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पंजाब। पंजाब में एक बार फिर किसान सड़कों पर है. किसान कुछ मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं और इस प्रोटेस्ट को भी सिंघु बॉर्डर की तरह ही देखा जा रहा है. जिस तरह सिंघु बॉर्डर पर किसान लंबे समय तक प्रदर्शन कर रहे थे और अपने साथ राशन-टेंट लेकर आए थे, ठीक वैसे ही इस किसान प्रदर्शन में भी हो रहा है. किसान प्रदर्शन की कई तस्वीरें सामने आ रही हैं, जिसमें दिख रहा है कि किसान कूलर, पंखे लगाकर आराम से लैटे हुए है. वहीं, आराम से खाना खा रहे हैं और सिंघु बॉर्डर की तरह सड़क पर बैठे हुए हैं. ऐसे में सवाल ये है कि आखिर इस बार किसान प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं और प्रदर्शन किस तरह हो रहा है. तो आज हम आपको बताते हैं कि किसानों की क्या मांगे हैं और किसानों की ओर से क्या अल्टीमेटम दिया गया है, जिसकी वजह से इसकी किसान प्रदर्शन की ज्यादा चर्चा हो रही है.
पंजाब के किसान खेती से जुड़े मुद्दों को लेकर राज्य की राजधानी जाने से रोके जाने के बाद चंडीगढ़-मोहाली सीमा के निकट धरने पर बैठ गए. किसान चंडीगढ़ जा रहे थे, लेकिन ऐसा करने से रोकने के बाद वे मोहाली बॉर्डर पर डेरा डालकर बैठ गए हैं. बता दें कि 17 मई को राज्य के मुख्यमंत्री के साथ बैठक रद्द होने के बाद नाराज़ किसान चंडीगढ़ जाकर प्रदर्शन करना चाहते थे लेकिन पुलिस ने उन्हें बॉर्डर पर ही रोक दिया. अब किसानों का अल्टीमेटम है कि वे बुधवार को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच करेंगे और किसानों का कहना है कि फिर चाहे लाठी खानी पड़े या बैरिकेड तोड़ना पड़े. इसके अलावा किसानों की डिमांड है कि वे मुख्यमंत्री से मुलाकात करना चाहते हैं.
बता दें कि इस बार 16 किसान संगठन अपनी अलग अलग मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं. उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी गईं वे धरना बंद नहीं करेंगे. अब बात करते हैं कि किसानों की क्या मांगे हैं. किसानों की सबसे अहम मांग है गेहूं की पैदावार कम होन पर 500 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस दिया जाएगा. इसके अलावा धान की बुवाई के लिए बिजली आपूर्ति, मूंग, मक्का और बासमती की एमएसपी पर खरीद, बासमती का रेट, पंजायती जमीनों पर किसानों का कब्जा ना हटाया जाए, किसानों के दो लाख रुपये तक का कर्जमाफ जैसे मुद्दे शामिल है.