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गरियाबंद। जिले के छुरा में लगातार हो रहे बिजली कटौती के विरोध में आज ग्रामीण लामबंद हो गए. ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया. उन्होंने कहा कि बिजली कर्मियों की ओर से रात के अंधेरे में चुपके से फेस का जंफर काटने से सिंचाई पंप बंद होने के कारण फसल बर्बाद हो रहे हैं. साथ ही परीक्षा दे रहे छात्र भी पढ़ाई नहीं कर पाने से परेशान है. ग्रामीणों के हंगामे के बाद बिजली कटौती का समय तय किया गया है. दरअसल, जिले के छुरा वितरण केन्द्र में रवि फसल के लिए ज्यादातर किसान विद्युत पंप पर आश्रित हैं. ऐसे में ज्यादा लोड होने के कारण बिजली विभाग लोड सेडिंग बताकर अघोषित कटौती शुरू कर दिया था. ग्रामीणों के सो जाने के बाद फेस काटने कर्मियों को आधी रात को भेजा जाता था.
कानसिंघी फीडर में आने वाले विजयपुर ग्राम में गुरुवार को रात करीबन 11 बजे बिजली विभाग के वाहन में 3 कर्मी बिजली काटने पहुंचे थे. फेस डाउन करते ही जब बिजली गुल हुई तो रात को खलिहान इलाके में घूम रहे युवकों की नजर कर्मियों पर पड़ी. कर्मी बिजली काटकर जाते उससे पहले 10 से15 ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया. आसपास के गांव से लोग पहुंचना शुरू किए तो सरकारी वाहन छोड़कर कर्मी भाग खड़े हुए. ग्रामीणों की भिड़ ने विभाग के अफसरों को कॉल किया. इस पर रात में ही एई उमेद दीवान मौके पर पहुंचे और किसी तरह ग्रामीणों को शांत कराया.
रात की घटना शुक्रवार सुबह होते ही प्रभावित गांवों में आग की तरह फैल गई. विजयपुर के अलावा देवरी, पेंड्रा, सिवनी समेत 8 गांव के 100 किसान सिवनी कृषि मंडी के पास एकत्रित हो गए. किसान मेवा नायक, जयराम, चिंता राम सिन्हा, ओंकार सिंह और अशोक ठाकुर के नेतृत्व में विभाग को घेरने को रणनीति बना रहे थे. आरोप है कि इसी इलाके में 6 से 8 घंटे की कटौती करते थे. इसके कारण फसल प्रभावित होने के साथ ही परीक्षा दे रहे छात्र परेशान थे. इसी बीच एई उमेद दीवान दोबारा सिवनी पहुंचे और बिजली काटौती का समय निर्धारित किया गया. सिवनी सरपंच अशोक ठाकुर ने कहा कि अधिकारियों ने कटौती के लिए समय निर्धारण के अलावा अवधि केवल 3 घंटा बिजली काटने पर सहमत हुए. इसके अलावा नए फीडर की मांग को भी मान लिए, जिसके बाद समझौता कर लिया गया है.
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