रायपुर। राष्ट्र संत, जैन मुनि ललितप्रभ सागर जी महाराज ने आज श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए खुशहाल जीवन के तीन सूत्र दिए. अगर आप खुशहाल जीवन जीना चाहते हैं तो चिंता, गुस्सा और ईर्ष्या को अपनी जिंदगी से हटा दो, जीवन सफल हो जाएगा. तीनों को परिभाषित करते हुए गुरूवर ने कहा कि जब जो होना है, वो होगा. इसलिए चिंता ना करें. आप चिंता करेंगे तो वो यानि ईश्वर चिंता करना बंद कर देगा इसलिए सब उस पर छोड़ दें. आपके सारे काम होंगे.
इस दौरान संत शांति प्रिय सागर जी महाराज उपस्थित थे. संतश्री ललितप्रभ सागर जी महाराज ने आगे कहा कि हम दूसरों की गलती पर मुस्कुराते हैं और अपनी गलती को छुपाते हैं. मन की शांति पाने के लिए जरूरी है गुस्सा यानि क्रोध ना किया जाए. गुस्सा आने से परिवार में कलह रहती है और गुस्सा करने वाला व्यक्ति उपहास का पात्र बन जाता है चाहे वह परिवार हो या समाज. आप प्रण कर लीजिए कि गुस्सा किए बगैर शांत मन से अपनी बात कहेंगे. गुस्सा हमारे जीवन का सबसे बड़ा दुष्मन है.
महाराजश्री ललितप्रभ सागर जी, जैन संघ शंकर नगर द्वारा आयोजित तीन दिवसीय प्रवचनमाला के पहले दिन उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने रिश्तों के माधुर्य को चाचा और जमई के रूप में परिभाषित करते हुए कहा कि घर में सुख आए तो समझिए कि चाचाजी आए हैं, कम खाकर जाएंगे मगर ज्यादा देकर जाएंगे और यदि दुःख आया है तो समझिए कि जमई आया है. पहले खाएगा और फिर लेकर जाएगा. जो व्यक्ति दुःख को जमई मानकर उसका स्वागत कर लेता है तो वह कभी भी चिंता में नही रहता. उन्होंने कहा कि दुनिया में दो तरह के लोग हैं जो सोने की चैन तो खरीदते हैं पर सुखी नही रहते लेकिन जो चैन से सोता है तो वह हमेषा सुखी रहता है.
रायपुर में चातुर्मास बिता रहे महाराजश्री ललितप्रभ सागर जी ने कहा कि जीवन की चिंता हमारी खुशहाली, मुस्कुराहट, तरक्की इत्यादि सब कुछ छीन लेती है. उन्होंने कहा कि अच्छे लोगों को भगवान कुछ भी ना दे लेकिन बुरे वक्त में साथ देता है. जबकि बहुतों को भगवान सब कुछ देता है मगर बुरे वक्त में साथ नही देता.
जानते चलें कि शंकरनगरकर नगर स्थित बीटीआई मैदान में मनोज कोठारी के संयोजकत्व में ललितप्रभ जी तथा शांति प्रिय सागर जी महाराज की तीन दिवसीय प्रवचनमाला की शुरूआत आज से हुई. प्रातःकाल महाराजश्री का स्वागत जैन श्री संघ शंकर नगर इकाई द्वारा शंकरनगर स्थित 'आईनेत्रा में किया गया. इसमें शंकर नगर महिला मंडल, वामा महिला मंडल, सखी महिला मंडल और भक्ति बहू मंडल 108 कलश के साथ, ढोल नगाड़ों के साथ शामिल हुए. अध्यक्ष प्रेमचंद लुणावत महासचिव इंदर चंद गोलछा राजेंद्र सेठिया पदम जी बाफना अभय पारख संजय जी गिडीया चिराग भंसाली भावेश शाह ने बताया कि आज विशिष्ट अतिथि के रूप में राज्य शासन के मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन तथा श्रीमती अमिताभ जैन, विधायक कुलदीप जुनेजा, पार्षद राकेश धोत्रे तथा सुमन राम प्रजापति जी थे. इनके साथ ही चातुर्मास समिति के अध्यक्ष त्रिलोक चंद बरड़िया, प्रकाशचंद सुराना, सुरेश जी काकरिया, अभय जी भंसाली, पारस जी पारख, उत्तम चंद जी गिडिया तथा महेंद्र धाड़ीवाल इत्यादि उपस्थित थे.