रायपुर। छत्तीसगढ़ विज्ञान केन्द्र द्वारा अपने स्थापना दिवस के अवसर पर आज 'युवाओं को नवाचार और रचनात्मकता की दिशा में' प्रेरित करने के लिए राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया। वेबीनार में विद्यालयीन छात्र-छात्राओं व शिक्षकों सहित प्रबुद्धजनों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ रीजनल साईंस सेंटर को राज्य का प्रथम साईंस सेंटर होने का गौरव प्राप्त है, जिसकी स्थापना केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय 13 जुलाई 2012 को की गई थी। स्थापना वर्ष से ही साईंस सेंटर द्वारा प्रदेश के विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं आम जनमानस में विज्ञान के प्रति रूचि एवं जागरूकता लाने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही विज्ञान विषय से संबंधित राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्व के दिवसों पर देश-प्रदेश के विषय-विशेषज्ञों का व्याख्यान कर लोगों को विज्ञान के प्रति जागरूक भी कर रहे हैं।
साईंस सिटी देहरादून के सलाहकार एवं भारतीय मानव विज्ञान सर्वेक्षण संस्कृति मंत्रालय के पूर्व महानिदेशक श्री जी.एस. रौतेला ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी हमारे जीवन का हिस्सा है। स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के बारे में अध्ययन करते है, सीखते है, लेकिन वास्तविक में विज्ञान के आधारभूत सिद्धांत, प्रौद्योगिकी और कौशल का ज्ञान हमें अपने आसपास के वातावरण में घटित हो रही घटनाओं के अवलोकन एवं उसके विश्लेषण से होता है। उन्होंने कहा कि समसामयिक अनुसंधान के प्रति जन जागरूकता विकसित करने और आम नागरिकों में विज्ञान के प्रति रूचि जागरूक करने में विज्ञान केन्द्रों की मत्वपूर्ण भूमिका होती है। विज्ञान केन्द्र का मुख्य उद्देश्य विज्ञान के अनौपचारिक शिक्षा के माध्यम से लोगों के वैज्ञानिक सोच, जिज्ञासाओं और संदेह का समाधान करना है।
श्री रौतेला ने कहा कि प्रौद्योगिकी और ज्ञान आधारित युग में विज्ञान महत्वपूर्ण स्थान रखता है। सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काफी विकास के बाद आज दुनिया अभूतपूर्व और दुर्गामी परिवर्तनों के दौर से गुजर रही है। किसी भी राज्य, देश और उसकी जनता की उपलब्धि को नई प्रौद्योगिकी में कुशलता से निर्धारित किया जा सकता है। हमें नये कौशल सीखने और तकनीकी नवाचार के लिए खुद को अनुकूलित करने की जरूरत है।
छत्तीसगढ़ क्षेत्रीय विज्ञान केन्द्र रायपुर के महानिदेशक श्री मुदित कुमार सिंह ने वर्चुअल कार्यक्रम में बताया कि छत्तीसगढ़ रीजनल साईंस सेंटर के माध्यम से समाज में वैज्ञानिक संकाय को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ उनमें तार्किक वैज्ञानिक सोच विकसित किया जा रहा है। नवीन खोजों एवं प्रयोगिक क्रियाकलापों को स्वयं करके सीखने की प्रक्रिया को विकसित करने के साथ-साथ विज्ञान, तकनीकी, ऊर्जा एवं पर्यावरण से मानव जीवन के संबंधों को मॉडल के माध्यम से प्रदर्शन कर प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि स्थानीय संस्थाओं और स्कूलों के सहयोग से नवीनतम वैज्ञानिक तथा तकनीकी अविष्कारों का प्रदर्शन भी किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ रीजनल साईंस सेंटर के संचालन के साथ रायगढ़ में भी इनोवेशन हब में विकसित करने 3 करोड़ 57 लाख रूपए की लागत से साईंस सेंटर (केटेगरी-3) की स्थापना की जा रही है। वेबीनार कार्यक्रम का संचालन डॉ. छंदा बैनर्जी ने की। इस मौके पर रीजनल साईंस सेंटर के अधिकारी एवं कर्मचारी भी वेबीनार के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुए।