छत्तीसगढ़

इस दौर को क्या कहिए, यह दौर-ए-तबाही है शीशे की अदालत है, पत्थर की गवाही है...

Admin2
9 Oct 2020 6:44 AM GMT
इस दौर को क्या कहिए, यह दौर-ए-तबाही है शीशे की अदालत है, पत्थर की गवाही है...
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ज़ाकिर घुरसेना/कैलाश यादव


ठोक दो... इन दिनों ये दो शब्द काफी चर्चा मे ंहैं। पिछले दिनों कंगना रनौत का बयान सुखिऱ्यों में रहा टी.वी चैनल वालों को उसके आलावा कुछ दिख भी नहीं रहा था कंगना ने कहा था मेरा कौन क्या उखाड लेगा शिवसेना ने उखाड़ दिया ठीक उसी प्रकार यूपी के मुख्यमंत्री ने बयान दिया था ठोक दो। बलात्कारियों ने उनके नाक में दम कर रखा है अमूमन हर दूसरे दिन वहां बलात्कार हो रहा है लेकिन वो बलात्कारियों को ठोक नहीं पा रहे है, योगी जी किसको ठोकने की बात बोल गए समझ में नहीं आ रहा है।

ठोकने की राजनीति यहां भी चलेगी

मरवाही चुनाव का बिगुल बज चुका है। सभी पार्टी के क्षत्रप सेना उतारने की पूरी तैयारी के है कांग्रेस भाजपा ने प्रत्याशी तय नहीं किया है स्व. अजीत जोगी जो मरवाही से विधायक रहे है उनके पुत्र अमित जोगी जनता कांग्रेस से प्रत्याशी होंगे लेकिन सवाल उनकी जाति प्रमाण पत्र को लेकर उठ रहे है कही ठोकने वाली बात यहां ना हो जाए।

राहुल प्रियंका को भाजपा हवाई टिकट देगी

हाथरस में मनीषा के साथ दरिंदगी की हदें पार कर दी गई थी अब बलरामपुर में घटना घटित हो गई। राहुल प्रियंका हाथरस गए पीडि़त परिवार से मिलकर ढांढस बंधाया। भाजपा नेता बोल रहे है कि राहुल प्रियंका यहां बलरामपुर आएं। अरे भाई राहुल प्रियंका हाथरस गए तो बलरामपुर में भाजपा को जाकर पीडि़त परिवार में मुलाकात करना चाहिए और परिवार का ढांढस बांधना चाहिए। बल्कि वे राहुल प्रियंका को कह रहे है ये काम तो आपका है विपक्ष में तो आप है।

योगी एक्शन में

खबर है कि हाथरस के बाद बलरामपुर घटना के बाद उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक्शन मूड में आ गये है। यूपी में अमूमन हर दूसरे दिन इस प्रकार की घटना हो रही एक्शन मूड में तो उनको हमेशा रहना चाहिए। गुंडे-बदमाशों को पुलिस से खौफ खाना चाहिए। लेकिन ऐसा लग रहा है खौफ गुंडे-बदमाशों में नहीं बल्कि आम जनता में है।

बंगाल में सीबीआई जांच की मांग

पिछले दिनों पश्चिम बंगाल में भाजपा नेता की हत्या हो गई और झारखंड में भाजपा नेता ने हत्या कर दी। फिर क्या, राजनीति शुरू... बंगाल में ऊपर से नीचे तक बवाल मच गया, सीबीआई जांच की मांग भी की जाने लगी और झारखंड में कोई जांच की मांग नहीं। जनता में खुसुर-फुसुर है कि अगर सीबीआई जांच होनी है तो दोनों जगह होनी चाहिए।

वन्य प्राणी सप्ताह

वन विभाग 2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक वन्य प्राणी सप्ताह मनाया। जिसके तहत वन्य प्राणियों के संवर्धन एवं सरक्षण प्रमुखता से किया जायेगा, जनता में खुसुर-फुसुर है कि रोजाना जंगली जीवों का अवैध शिकार हो रहा उस पर ध्यान देना छोड़ बैठ कर सिर्फ योजना बनाने से थोड़ी वन्य जीवो का संरक्षण और संवर्धन होगा। अरे भाई जंगली जानवरों का अवैध शिकार रुक जाए यही तो संरक्षण और संवर्धन है, जैसे बिजली विभाग वाले कहते है बिजली की बचत ही बिजली का उत्पादन है।

विकास, सहानुभूति या नया चेहरा

मरवाही उपचुनाव 25 दिन शेष रह गए है प्रमुख दलों ने अपने पत्ते खोले नहीं है लेकिन भूपेश बघेल अजित जोगी के निधन के बाद से ही तैयारी में आगे हो गए है मरवाही को जिला बनाने के साथ कई विकास कार्यों की सौगात भी दी, विकास के चलते चुनावी वैतरणी पार करने की चंपू चलाने लगे है। वही छजकां वाले सहानुभूति के सहारे और भाजपा वाले चाह रहे है कि नया चेहरा मरवाही में हों। लेकिन जनता में खुसुर-फुसुर है कि अब चेहरा और सहानुभूति को देखकर नहीं बल्कि विकास को देखकर वोट करने लगी है। अब आगे देखते है क्या होता है।

बूढ़ातालाब संवारने जवान मेयर बहा रहे पसीना

महापौर एजाज ढेबर दिन रात मेहनत कर बूढ़ातालाब को संवारने में लगे है। लोग कहते थे कि आज तक कोई महापौर बूढ़ातालाब को संवार नहीं पाया। लेकिन अब लग रहा कि जिस प्रकार के महापौर ढेबर पसीना बहा रहे है लोगों के इस सोच पर ताला लगा कर ही दम लेंगे।

सुंदरानी और सच्चिदानंद भी बहा रहे पसीना

भाजपा में सबसे बड़ी तकलीफ काम की है। काम करने वालों से भाजपा के बड़े नेताओं का संतुलन बिगड़ जाता है। मजेदार बात यह है कि श्री चंद्र सुंदरानी लगातार पार्टी के बड़े नेताओं से काम मांग रहे थे। लेकिन विष्णुदेव साय के अध्यक्ष बनने के बाद शहर जिला भाजपा की बहुप्रतीक्षित अध्यक्ष के पद पर नियुक्ति पर भाजपाइयों की नजर गड़ी थी। सुंदरानी ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. रमनसिंह से अपनी पीड़ा बताई और डा. साहब ने मर्ज को देखते हुए शहर जिला भाजपा की जिम्मेदारी सुंदरानी को दिलवा कर काम से लगा दिया है। वहीं प्रवक्ता के पद से हटाने के बाद सच्च्दिानंद उपासने के पास कोई काम नहीं था। वे भी पार्टी के सक्रिय और संघ से जुड़े कार्यकर्ता है, उनका वजन नागपुर तक है। शहर जिला भाजपा की राजनीति से पीडि़त सच्चिदानंद उपासने से उपर से नीचे तक सभी से काम मांगा लेकिन नीचे वालों ने ध्यान नहीं दिया, उपर वाले कि ऐसी कृपा बरसी कि वे भी काम से लग गए और अब वे प्रधानमंत्री की कल्याणकारी योजना के प्रचार प्रमुख बन गए है। अब वे सीधे तौर पर पीएमओ से जुड़ गए है, प्रधानमंत्री की सभी जनकल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए पसीना बहाएंगे।

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