छत्तीसगढ़

तेरे हर झूठ को सच मान लेते हैं हमेशा हम, हमें भी रस्म-ए-उल्फ़त को निभाना खूब आता है

Nilmani Pal
29 Oct 2021 5:06 AM GMT
तेरे हर झूठ को सच मान लेते हैं हमेशा हम, हमें भी रस्म-ए-उल्फ़त को निभाना खूब आता है
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'जनता से रिश्ता' वेब डेस्क'

जाकिर घुरसेना-कैलाश यादव

वेक्सीन पर सवाल उठाने वाले और भ्रम फ़ैलाने वालो द्वारा खुद वेक्सीन लेने की जानकारी एक चैनल ने दिया था। चैनल के मुताबिक सपा के अखिलेश यादव ने इसे भाजपा का वेक्सीन बताया तो आप के केजरीवाल जी ने दो साल में वेक्सीन लगने की बात बोल रहे थे वहीँ कांग्रेस द्वारा वेक्सीन विदेश भेजने की बात किया जा रहा था। चैनल ने इसे विपक्ष की तुच्छ राजनीति बताया था। मोदी जी ने सब के बात को दरकिनार करते हुए बाजी मार लिए। पूरे देश में 100 करोड़ डोज़ वेक्सीन पूरा होने का जश्न भी मनाया गया। प्रधानमंत्री जी ने इस शुभअवसर पर देश को सम्बोधित भी किया। लेकिन अब सवाल ये उठता है कि कोरोना का खौफ इतना हो गया था कि आज से चार छह महीने पहले मर चूंकि एक महिला को भी वेक्सीन लगाना पड़ गया। और उसको सर्टिफिकेट भी जारी हो गया। स्वर्ग में भी कहीं वेक्सिनेशन की सर्टिफिकेट लेकर जाना तो नहीं पड़ रहा है। है ना कमाल की बात। दरअसल हुआ ये कि बिलासपुर निवासी एक 62 वर्षीय महिला जिसकी मृत्यु 4 मई 21 को कोरोना से हो गया था हालांकि मृत्यु से पहले पहला डोज़ उनको लग चुका था। दूसरा डोज़ डेढ़ महीने बाद लगना था लेकिन पहला डोज़ के एक हफ्ते बाद ही उक्त महिला परलोक सिधार गईं। अब उसके बेटे के मोबाईल नंबर में मेसेज आया और दूसरा डोज़ लगवाने की बधाई दी साथ ही भारत सरकार की ओर से सर्टिफिकेट भी जारी हो गया। जनता में खुसुर-फुसुर है कि क्या 100 करोड़ डोज़ ऐसा ही तो नहीं लगा? इसी बात पर मशहूर शायरा चांदनी पांडेय ने ठीक ही कहा है कि- तेरे हर झूठ को सच मान लेते हैं हमेशा हम, हमें भी रस्म-ए-उल्फ़त को निभाना खूब आता है।

बाबा रामदेव ने पलटी मारी

पेट्रोल डीज़ल के बढ़ते रेट और आसमान छूती मंहगाई ने मध्यम और गरीब वर्ग के लोगों की कमर तोड़ दी है। इसी विषय पर योगगुरु बाबा रामदेव ने तकरीबन 9 साल पहले कहा था कि कालाधन देश में वापस आ जाएगा तो पेट्रोल 30 रुपये लीटर मिलने लगेगा। बीच में जब सरकार बदली तो कालेधन पर लगाम लगाने के लिए कई कड़े और बड़े फैसले भी लिए गए, काला धन तो वापस नहीं आया लेकिन आज भी पेट्रोल-डीजल के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी हो रही है। हालांकि बाबा रामदेव ने अब अपनी बात से यूटर्न ले लिया है। बाबा रामदेव का एक वीडियो सामने आया है जिसमें पेट्रोल डीजल की कीमतों पर पत्रकारों के सवाल पर अब उनकी भाषा ही बदल गई वे कहते हैं कि उसके अनुरूप यदि तेल बेचा जाए और उसके ऊपर टैक्स कम कर दिया जाए तो निश्चित रूप से जो मैंने बोला था, वो हो सकता था, यानि पेट्रोल डीज़ल का रेट अभी भी कम हो सकता है अगर केंद्र सरकार बाबा का कहना मान ले। 9 साल पहले बाबा रामदेव ने एक ट्वीट किया था कि कालाधन वापस आए तो पेट्रोल 30 रुपये में मिलेगा। दिलचस्प बात यह है कि कुछ दिनों पहले ही बाबा रामदेव ने अपना यह ट्वीट डिलीट कर दिया है। इस ट्वीट के डिलीट होने के बाद ट्विटर पर मौजूद लोगों ने बाबा रामदेव के मजे लेने शुरू कर दिए। पहले 30 रुपये लीटर पेट्रोल वाले ट्वीट को डिलीट करना और अब उस पर यूटर्न के बाद कांग्रेस नेताओं ने भी बाबा रामदेव को निशाने पर लिया है। यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा-अब तो लाला जी के मुंह में दही जम चुका है। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह इस वीडियो को रिट्वीट करते हुए लिखा-मैंने जब इसे आज से नौ साल पहले ठग कहा था क्या ग़लत कहा था? जनता में खुसुर-फुसुर है कि ट्वीट को डिलीट करने में ही भलाई है वर्ना 9 साल पहले की रामलीला मैदान की घटना दोहरा न दे।

जो कहा सो किया

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में रविवार 3 अक्टूबर को हुई हिंसा में मारे गए किसानों के परिजन को 50-50 लाख रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया था। लखनऊ एयरपोर्ट पर ही मुख्यमंत्री ने ऐलान किया था कि किसानों के परिजनों और मारे गए एक पत्रकार के परिवार को 50 लाख रुपये की सहायता राशि देंगे। आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों की याद में स्पोट्र्स स्टेडियम का निर्माण और 1 करोड़ रुपये देने का किया ऐलान पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भी किया था। घटना के बाद से ही लगातार लखीमपुर खीरी में किसान नेताओं और प्रशासन के बीच काफी तनातनी चल रही थी। चेक लेकर मंत्री शिव डहरिया लखीमपुर पीडि़तों के परिजनों से मिलकर वादे के मुताबिक उन्हें चेक सौंपा। शाबास मुख्य्मंत्री जी! जो कहा सो तुरंत कर दिखाया।

राजनीति जो ना कराये कम है

राम के नाम पर राजनीति की रोटी सेंकने वालों को कुछ भी नजऱ नहीं आएगा, अगर जो उनके साथ है तो ठीक है जो नहीं हैं और वे राम के बारे में कुछ बोले तो मामला सड़क से सदन तक गर्मा जाती है। जरुरी भी है क्योकि मामला मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का जो है। करोड़ों लोगो का आस्था का सवाल है और आस्था पर चोट हरगिज बर्दाश्त नहीं होना चाहिए ऐसे लोगों को एनडीए से बाहर का रास्ता भी दिखाना चाहिए। क्या मजबूरी है कि भाजपा को सत्ता में बने रहने के लिए उस नेता से समझौता करना पड़ रहा है जो भगवान और रामायण के अस्तित्व पर सवाल उठा रहे हैं। जीतनराम मांझी जो बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री हैं और एनडीए के सहयोगी भी हैं । उन्होंने एक बयान दिया कि भगवान राम और रामायण ग्रन्थ काल्पनिक है। ऐसा बयान आने के बाद नेतागण कहां खो गए जो इस प्रकार का मामला होने पर एक दूसरे को कटघरे में खड़ा करने से नहीं चूकते ? जनता में खुसुर-फुसुर है कि उन्हें सिर्फ कुर्सी चाहिए।

देश-विदेश के आदिवासियों का दाऊ को मिला समर्थन

संस्कृति, परंपरा और तीज त्योहारों को संरक्षित रखने स्थानीय कला को संवर्धन करने के प्रयास में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में देश-विदेश में निवासरत आदिवासियों का भरपूर समर्थन मिला है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि दाऊ ने अपने प्रभावशाली कामकाज से पिछले तीन सालों में जो उपलब्धि प्रदेश को दी है, उससे ढाई-ढाई वाला मसला छोटा पड़ते नजर आ रहा है। बाबा चाहे दिल्ली में डेरा डाले रहे या राजधानी में रहे दाऊ को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। हाईकमान से बाबा 10 दिनों में मुलाकात नहीं कर पाए, वहीं दूसरे बाबा मोहन मरकाम कार्यसमिति की बैठक के बहाने हाईकमान से मिलकर अपना दुखड़ा सुनाने में सफल हो गए। उसके बाद भी हाईकमान ढाई-ढाई साल वाले जिन्न को बोतल से बाहर नहीं निकलने दिया इससेे साफ है कि दाऊ निष्कंटक अपना कार्यकाल पूरा करेंगे।

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