छत्तीसगढ़

आखिर क्या करे? मुआवजा के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे किसान

Nilmani Pal
2 Oct 2022 4:30 AM GMT
आखिर क्या करे? मुआवजा के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे किसान
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बेमेतरा। ग्राम बैजी से चोरभट्टी तक निर्माणाधीन बायपास सडक़ के लिए अधिग्रहित की गई जमीन के मुआवजे के लिए किसानों को कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं, बावजूद इसके मुआवजा देने को लेकर अधिकारी किसानों को संतोषजनक जवाब देने की स्थिति में नहीं है।

प्रभावित किसानों ने किसान नेता योगेश तिवारी के नेतृत्व में अपर कलेक्टर अनिल बाजपाई को ज्ञापन सौंप मुआवजा दिलाए जाने का आग्रह किया है। इस संबंध में किसान नेता योगेश तिवारी ने बताया कि सड़क निर्माण के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण किए 2 साल से अधिक समय बीत चुका है बावजूद जमीन का मुआवजा देने को लेकर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से किसानों में खासी नाराजगी है। इस संबंध में प्रभावित किसानों से लगातार शिकायत मिल रही थी, इसलिए अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मुआवजा प्रकरण में तुरंत कार्रवाई करने का आग्रह किया है।

किसान नेता योगेश तिवारी ने बताया कि लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। सडक़ निर्माण के लिए सर्वे के दौरान सरकारी जमीन उपलब्ध होने के बावजूद कुछ रसूखदार लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से निजी जमीनों के साथ कुछ किसानों का अधिग्रहण किया गया। ताकि सडक़ रसूखदार लोगों की जमीनों के पास से होकर गुजरे। ऐसी स्थिति में रसूखदार लोगों की जमीन के भाव बढ़ने से उन्हें लाभ पहुंचेगा।

किसान नेता ने बताया कि तत्कालीन कलेक्टर ने कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण विभाग निर्मल सिंह को पत्र लिखकर फिर से सर्वे कर मुआवजा प्रकरण नए सिरे से प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे, लेकिन लोक निर्माण विभाग की ओर से पूर्व में किए गए सर्वे को नियमानुसार किए जाने का जवाब प्रस्तुत करने के कारण तत्कालीन कलेक्टर ने मुआवजा प्रकरण को स्वीकृत करने इंकार कर दिया।

ऐसी स्थिति में किसानों को जमीन अधिग्रहण के 2 साल बाद भी मुआवजा नहीं मिला है । ज्ञापन सौंपने के दौरान मिथिलेश, गोपाल, राकेश, राम जी, मनोज बंजारे, तोरण साहू, भुनेश्वर साहू, मनोहर, सनत, लाखन बंजारे भागवत समेत अन्य प्रभावित किसान उपस्थित थे।

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