर से इनका धंधा चलता है और शहर हर तरफ छोटे मोहल्लों से लेकर पौश कालोनियों तक इनके गुर्गे सक्रिय हैं। रामकुंड, रामनगर, कोटा, सन्यासी पारा, पंडरी, संजयनगर, टिकरापारा जैसे इलाकों इनके पैडलर्स महिलाओं-बच्चों से भी जबरन गांजे की सप्लाई ग्राहकों को करवाते हैं। पिछले दिनों कोटा, सरस्वती नगर में ऐसा ही एक मामला सामने आया था जिसमें इलाके के एक ड्रग पैडलर्स पर वहां की महिलाओं ने मारपीट का आरोप लगाते हुए पुलिस से शिकायत की थी। लेकिन पुलिस ने उनकी शिकायत नहीं ली थी जिसकी जानकारी पीडि़त महिलाओं ने जनता से रिश्ता को दी थी।

राजधानी में रवि और आसिफ का गैंग सालों से मादक पदार्थों की तस्करी और धंधे में सक्रिय है लेकिन इन पर आजतक अंकुश नहीं लगा है। राजधानी में नारकोटिस्क सेल गठन होने के बाद एसएसपी के नेतृत्व में लगातार कार्रवाई हो रही है, लेकिन पुलिस गुर्गों को ही पकड़ रही है। बड़े गैंगस्टर्स तक पुलिस पहुंच ही नहीं पा रही है। पुलिस के भी संज्ञान में है कि राजधानी में किसके इशारे पर अवैध कारोबार का साम्राज्य संचालित हो रहा है। छोटे-मोटे पुडिय़ाबाजों पर पुलिस शिकंजा कस रही है, लेकिन उनके आकाओं को कैसे बख्श रही है या उनके ठिकानों तक कैसे नहीं पहुंच पा रही है यह सोचने वाली बात है। नारकोटिस्क सेल के गठन के बाद धरपकड़ तेज हुई है, लेकिन तस्करों के सेहत पर इसका कोई असर अभी तक दिखाई नहीं दे रहा है। वे बेखौफ होकर अपने काम को अंजाम दे रहे है।

20 साल पहले पकड़ाया था अनिल आलू...

रवि-आसिफ की तरह ही शहर के कटोरातालाब इलाके के सट्टा किंग अनिल आलू को भी पुलिस आज तक पकड़ नहीं पाई है। हालहि में आइपीएल मैचों में आनलाइन सट्टा खिलाने वाले कई सटोरियों-खाइवालों को पुलिस ने पकड़ कर उनके खिलाफ कार्रवाई की है, लेकिन अनिल आलू तक पुलिस नहीं पहुंच पा रही है। अनिल मुंबई-अहमदाबाद और दुबई से क्रिकेट सट्टा चलाता है। राजधानी में उनके गुर्गे उनका धंधा संभालते हैं, जिनमें से कुछ की पिछले दिनों गिरफ्तारी भी हुई है। बावजूद अनिल आलू के बारे में पुलिस जानकारी एकत्र करने में नाकाम है। लगभग 20 साल पहले अनिल आलू की गिरफ्तारी हुई तब एसपी रहे मुकेश गुप्ता द्वारा गठित क्राइम स्कवायड ने उसे पकड़कर कार्रवाई की थी, इसके बाद से आज तक पुलिस उस पहुंच नहीं सकी है।

45 किलो गांजा के साथ तस्कर गिरफ्तार

महासमुंद पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते गांजा तस्कर को गिरफ्तार किया है. जानकारी के मुताबिक आरोपी के कब्जे से 45 किलो गांजा बरामद की गई है. पुलिस ने बताया कि तस्करी की गिरफ्तारी बसना-पदमपुर रोड में वाहन चेकिंग के दौरान हुई है. जो ओडि़शा से जबलपुर गांजा लेकर जा रहा था. तस्कर भोला नगर जबलपुर का रहने वाला है. पुलिस ने कार्रवाई बसना थाना क्षेत्र में की है. बता दें कि पुलिस अधीक्षक द्वारा पुलिस के सभी राजपत्रित अधिकारियों, थाना प्रभारियों सहित प्रभारी ए.सी.सी.यू. को नशे का काला कारोबार करने वाले कारोबारियों की पतासाजी कर कार्यवाही करने एवं इस पर प्रभावी रूप से अंकुश लगाने आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये है। जिस पर समस्त पुलिस राजपत्रित अधिकारियों, थाना प्रभारियों सहित ए.सी.सी.यू. की टीम द्वारा मुखबीर लगाकर, पेट्रोलिंग व सूचना संकलन कर नशे का कारोबार करने वाले कारोबारियों के संबंध में सूचना एकत्रित की जा रही है।

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