रायपुर (जसेरि)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भाजपा ने नकली आदिवासी के मुद्दे पर चुनाव लड़ा और सत्ता में आए। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने जाति मामले में पूरे 15 साल लगा दिए और उसी के दम पर सत्ता हासिल की। जोगी की जाति के संबंध में उनकी ही शिकायत थी। सभी जानते हैं कि किस प्रकार से उनकी जुगलबंदी रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो वो 15 साल में नहीं कर पाए हमने 18 महीने में कर दिया। मुख्यमंत्री भूपेश ने कहा कि अनुसूचित जनजाति के नाम पर बहुत से लोग फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर नौकरी करते हैं। शिकायत होती है तो स्टे लेकर सालों तक फायदा उठाते रहते हैं। अब फैसला आया तो भाजपा को इसका स्वागत करना चाहिए।
गैर भाजपा शासित राज्यों में ही राजभवन की दखलंदाजी क्यों?: सीएम भूपेश बघेल ने सरकार और राजभवन के बीच टकराव की खबरों पर कहा कि यह सवाल तो भाजपा और उनके नेताओं से पूछा जाना चाहिए कि आखिर गैर भाजपा शासित राज्यों में राजभवन की इतनी दखलअंदाजी क्यों हो रही है? बिहार चुनाव में प्रचार के लिए रवाना होने से पहले मीडिया से बातचीत करते हुए सीएम ने कहा कि चिराग पासवान और नीतीश कुमार को अमित शाह पहले ही वोट कटवा पार्टी बोल चुके हैं। इस तरह की राजनीति भाजपा ही करती है। पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह के पाटन जाने पर सीएम ने कहा कि पाटन में उनका स्वागत है। उन्हें याद है कि जब वे राजनांदगांव गए थे, उस समय उनके खिलाफ एफआईआर कराई गई थी। यह संयोग की बात है कि शिकायतकर्ता विजय बघेल ही थे। सीएम ने कहा कि वहां पर कार्यकर्ताओं के खिलाफ कोई गलत कार्रवाई नहीं की गई। उनकी यह धारणा शासन के खिलाफ है या न्यायालय के खिलाफ, यह तय करना चाहिए।
बेरोजगारी कम करने में सबका योगदान : सीएम ने बेरोजगारी दर में कमी पर कहा कि प्रदेश की जनता के सहयोग और निचले स्तर के अधिकारियों की मेहनत की दम पर हमने यह मुकाम हासिल किया है। सबने मिलकर काम किया है।
जितने भी श्रमिक लौटकर आए, उन्हें नौकरी देने में उद्योगपतियों ने भी सहयोग दिया। जीएसटी क्षतिपूर्ति के मामले में सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार ने कहा था उत्पादक राज्यों के घाटे की क्षतिपूर्ति केंद्र सरकार करेगी, लेकिन पिछले छह महीने से केंद्र सरकार से कुछ भी नहीं मिला है। अब जब कर्जा पटाने की बारी आई तो लोन लेने की सलाह दे रहे हैं।
'बिहार में 50 से अधिक सीटें जीतेगी कांग्रेसÓ
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि नीतीश कुमार के शासन में बिहार के किसान बेहाल और बदहाल हैं। बाजार समितियों को भंग करने से किसानों का क्या हश्र हुआ है ये बात कोई उनसे जाकर पूछे। केंद्र सरकार भी आज उसी रास्ते पर है। अब केंद्र सरकार तीन किसान विरोधी कानून बना चुकी है। ये दोनों सरकारें मिलकर किसानों को उन्हीं के खेतों में मजदूर बना देने की साजिश कर रही हैं। बघेल रविवार को राजधानी पटना में थे। वे कांग्रेस द्वारा विधानसभा चुनाव 2020 के लिए तैयार किए गए थीम सॉन्ग 'बोले बिहार, बदले सरकार की लांचिंग के लिए यहां पहुंचे थे। उन्होंने इस दौरान दावा किया कि कांग्रेस इस बार बिहार में 50 से अधिक सीटें जीतेगी और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में सरकार बनेगी।
सदाकत आश्रम में प्रेस से बातचीत में बघेल ने कहा कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद जो साझा कार्यक्रम घोषित किए गए हैं, उन्हें अक्षरश: लागू किया किया जाएगा, क्योंकि कांग्रेस जो कहती है उसे पूरा भी करती है। यदि किसी को भरोसा नहीं तो वह एक बार छत्तीसगढ़ आए। छत्तीसगढ़ की सरकार वहां के किसानों से गोबर तक दो रुपये किलो की कीमत देकर खरीदती है। धान का समर्थन मूल्य 25 सौ रुपये दिया जा रहा है। इसके अलावा हर किसान को सरकार द्वारा दस हजार रुपये प्रति एकड़ अलग से दिए जाते हैं। 19 लाख किसानों का दस हजार करा़ेड रुपये का कर्ज भी माफ किया गया है। उन्होंने कहा कि बिहार में हालात अच्छे नहीं हैं। यहां तो अनाज की तय सरकारी कीमत भी नहीं मिलती है। नीतीश सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1850 रुपये तय किया, लेकिन किसान 13-14 सौ रुपये में अपनी फसल बेचने को मजबूर हैं।
यदि नीतीश कुमार खुद को किसान हितैषी मानते हैं तो एक घोषणा कर दें कि जहां भी धान बिकेगा, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ही बिकेगा।
बघेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को झटके देने की आदत है। पहले उन्होंने नोटबंदी की। फिर जीएसटी इसके बाद लाकडाउन का झटका। बिना सोचे समझे लाकडाउन की वजह से लोगों को बेहद परेशानी हुई। सबसे पहले दिल्ली में विरोध हुआ और लोग सड़कों पर लोग उतर आये। 17 लाख मजदूर बिहार लौटकर आए। ये परेशानी मोदी की दी हुई थी। प्रेस कान्फ्रेंस में अजय कपूर, वीरेंद्र राठौड़, पवन खेड़ा, आखिलेश प्रसाद सिंह के साथ तरुण गुप्ता व समीर कुमार सिंह भी मौजूद रहे।