जब अपनी कुर्सी से उठकर कलेक्टर पहुंचे दिव्यांग आवेदक के पास...

जांजगीर-चाम्पा। दोनों पैर से दिव्यांग शिक्षक देवानंद भारद्वाज ने अपनी समस्या का उल्लेख करते हुए कलेक्टर को घर के समीप विद्यालय में पदस्थ करने की मांग की। कलेक्टर ने पहले तो देवानंद को जनदर्शन में आते देख अपनी कुर्सी से उठकर उनका आवेदन लेने खुद गए। पहले देवानंद को मिठाई खिलाई और कहा कि मांग वाजिब है, शासन के नियमानुसार आपके आवेदन का जल्दी ही निराकरण किया जाएगा।
वैसे तो जनदर्शन में आर्थिक सहायता से लेकर अन्य विषयों के 55 आवेदन आए। इसमें से एक आवेदक ने गांव के एक व्यक्ति को फर्जी अंकसूची से नौकरी करने, एक आवेदक ने महिला पटवारी का तबादला, एक गांव के 5-6 ग्रामीणों ने सरपंच पर भ्रष्टाचार करने की शिकायत संबंधी आवेदन दिए। इस बीच बलौदा ब्लॉक के एक ग्रामीण ने मुख्यमंत्री से तत्काल मुलाकात कराने के लिए आवेदन दिया। इनमें से कई लोग गुस्से और तनाव से ग्रस्त थे और तत्काल ही अपने आवेदन पर कार्यवाही चाहते थे। कलेक्टर श्री सिन्हा शायद यह सब भलीभांति जानते और समझते भी है कि किसी भी आवेदन पर बिना जाँच तत्काल कार्यवाही सम्भव नहीं। उन्होंने जनदर्शन में गुस्से और तनाव लिए आने वाले लोगों से बहुत ही मधुरता और शालीनता से बात करते हुए समझाया। सभी को पहले हसौद के प्रसिद्ध पेड़े खिलवाएं और बताया कि वे तत्काल निराकरण हो सकने वाले प्रकरण पर तत्काल कार्यवाही जरूर करते हैं। किसी के शिकायत पर जाँच और दोनों पक्ष को सुनना, गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही न्याय संगत भी है। इसलिए बिना प्रक्रिया पालन किए जल्दबाजी में कार्यवाही संभव नहीं है। आप चिंतित न होइए, आपके आवेदन की पावती दी जा रही है और आनॅलाइन नंबर भी दिया जा रहा है, जांच में जो भी सामने आएगा, कार्यवाही जरूर की जाएगी और आपकों भी अवगत कराया जाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलने की इच्छा जताने वाले युवक से कहा कि प्रदेश के मुखिया स्वयं भी प्रदेश के लोगों से मिलने की इच्छा रखते हैं, इसलिए वे भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में सभी जगह जा रहे हैं। वे हमारे जिले में भी आयेंगे तो आप मिल सकते हो। कलेक्टर की बातों को समझने के बाद गुस्से और तनाव में पहुचे आवेदक मुंह में पेड़ों की मिठास और मुस्कान लेकर लौटे।