राजनांदगांव। आचार्य विद्यासागर जी महाराज 18 फरवरी को रात 2:35 बजे महा समाधि में लीन हो गए है। आज रविवार को देशभर में एक साथ विनयांजलि सभा होगी। वहीं, डोंगरगढ़ में सकल जैन श्रीसंघ दिगंबर जैन मंदिर के सामने गंज लाइन में शाम 7 बजे विनयांजलि सभा आयोजित करेगा। इसके बाद आचार्य भक्ति की जाएगी।
जैन समाज के सूर्यकांत जैन ने बताया कि, आचार्यश्री ने 36 मूल गुणों के धारी छत्तीसगढ़ की पावन धरा पर अपने सारगर्भित जीवन से मृत्यु को महोत्सव बनाने का उत्कृष्ट संदेश दिया। तीन दिनों के उपवास के बाद अरिहंत भगवान का स्मरण करते हुए ओम शब्द के उच्चारण के साथ ब्रह्मलीन हुए।
आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ने 17 फरवरी को छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरि तीर्थ में हुए थे ब्रह्मलीन। उन्होंने 3 दिन से उपवास धारण कर रखा था। महासमाधि में प्रवेश करने से पहले सिर्फ ‘ॐ’ शब्द कहा। सिर हल्का सा झुका और महासमाधि में लीन हो गए।