कोरोना से उठा पिता का साया तो मिला अनुकम्पा नियुक्ति का सहारा
बेमेतरा। राज्य सरकार द्वारा मानवीय सहानुभूति को ध्यान मे रखते हुए बीते वर्ष अनुकम्पा नियुक्ति मे 10 प्रतिशत के सीमा बन्धन को समाप्त कर दिये जाने से प्रदेश के दिवंगत शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों के स्वजनों को अनुकम्पा नियुक्ति का रास्ता खुल गया है। सहायक जिला आबकारी अधिकारी बेमेतरा में कार्यरत लगभग 47 वर्षीय स्व. मदन लाल ठाकुर का 18 अप्रैल 2021 को कोरोना महामारी की दूसरी लहर में असमय मौत हो गई। नियति को कौन टाल सकता है। ऐसे समय में उनके परिवार के समक्ष भरण पोषण की समस्या खड़ी हो गई। परिवार मे पत्नी के अलावा दो पुत्री है।
ग्राम अरसनारा तहसील पाटन जिला दुर्ग में उनका संयुक्त परिवार है। सहायक जिला आबकारी अधिकारी मदन ठाकुर की 23 वर्षीय बड़ी पुत्री कुमारी शुभि ठाकुर स्नातक तक पढ़ी लिखी है। संकट के इस मुश्किल घड़ी में पिता के निधन के दो माह के पश्चात उन्हे जिला कार्यालय उपायुक्त आबकारी रायपुर में सहायक ग्रेड-03 के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति मिली। शुभि ने 17 जून 2021 को अनुकम्पा नियुक्ति के तहत पदभार ग्रहण की। शुभि ने कहा कि उसने कभी सोचा नहीं था कि अनुकम्पा नियुक्ति के अनेक लंबित प्रकरणों के बीच उनको नौकरी इतनी जल्दी मिल पाएगी। प्रदेश सरकार की संवेदनशीलता के चलते ही यह सम्भव हो पाया और आज वह अपने परिवार के लिए कुछ करने लायक सक्षम हो पाईं। राज्य शासन के इस राहत भरे फैसले पर शुभि ने प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रति आभार जताया। शुभि ने कहा कि पिता के न होने से परिवार का अधूरापन यद्यपि कभी खत्म नहीं होगा, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने एक अभिभावक की भूमिका निभाते हुए अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की। प्रदेश सरकार की संवेदनशीलता के चलते ही यह सम्भव हो पाया और आज वह अपने परिवार के लिए कुछ करने लायक सक्षम हो पाई। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी सरकार के प्रति आभार प्रकट करते हुए इस निर्णय को ऐतिहासिक बताया।