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दिल्ली। जीएसटी काउंसिल की 47वीं बैठक (GST Council Meetings) इसी महीने 28 और 29 तारीख को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में होने वाली है. उससे पहले आज ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (Group of Ministers) की अहम बैठक हुई. इस बैठक में ब्याज दरों में कटौती को लेकर फैसला लिया जाने वाला था. सीएनबीसी आवाज की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की बैठक में टैक्स स्लैब (GST Tax Slabs) में बदलाव को लेकर अंतिम राय नहीं बन पाई. इस मुद्दे पर फिर से विचार करने का फैसला लिया गया. इस बैठक में राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के मंत्री रहे. इसके अलावा कर्नाटक, गोवा और केरल सरकार के मंत्री भी इस बैठक में मौजूद रहे. इसी महीने आखिरी सप्ताह में काउंसिल की बैठक में अहम फैसलों पर मुहर लगेगा.
आज की बैठक में राज्यों को रेवेन्यू में होने वाले नुकसान को 5 साल से ज्यादा तक जारी रखने की भी मांग की गई. बता दें कि पूरे देश में 1 जुलाई 2017 को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स को लागू किया गया था. सरकार ने उस समय वादा किया था कि पांच सालों तक राज्यों को रेवेन्यू में होने वाले नुकसान की भरपाई की जाएगी. कोरोना के कारण सारी स्थितियां बिगड़ गई हैं.
आज की बैठक में तीन प्रमुख बिंदुओं पर विचार किया गया. पहला बिंदु यह था कि जीएसटी का स्ट्रक्चर आने वाले दिनों में किस तरह का होगा. फिलहाल दर्जनों ऐसे प्रोडक्ट्स हैं जो एग्जेम्प्ट की कैटिगरी में आते हैं. इन प्रोडक्ट्स पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगता है. क्या इन प्रोडक्ट्स को जीएसटी के दायरे में लाया जाए या नहीं, इस संबंध में भी विचार किया जाएगा. तीसरा प्रस्ताव जीएसटी स्लैब के मर्जर से संबंधित है. वर्तमान में जीएसटी के चार स्लैब हैं. पहला 5 फीसदी फिर 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी. 12 फीसदी और 18 फीसदी के स्लैब को मर्ज कर बीच में 15-16 फीसदी करने की चर्चा पूर्व में भी की गई है.