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राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. वह संभवत: देश की अगली राष्ट्रपति बनने जा रही हैं. हालांकि, यह दुर्भाग्य है कि इतने बड़े पद पर पहुंचने के करीब होने के बाद भी आज उनके पैतृक गांव में बिजली उपलब्ध नहीं है. द्रौपदी मुर्मू का जन्म ओडिशा (Odisha) के मयूरभंज जिले के ऊपरबेडा गांव में हुआ है. इस गांव की आबादी 3500 के करीब है और यहां दो टोले बड़ा शाही और डूंगरीशाही हैं. बड़ाशाही में तो फिर भी बिजली उपलब्ध है, लेकिन डूंगरीशाही में आज बिजली नहीं पहुंच चुकी है. यहां के लोग अंधेरे में केरोसीन तेल का इस्तेमाल करके काम चलाते हैं.
जब से द्रौपदी मुर्मू का नाम राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए उम्मीदवार के तौर पर उभरा है, तब से ही उनका गांव ऊपरबेडा भी काफी चर्चा में है. जब पत्रकारों को इस गांव में बिजली नहीं मिली तो उन्होंने इसको मुद्दा बनाया. आज आलम यह है कि यहां युद्ध स्तर पर बिजली पहुंचाने के लिए काम किया जा रहा है, जहां राज्य सरकार की तरफ से आदिवासी बहुल इलाके में खंभे लगाने और ट्रांसफार्मर लगान का काम हो रहा है. बता दें कि अगले महीने होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए कुछ सामान्य लोगों ने भी अपने नामांकन पत्र दाखिल किए हैं. इनमें मुंबई के एक झुग्गी निवासी, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के हमनाम, तमिलनाडु के एक सामाजिक कार्यकर्ता, दिल्ली के एक प्रोफेसर आदि शामिल हैं. राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए ने द्रौपदी मुर्मू को अपना उम्मीदवार बनाया है जबकि विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा हैं. मुर्मू ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था. विपक्षी दलों के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा आज राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल करेंगे.
अब तक कम से कम 30 अन्य ने भी राज्यसभा महासचिव और चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी पीसी मोदी के समक्ष अपना नामांकन दाखिल किया है. मुंबई के मुलुंड उपनगर में अमर नगर स्लम संख्या एक के निवासी संजय सावजी देशपांडे ने नौ जून को चुनाव की घोषणा के कुछ दिनों बाद अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था. बिहार के सारण के रहने वाले लालू प्रसाद यादव, तमिलनाडु के नमक्कल जिले के एक सामाजिक कार्यकर्ता टी. रमेश और दिल्ली के तिमारपुर के प्रोफेसर दयाशंकर अग्रवाल उन लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल कर लोगों का ध्यान आकर्षित किया है.