दंतेवाड़ा. जिला के कटेकल्याण ब्लॉक अंतर्गत कोरीरास फड़ में मात्र 3 दिन तेंदूपत्ता की खरीदी की गई. जिसकी वजह से ग्रामीण को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है. हालात ये हैं कि ग्रामीण महिलाओं ने 2 से 3 दिन जंगलों से तेंदूपत्ता संग्रहित किया. अगले दिन जैसे ही पत्ता बेचने के लिए वह फड़ पहुंची तो उन्हें पता चला खरीदी बंद कर दी गई है. संग्राहकों से कहा गया कि तेंदूपत्ता खरीदी का दिन खत्म हो गया है. ग्रामीण इस जानकारी से परेशान हैं.
बुजुर्ग महिला हुंगी ने बताया कि ''इस साल एक भी पत्ता नहीं बेच पाई. हर साल 5000 से 8000 रुपए तक का तेंदूपत्ता बेच लेती थी. बुजुर्ग हूंगी की देखरेख करने वाला कोई नहीं है, इसलिए वह अकेली पत्ता तोड़कर जमा करती रही. जब वह बेचने गई तो तेंदूपत्ता लेने से मना कर दिया गया. पोज्जे ने बताया कि परिवार ने भूखे प्यासे रहकर तेंदूपत्ता तोड़ा लेकिन जब बेचने के लिए गए तो लेने से इनकार कर दिया गया. गांव के सरपंच ने बताया कि ''हम लोग कई बार ठेकेदार और प्रबंधक को पूरा तेंदूपत्ता खरीदने के लिए बोलते रहे लेकिन उन्होंने तेंदूपत्ता खरीदने से मना कर दिया है. अब सभी गांव वाले परेशान हैं.''