छत्तीसगढ़

ग्रामीण आत्मनिर्भर बनेगा, तभी होगा शहर, गांव और देश का विकास : सीएम भूपेश बघेल

Nilmani Pal
11 May 2023 8:45 AM GMT
ग्रामीण आत्मनिर्भर बनेगा, तभी होगा शहर, गांव और देश का विकास : सीएम भूपेश बघेल
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रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रूरल इंडस्ट्रियल पार्क परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा का किया अनावरण, उन्होंने रीपा परिसर में बादाम के पौधे लगाए। मुख्यमंत्री ने बेलटूकरी के प्रशिक्षण केंद्र सह प्रदर्शनी केंद्र में रीपा वाईफाई का किया शुभारंभ। वाईफाई के शुभारंभ से आजीविका गतिविधियों में संलग्न लोगों को निःशुल्क इंटरनेट की सुविधा मिलेगी। इन अवसर पर मुख्यमंत्री बघेल ने रीपा में बनने वाले उत्पादों के कैटलॉग का भी विमोचन किया। बेलटुकरी प्रशिक्षण केंद्र में मौजूद लोगों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि रीपा के शुरू होने से महात्मा गांधी के ग्रामीण आत्मनिर्भरता का सपना साकार हुआ है। गांव में रीपा के जरिए आवश्यक वस्तुएं बनने से अब गांव के लोगों को रोजमर्रा की जरूरी चीजों के लिए शहर नहीं जाना पड़ेगा, साथ ही साथ लोगों को रोजगार भी मिलेगा। ग्रामीण सशक्त और आत्मनिर्भर बनेगा, तभी शहर गांव और देश का विकास होगा।

स्व-सहायता समूह की सदस्य आशा ने बताया कि रूरल इंडस्ट्रियल पार्क एसएचजी में हम 7 महिलाएं सूट, ब्लाउज, बैग, पेटीकोट तथा रुमाल की सिलाई कर रही हैं। अब तक आसपास के गांव से आर्डर मिलने पर 25 हजार की बिक्री कर चुके हैं जिससे हमें 15 हजार रुपये का फायदा हुआ है। सदस्य संतोषी कैवर्त ने बताया कि पहले घर में खाली बैठे रहते थे, काम नहीं था अब सिलाई कार्य से आमदनी भी हो रही है और परिवार की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आया है।

बोरी सिलाई यूनिट में कार्य कर रही जय मां वैष्णवी स्व-सहायता समूह की सदस्य शांति कैवर्त ने बताया कि 1 महीने पहले शासन की मदद से 4.5 लाख की लागत से बोरी सिलाई यूनिट स्थापित किया गया है। लगभग 12 सौ बोरी की बिक्री आसपास के गौठान में कर चुके हैं जिससे 3000 रुपये का फायदा हुआ है। श्रीमती शांति ने बताया कि आसपास के गौठानो से 61 हजार 760 रुपये के लगभग 6 हजार बोरी का आर्डर मिल चुका है।

दोना पत्तल यूनिट में कार्य कर रही वैष्णवी स्व-सहायता समूह की सदस्य ममता ने बताया कि समूह में 8 सदस्य हैं। शासन द्वारा ढाई लाख रुपए की लागत से दोना पत्तल मशीन इकाई स्थापित की गई है। अब तक 150 बंडल दोना तथा 150 बंडल पत्तल का निर्माण कर 15 हजार रुपये के दोना पत्तल की बिक्री कर चुके हैं जिससे हम महिलाओं को 5 हजार रुपये का फायदा हुआ है।

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