रायपुर। राष्ट्र-संत श्री ललितप्रभ जी महाराज ने कहा कि हर सुबह की शुरुआत मुस्कुराते हुए करें। अगर हम मुर्दे मन के साथ सुबह की शुरुआत करेंगे तो पूरा दिन बेकार चला जाएगा। हम सुबह उठकर यह तो देखते हैं कि मोबाइल चार्ज है या नहीं, पर यह नहीं देखते कि जिंदगी चार्ज है या नहीं। जिंदगी में उतार-चढ़ाव आना पार्ट ऑफ लाइफ है, पर उसका मुस्कुराते हुए स्वागत करना ही आर्ट ऑफ लाइफ है। आखिर, दूध फटने पर वे ही लोग उदास होते हैं जिन्हें रसगुल्ले बनाने नहीं आते हैं। उदास लोगों पर व्यंग करते हुए संतप्रवर ने कहा कि अगर गधा मुस्कुराता हुआ दिखे तो समझ लेना चाहिए कि वह इंसान बनने वाला है, पर अगर इंसान मुरझाया हुआ दिखे तो समझ लेना चाहिए कि...?
संत प्रवर शनिवार को जैनम मानस समिति द्वारा एयरपोर्ट रोड स्थित जैन मानस भवन में आयोजित प्रवचन के दौरान श्रद्धालु भाई बहनों को संबोधित कर रहे थे। संतप्रवर ने कहा कि जिंदगी की कीमत क्या है यह सम्राट सिकंदर से पूछिए जो अपने अंतिम समय में 1 घंटे की जिंदगी पाने के लिए पूरा साम्राज्य देने को तैयार हो गया था। हम पैसे से बहुत कुछ प्राप्त कर सकते हैं, पर सब कुछ नहीं। संतप्रवर ने आध्यात्मिक प्रेरणा देते हुए कहा केवल उस शरीर को मत सजाओ जिसे एक दिन मिट्टी में मिल जाना है वरन उस आत्मा को सजाओ जिसे एक दिन परमात्मा के पास जाना है।
पर्सनलिटी डेवलपमेंट के लिए हम स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें। कहीं ऐसा न हो कि पहले पैसा पाने के लिए स्वास्थ्य को दाँव पर लगाएँ, फिर स्वास्थ्य को पाने के लिए पैसे को दाँव पर लगाना पड़े। हम संयमित खाएँ, औरों को खिलाकर खाएँ, पहनावा शालीन रखें, कार्य के प्रति ईमानदार रहें, किसी से स्वार्थ का रिश्ता न जोड़ें, दिन में एक बार घर के सभी सदस्य साथ में भोजन करें, जरूरतमंद के काम आएँ और समय पर घर पहुँचें ताकि पत्नी ठंडी और भोजन गर्म मिल सके अन्यथा पत्नी का मिज़ाज गर्म और भोजन ठंडा मिलेगा।