छत्तीसगढ़

ब्रांडेड कंपनी का लोगो लगाकर बना रहे थे, नकली पानी टंकी

Nilmani Pal
15 Jun 2022 5:36 AM GMT
ब्रांडेड कंपनी का लोगो लगाकर बना रहे थे, नकली पानी टंकी
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  1. विजिलेंस का छापा, लाखों के माल सहित फैक्ट्री सील
  2. 'जनता से रिश्ता' ने पहले ही बताया-नकली उत्पादों का गढ़ बना रायपुर
  3. धड़ल्ले से बनाएं जा रहे नकली सामान - 'जनता से रिश्ताÓ लगातार मार्केट में नकली उत्पाद के समाचार प्रकाशित कर शासन-प्रशासन के संज्ञान में लाने की कोशिश करते रहा है। जिसके फलस्वरुप विजिलेंस ने छापामार कर नकली उत्पाद का भंडाभोड़ किया है। राजधानी का मार्केट चाइना को भी मात दे रहा है। बड़े-बड़े ब्रांड वाले उत्पाद के डुप्लीकेट मार्केट में आसानी से उपलब्ध है। पिछले दिनों नाइक शूज कंपनी के नकली स्टीकर लगाकर बेचने की शिकायत कंपनी के प्रबंधन ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी, उसके बाद दिल्ली की टाम के साथ स्थानीय पुलिस ने गोलबाजार के एक दुकान में छापा मार कर सैकड़ों की तादात में नकली जूता पकड़ा। वहीं सिंटेक्स वाटर टैंक के नाम से हाल ही में नकली उत्पाद बेचने की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई की है। जानकारों का कहना है कि उरला, सिलतरा, सरोना, कुम्हारी, खमतराई में स्थापित फैक्ट्री जो प्लास्टिक के उत्पाद निर्माण करती है। उन फैक्ट्रियों में सबसे ज्यादा डिमांड वाले माल बनाकर धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। खासकर जूता, प्लास्टिक की पानी टंकी, बाल्टी, मग, साबुनदानी, पानी की बोतल, तालपत्री उरला, सिलतरा, सरोना की फैक्ट्रियों में बना कर मार्केट में सप्लाई किया जा रहा है।

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। रायपुर के एक प्लांट पर पुलिस और लीगल टीम ने छापा मारा। यहां बड़ी तादाद में प्लास्टिक के नकली प्रोडक्ट बरामद हुए हैं। रायपुर का ही एक कारोबारी अपने प्लांट में ब्रांडेड कंपनी के नाम पर नकली प्रोडक्ट तैयार करके मार्केट में बेच रहा था।

मामला प्लास्टिक वॉटर टैंक ब्रांड प्लास्टो से जुड़ा हुआ है। दिल्ली की इस कंपनी की लीगल टीम को खबर मिली थी कि रायपुर की एक प्लांट में नकली प्रोडक्ट का प्रोडक्शन किया जा रहा है। इसी के तहत स्थानीय पुलिस के साथ लीगल टीम प्लांट में पहुंची। बड़ी तादाद में प्लास्टो ब्रांड का फर्जी इस्तेमाल करते हुए प्रोडक्ट मिले, कॉपीराइट एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है।

पुलिस की मदद से लाखों का माला सीज कर दिया गया है। लीगल टीम की अधिवक्ता नम्रता जैन ने बताया कि अब यह मामला दिल्ली कोर्ट में चलाया जाएगा। कंपनी की हेड ऑफिस की तरफ से रायपुर के तेजस इंटरप्राइजेस पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है, प्लांट को भी सील किया जा रहा है।

रायपुर में हर महीने 50 लाख का कारोबार : रायपुर में नकली प्रोडक्ट का बाजार बड़ा है। शहर के व्यापारियों के मुताबिक कम कीमत की वजह से लोग इन प्रोडक्ट्स पर भरोसा कर खरीद लेते हैं और मुनाफे के चक्कर में दुकानदार इसे बेचते हैं। तीन महीने पहले रायपुर की पुलिस ने एसकेआर मोबाइल एसेसरीज की दुकान से रितेश कुमार अंदानी, विनय कृष्णानी, नितेश खत्री नाम के कारोबारियों को पकड़ा था इनके पास से एप्पल जैसे ब्रांड के नकली प्रोडक्ट मिले थे।

रविभवन में तिरूपति नावेल्टी कैप हाउस के दुकानदार को नाइकी, पोलो जैसी मल्टी नेशनल ब्रांड के लोगो वाले नकली सामान के साथ पकड़ा गया था। इन दोनों कार्रवाइयों में पुलिस को 3 लाख से ज्यादा के नकली प्रोडक्ट मिले थे। ऐसे मामलों में पुलिस कॉपी राईट एक्ट के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई करती है। रायपुर समेत प्रदेशभर में में ब्रॉडेड कंपनी के नाम पर नकली सामान खपाने का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। अकेले रायपुर में हर महीने करीब 50 लाख रुपये के इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण, कास्मेटिक, खाद्य सामग्री, कपड़े समेत अन्य सामान खपाया जा रहा है। दरअसल नामी कंपनियों के ट्रेडमार्क, स्टीकर का इस्तेमाल कर कारोबारी नकली सामान बेचने का गोरखधंधा रायपुर से लेकर पूरे प्रदेश में चला रहे हैं।

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