- छत्तीसगढ़ और रायपुर पुलिस की मेहनत रंग लाई, पिछले 15 सालों में नहीं हुई ऐसी ताबड़-तोड़ कार्रवाई
- राजधानी में रवि-आसिफ गैंग पर कब कसेगा शिकंजा - छग में नशे के कारोबार का मुख्य सरगना रवि और आसिफ हैं। इनके ही गैंग के माध्यम से गांजे की तस्करी से ले कर मादक पदार्थों की सप्लाई प्रदेश के पूरे इलाके में होती है। आखिर इनके ऊपर अधिकारी कब शिकंजा कसेंगे। रवि साहू और आसिफ पुलिस की कार्रवाई से बेखौफ हैं। छुटभैय्ये नेताओं से नजदीकी के कारण पुलिस कार्रवाई करन से बचती है।
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। छत्तीसगढ़ पुलिस नशा तस्करों के खिलाफ जबर्दस्त एक्शन मोड में है। पिछले दस महीने में ही पुलिस ने इतना गांजा पकड़ा है जितना उसने दस सालों में नहीं पकड़ा है। पिछले छ महीने के दौरान गांजा और ड्रग तस्करों पर प्रदेश भर में कई बड़ी कार्रवाई हुई जिसमें गांजे के बड़ी-बड़ी खेप पकड़ी गई है। पुलिस लगातार कार्रवाई कर तस्करों की धरपकड़ कर रही है बावजूद तस्करी बंद नहीं हो रही है। पुलिस जितनी कार्रवाई करती है उतने ही तस्कर और बड़ी खेप लेकर छग के रास्ते दिगर राज्यों में गांजा तस्करी कर रहे हैं। ओडि़शा और आंध्रप्रदेश से जुड़े होने के कारण उत्तर और मध्य भारत के राज्यों में छत्तीसगढ़ के रास्ते ही गांजे की तस्करी होती है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में भी गांजे और दूसरे ड्रग का धंधा बड़े पैमाने पर होता है जिसमें लोकल के साथ अंतर्राज्यीय तस्कर संलिप्त हैं। राज्य में गांजे का कारोबार और तस्करी को लेकर मुख्यमंत्री ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जिसके बाद पुलिस ने सीमाई जिलों में निगरानी तेज कर दी थी जिसके बाद तस्कर आए दिन पुलिस के जाल में फंस रहे थे। अब पुलिस ने जिलों में नारकोटिक्स सेल का गठन किया है जिसके बाद कार्रवाई में और तेजी आई है। पुलिस तस्करों को पकडऩे में बड़ी मेहनत कर रही है। इसका नतीजा भी सामने आ रहा है और तकरीबन हर रोज तस्कर पकड़े जा रहे हैं और उनसे करोड़ों का गांजा बरामद हो रहा है।
चार राज्यों से कारोबार, नौ तस्कर हो चुके गिरफ्तार
गांजा और नकली दवा के कारोबार का कनेक्शन चार राज्यों से जुड़ रहा है। ओडिशा, बिहार, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ से अब तक कुल नौ सप्लायर पकड़े गए हैं। इन आरोपितों की गिरफ्तारी से ये भी स्पष्ट हो रहा है कि सारा खेल मेडिकल स्टोर से संचालित हो रहा है। नारकोटिक्स सेल ने हाल में जो कार्रवाई और धरपकड़ की है उससे यह बात सामने आई है। इस कार्रवाई से एक सप्लाई चेन का पता चला है जिसके बाद पुलिस इस मामले में और जानकारी जुटा रही है। रायपुर के राजातालाब क्षेत्र से तौकीर अहमद उर्फ बबलू, शेख महबूब और रवि नारायण दीप को सबसे पहले पकड़ा गया। इनसे 15 किलो 500 ग्राम गांजा, 240 ग्राम चरस, 2400 प्रतिबंधित नशीली टेबलेट जब्त किए. इन आरोपियों से पूछताछ के बाद ओडिशा के तापस कुमार परीदा और समीर कुमार बरद के नाम सामने आए। रायपुर पुलिस ने इन्हें ओडिशा जाकर पकड़ा। इनके पास से आठ हजार नग नशीली टेबलेट, 3,100 प्रतिबंधित नशीले इंजेक्शन जब्त हुए। इसमें तापस मेडिकल स्टोर चलाता था। बाद में उसने मेडिकल स्टोर बंद कर इन सब सामाग्रियों की सप्लाई शुरू कर दी।
महासमुंद से निलेश शर्मा को 10 किलो गांजा के साथ पकड़ाया। निलेश की कडियां नंबर दो स्थान पर पकड़े गए समीर से जुड़ीं। सबसे अलग-अलग पूछताछ कर तथ्यों की जांच की गई। इनसे मिली जानकारी के आधार पर पश्चिम बंगाल निवासी अर्णब मजूमदार को ओडिशा से गिरफ्तार किया गया। मजूमदार निलेश और समीर को गांजा सहित नशे की अन्य सामाग्रियां सप्लाई करता था। नंबर चार पर पकड़ाया मजूमदार भी पूछताछ में टूट गया। उससे मिली जानकारी के आधार पर कमलेश उर्फ अमर यादव और सागर कुमार मोदी को पकड़कर रायपुर लाया गया। कमलेश यादव गया (बिहार) का और सागर मोदी बंगाल का रहने वाला है। पुलिस कहती है कि नंबर-5 पर पकड़ा गया सागर मोदी ही मुख्य तस्कर है।
बड़े सप्लायरों पर शिकंजा कसा
नारकोटिक्स सेल ने नशे के बड़े सप्लायरों को पकड़ा है। आगे जो भी तस्करों के नाम सामने आएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- प्रशांत अग्रवाल, एसएसपी, रायपुर
मेहनत पर नेता लगा रहे पलीता...
पुलिस मादक पदार्थों की तस्करी रोकने कड़ी मेहनत कर रही है बावजूद तस्कर बाज नहीं आ रहे हैं। कार्रवाई के बाद भी तस्करी लगातार जारी है। ओडि़शा से गांजा लेकर हर रोज छग के रास्ते दूसरे राज्यों में तस्करी कर रहे हैं। पुलिस की सूचना तंत्र जिन तस्करों के बारे में सूचना जुटा पाती है पुलिस उनके खिलाफ एक्शन लेती है लेकिन जिनकी सूचना नहीं मिल पाती वे तस्कर आसानी से राज्य की सीमा पार करने में कामयाब हो रहे हैं। तस्करों के हौसले बुलंद होने का एक और कारण इनकों नेताओं का संरक्षण प्राप्त होना है जिसके कारण कई तस्करों की सूचना प्राप्त होने पर भी पुलिस दबाव में कार्रवाई नहीं कर पाती। लोकल तस्करों पर कार्रवाई नहीं होने के पीछे मुख्य कारण उनको राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होना ही है। नेताओं के कारण ही पुलिस की मेहनत पर पानी फिर रहा है और तस्करी पर पुरी तरह लगाम नहीं लग पा रहा है।
रायपुर सहित पूरे प्रदेश की पुलिस गांजे की तस्करी रोकने जी तोड़ मेहनत कर रही है। पुलिस पर एक ओर कानून व्यवस्था बनाए रखने का दबाव है तो दूसरी ओर उसे प्रोटोकाल, नेताओं की सुरक्षा के साथ सामाजिक-सार्वजनिक आयोजनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी उठानी पड़ती है। इन सब के बावजूद अपराध और असामाजिक गतिविधियों को रोकने के लिए पुलिस पर सरकारें अपनी-अपनी तरह से दबाव बनाती है। पुलिस तमाम दबावों के बावजूद अपनी ड्यूटी बेहतर तरीके से निभाने का प्रयास करती है। लेकिन राजनीतिक संरक्षण के चलते उनकी मेहनत का पलीता निकल जाता है। अपराधी तस्कर नेताओं के आगोश में खुद को बचा ले जाते हैं और पुलिस फिर से मुहिम शुरु करने मजबूर हो जाती है। पुलिस ने गांजा की तस्करी रोकने जिस तरह सक्रियता दिखाई और विगत दस महीने में ही करोड़ों का गांजा पकड़ लिया। पुलिस की कार्रवाई काबिले तारीफ है लेकिन नेताओं के चलते उनकी कार्रवाई के बेहतर परिणाम सामने नहीं आ पाते।
9 लाख के गांजे के साथ 5 तस्कर गिरफ्तार
छत्तीसगढ़ के दो जिलों में पुलिस ने नशे के सौदागरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. पुलिस ने कवर्धा में करीब 6 लाख रुपये का गांजा जब्त किया है, तो वहीं बिलासपुर में 2 लाख रुपये का गांजा जब्त किया गया है. कुल 9 लाख रुपये का गांजा जब्त किया गया है. बोड़ला पुलिस ने गाजे की अवैध परिवहन करते दो आरोपियों को धर दबोचा है. नशे के सौदागर 59 किलो गांजा रायपुर से जबलपुर अर्टिका कार में तस्करी कर रहे थे. मुखबिर की सूचना पर बोड़ला पुलिस ने नाकेबंदी कर आने जाने वाली गाडिय़ों पर नजर रखी. जहां अर्टिका कार से 59 किलो गांजे के साथ दो आरोपियों को गिरफ्तार किया. जब्त किए गाजे की कीमत 6 लाख बताया जा रहा है. दोनों आरोपी पवन कुमार और यशपाल चौधरी से 3 नग मोबाइल जब्त कर आगे की कार्रवाई की जा रही है.कोटा पुलिस ने कार से गांजा बरामद किया है. घेराबंदी कर छेरकाबांधा के पास स्विफ्ट कार में ले जा रहे 52 किलो गांजा जब्त किया है. गांजे की जुमला राशि 2 लाख 60 हजार रुपए आंकी गई है. स्क्क रोहित झा की अगुवाई में पुलिस ने कार्रवाई की है. सरगना असफाक अहमद , विभाष यादव, संजय मिश्रा ओडिशा से कार में गांजा लाकर बिलासपुर समेत आसपास के जिले में सप्लाई कर रहे थे, तभी पुलिस के हत्थे चढ़ गए।
गांजे का कारोबार करते महिला सहित 5 गिरफ्तार
दुर्ग पुलिस ने नशे का कारोबार करने वालों पर शिकंजा कसते हुए 6 अलग-अलग स्थानों पर छापामार कार्रवाई की है। जिसमें से पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से अलग-अलग तकरीबन 6 किलो ग्राम मादक पदार्थ गांजा बिक्री रकम करीबन 6 लाख रुपए नकद जब्त किया है।
बस्तर में 3 गांजा तस्कर गिरफ्तार
बस्तर पुलिस ने 3 गांजा तस्करों को गिरफ्तार किया है. जानकारी के मुताबिक थाना बोधघाट एवं परपा को सूचना प्राप्त हुआ था कि कुछ गांजा तस्कर द्वारा उडीसा से जगदलपुर की ओर गांजा तस्करी किया जा रहा है, सूचना पर थाना प्रभारी बोधघाट लालजी सिन्हा एवं थाना प्रभारी परपा धनंजय सिन्हा के नेतृत्व में टीम गठित कर कार्यवाही हेतु ग्राम करकापाल एवं ग्राम पण्डरीपानी चैक की ओर रवाना किया गया था। उक्त टीम के द्वारा ग्राम करकापाल चौक में 1 संदिग्ध व्यक्ति मिला जिसे घेराबंदी कर पकड़ कर पूछताछ करने पर अपना- नाम मोहम्मद फारूख निवासी ग्राम करकापाल जगदलपुर होना बताया गया, जिनकी तलाशी लेने पर जिनके पास से 04 किलोग्राम गांजा मिला, जिस संबंध में पूछताछ करने पर गांजा रखने का वैधानिक प्रत्युत्तर नही दिया गया, मामलें में आरोपी के कब्जे से 04 किलोग्राम गांजा, 01 मोबाईल एवं 2800/-रूपये नगद बरामद कर जप्त किया गया है, जप्तशुदा गांजा की कीमत 20,000/-रूपये आंकी गई है।
बाइक में कर रहा था गांजा की तस्करी, चेकिंग के दौरान ऐसे आया पकड़ में
मादक पदार्थ गांजे का तस्करी करते एक आरोपी को पकडऩे में वाड्रफनगर चौकी पुलिस ने सफलता हासिल की है. आरोपी के विरूद्ध एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर जेल भेजा गया है. पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज एवं पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण साहू व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुशील नायक द्वारा जिले में शराब बिक्री व नशीले मादक पदार्थ पर अंकुश लगाने जिले के समस्त थाना एवं चौकी प्रभारियों को निर्देशित किया गया है. एसडीओपी अनिल विश्वकर्मा, बसंतपुर थाना प्रभारी राजकुमार लहरे के नेतृत्व में वाड्रफनगर चौकी प्रभारी विनोद पासवान को मुखबिर से सूचना मिली कि ग्राम पनसरा में नशीली मादक पदार्थ बिक्री करने के उद्देश्य से आरोपी मोटर साइकिल से जा रहा है।
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