छत्तीसगढ़

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में सरकारी धन का बंदरबाट

Nilmani Pal
30 Oct 2021 5:28 AM GMT
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में सरकारी धन का बंदरबाट
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  1. शिकायतों की अनदेखी, निरीक्षण के बिना ठेकेदारों के बिल हो रहे पास
  2. करोड़ों की लागत से बनी सड़कें चंद महीनों में हो रही खस्ताहाल
  3. गरियाबंद की संभाग की अधिकांश सड़कें पहली बरसात में ही धुलीं
  4. प्रदेश के हर जिले में ग्रामीण खराब सड़कों की शिकायत कर रहे
  5. सरकार नींद में, अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदार बखौफ

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। प्रदेश में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत करोड़ो की लागत से बनी सड़कें घटिया निर्माण और गुणवत्ताहीन होने के चलते चंद महीनों में ही दम तोड़ रही हैं। आवागमन की सुलभ सुविधा उपलब्ध कराने के नाम पर प्रशासनिक अमला ठेकेदारों के साथ सांठगांठ करके सड़क निर्माण को सजावट की तरह परोस रहे हैं जो चंद दिनों में जर्जर अवस्था में पहुंच कर लोगों की मुसीबतों को और बढ़ा रही हैं। घटिया सड़कें निर्माण के चंद महीनों में ही इतनी खराब हो रही हैं कि उस पर चलना दूभर हो रहा है। लोगों को खराब और धूल भरी सड़कों से स्वास्थ्यगत परेशानियों से भी जूझना पड़ रहा है। अधिकारियों की ठेकेदारों से मिलीभगत और सरकार और विभाग की चुप्पी से इस योजना के तहत बनाई जा रही सड़कों में व्यापक भ्रष्टाचार हो रहा है। अधिकारी मोटी कमीशन लेकर ठेकेदारों को मनमानी करने खुली छुट दे रहे हैं जिसके चलते गुणवत्ता और मापदंडों को ताक पर रखकर सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। शिकायतों के बाद भी ठेकेदारों और उन्हें संरक्षण देने वाले अधिकारियों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं होती। जिससे इनके हौसले बुलंद हैं और योजना के नाम पर सरकारी धन को लूटा जा रहा है।

जशपुर जिले में भी घटिया निर्माण की शिकायत

जशपुर जिले के फरसाबहार ब्लाक के ग्राम कुह्लारबुड़ा से जोरण्डा झरीया के बीच बन रहे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत घटिया सड़क निर्माण को लेकर लोगों ने मोर्चा खोल दिया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बन रहे पुलिया के निर्माण में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखने का आरोप लगाते हुए इसकी जांच की मांग की है। शिकायत के बाद भी ठेकेदार द्वारा गुणवत्ता में सुधार न किए जाने से परेशान नागरिकों ने इसकी शिकायत जिला पंचायत सदस्य नवीना पैंकरा से की। शिकायत पर निरीक्षण करने जब जिला पंचायत सदस्य नवीना पैंकरा निर्माणाधीन पुलिया देखने पहुंची तो वह वहां के गुणवत्ताहीन काम देखकर खुद दंग रह गई। सुश्री पैंकरा ने बताया कि पुलिया में गुणवत्ताहीन कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 12 घमेला गिट्टी 6 घमेला रेंत और मात्र एक घमेला स्तरहीन कंपनी के सीमेंट का उपयोग कर निर्माण कार्य किया जा रहा है।सुश्री पैकरा ने बताया कि केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में एक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का उद्देश्य पहुंचविहीन गांवों में सड़कों का जाल बिछाकर सुगमता से आवागमन के साथ शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा देना होता है। लेकिन इसके विपरीत ठेकेदार और विभागीय अधिकारी की मिलीभगत से इस योजना पर पतीला लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस घटिया पुलिया निर्माण में जिस तरह नियमों के विपरीत सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है.उससे राहगीरों सहित ग्रामीणों के लिए जानलेवा साबित होगा.और लोग बड़ी दुर्घटना के शिकार हो सकते है।

जानकारी के अनुसार गंझियाडीह से ओड़सा सीमा को जोडऩे के लिए पेरवांआरा तक लगभग 25 किलोमीटर तक सड़क निर्माण किया जाना है। जिसमें बीच बीच पर सीमेंट पोल लगाकर पुलिया निर्माण किया जाना है।करोड़ो रूपये से बनने वाले यह सड़क भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ रहा है और शासकीय राशि का जमकर बंदरबाट किया जा रहा है। सुश्री नवीना पैंकरा ने कहा कि विभागीय अधिकारियों को मोबाइल पर संपर्क करने के बाद उनके द्वारा फोन बंद कर कोई जवाब नहीं दिया गया। उनका कहना है कि मामले को लेकर कलेक्टर, संसदीय सचिव और कुनकुरी विधायक सहित मुख्यमंत्री,प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर ठेकेदार और विभागीय अधिकारियों से वे कार्रवाई करने की मांग करेंगी। आवश्यकता पडऩे पर वे धरने में बैठकर ग्रामीणों के साथ विरोध प्रदर्शन करेंगी।

शिकायत के बाद भी दिया ठेका

उल्लेखनीय है कि यह पहली बार अनियमितता और भ्रष्टाचार का पहला मामला नही हैं। ठेकेदार के ऊपर लैलूंगा से लवाकेरा,कोतबा से बागबहार सड़क निर्माण में 64 करोड़ रुपये से बनाई गई सड़क भारी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी हैं । जिसको लेकर कुनकुरी विधायक ने खुलकर विरोध जताते हुए बार बार इसकी जांच कराई थी। जांच में भारी गड़बड़ी और अनियमितता मिलने के बाद भी ठेकेदार पर कोई कार्रवाई नही की गई और ना ही उसे ब्लेक लिस्टेड किया गया.बल्कि इसी ठेकेदार को पुन: सुरंगपानी से लुड़ेग बने पीएमजेएसवाई सड़क निर्माण का जिम्मा दिया गया.और यह सड़क भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। शिकायत पर संबंधित अधिकारी जांच कर कार्रवाई की बात कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं।

गुणवत्ता-मानक दरकिनार, खुलेआम हो रहा भ्रष्टाचार

गरियाबंद संभाग में पिछले साल दो साल में जितनी भी सड़कें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाई गई अथवा बनाई जा रही हैं् उनमें गुणवत्ता और मापदंडों को नजरअंदाज कर घटिया निर्माण ठेकेदारों ने किया है और सभी निर्माण वहां सालों से काबिज ईई के देखरेख में हो रहा है। खराब सड़कों को लेकर जनप्रतिनिधि और ग्रामीण लगातार शिकायत करते आ रहे हैं लेकिन न तो जांच होती है और न सड़कों का स्तर सुधारा जाता है। घटिया निर्माण के बाद भी ठेकेदारों के बिल आसानी से पास हो रहे हैं। घटिया निर्माण करने वाले ठेकेदारों पर कार्रवाई तो दूर उन्हें खराब सड़कों के मेंटनेंस के लिए भी बाध्य नहीं किया जाता। गरियाबंद संभाग में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में व्यापक भ्रष्टाचार को वहां सालों से पदस्थ कार्यपालन यंत्री प्रत्यक्ष रूप से बढ़ावा दे रहे हैं। ठेकेदारों के साथ सांठगांठ कर कमीशनखोरी के कारण ही इलाके में घटिया सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। उक्त अधिकारी का मंत्री और सचिव स्तर पर पकड़ व पहुंच होने के कारण ठेकेदार बेधड़क बेखौफ घटिया निर्माणकर सरकारी पैसों का बंदरबाट कर रहे हैं। उक्त अधिकारी स्वयं को बीमार बताकर अपनी जिम्मेदारियों को इतिश्री कर लेते हैं। जबकि संभाग में योजना के क्रियान्वयन के लिये सबसे जिम्मेदार अधिकारी होने के नाते भ्रष्टाचार विहिन निर्माण कार्य सुनिश्चित करना उनका दायित्व है। सरकार और विभाग स्तर पर ऐसे अधिकारियों को लगातार उपकृत किया जाना भी अचंभित करता है।

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