आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों के पोषण स्तर की जांच के लिए चलेगा वजन त्यौहार
आंगनबाड़ी केंद्र में दर्ज बच्चों के अलावा वजन त्यौहार आयोजन के समय बाहर से आए बच्चे भी वजन लेने से वंचित न रहे यह भी सुनिश्चित करने कहा गया है। वजन त्यौहार के आयोजन की तिथि में आंगनबाड़ी केन्द्र शाम 5 बजे तक अनिवार्यतः खुले रखने कहा गया है। किशोरी बालिकाओं में एनीमिया के स्तर में सुधार के लिए वजन त्यौहार के दौरान उनके एनीमिया के स्तर का आकलन भी किया जाएगा। नगर निगम एवं नगर पालिका क्षेत्रों के कॉलोनियों में जहां संभावित घुमन्तू बच्चे हो सकते हैं तथा निर्माण साईट पर जहां श्रमिक परिवार सहित निवास करते हैं उन सभी क्षेत्रों में बच्चों के वजन के लिए पर्याप्त संख्या में स्टाफ सहित चलित वाहन की व्यवस्था की जायेगी।
वजन त्यौहार के दौरान आंगनबाड़ी केन्द्रों में 6 वर्ष से कम आयु बच्चों के पोषण स्तर का आकलन के साथ ही बच्चों की निःशक्तता की स्थिति भी ज्ञात की जाएगी। इससे स्थान विशेष और वर्गाें में कुपोषण की पहचान होगी और किन स्थानों पर, किन कारणों से कुपोषण अधिक है यह स्पष्ट हो सकेगा। जिससे उनके लिए विशेष योजना बनाई जाएगी। बच्चों के पोषण स्तर के बारे में अभिभावकों को अवगत कराते हुए उन्हें कुपोषण के संबंध में जागरूक कर, बच्चों को कुपोषण से बाहर लाने हेतु उचित परामर्श दिया जाएगा।
वजन त्यौहार का उददेश्य जन-जन को कुपोषण के प्रति जागरूक करना है। इस दौरान सभी विकासखण्ड़ों में क्लस्टरवार वजन त्यौहार का आयोजन किया जाएगा। जिसके अंतर्गत प्रत्येक गांव, आंगनबाडी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी 06 वर्ष से कम आयु के बच्चों का वजन और ऊंचाई लेकर उनका पोषण स्तर (बौनापन तथा दुर्बलता) का माप किया जाएगा। साथ ही प्राप्त आंकड़ो के आधार पर कुपोषण की दर में कमी लाने हेतु लक्ष्यों का निर्धारण कर जिला स्तर पर उपयुक्त कार्ययोजना बनाई जाएगी।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2012 से अब तक कुल 9 बार वजन त्यौहार का आयोजन किया जा चुका है। वजन त्यौहार में निर्धारित तिथि में बच्चों का वजन लिया जाकर ऑनलाईन सॉफ्टवेयर के माध्यम से पोषण स्तर का पता किया जाता है। इस दौरान कम वजन वाले बच्चों को चिन्हांकित कर कुपोषण की सही स्थिति का पता किया जाता है। इस अभियान में किशोरी बालिकाओं की जांच को भी शामिल किया गया है।
वजन त्यौहार की प्रमाणिकता हेतु सहयोगी स्वैच्छिक संस्थाए जैसे यूनिसेफ, केयर, वर्ल्डविजन, स्वैच्छिक संगठन, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय द्वारा लिए गए वजन की नमूना जांच और सर्वे की प्रक्रिया भी संपादित कराई जायेगी। कार्यक्रम के सुचारू एवं गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तरीय और प्रशिक्षण केंद्र के अधिकारियों को भी निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण का दायित्व दिया गया है।