दंतेवाड़ा। दंतेवाड़ा में ग्रामीणों द्वारा वनों में बड़े पैमाने पर आग लगाई जा रही है। जिससे वनस्पतियों को बड़ी मात्रा में नुकसान पहुंच रहा है। ज्ञात हो कि ग्रामीणों द्वारा गर्मियों के मौसम में शिकार खेलने हेतु वनों और पहाडिय़ों में आग लगाई जाती है। जिससे पशुओं के शिकार में आसानी होती है। इस दौरान विशेष रूप से पहाडिय़ों में भी आग लगाई जाती है। गर्मियों के मौसम में आग तेजी से फैलती है। और बड़ी मात्रा में वनस्पतियों को नष्ट कर देती है।
उल्लेखनीय है कि ग्रामीणों द्वारा महुआ बीनने हेतु भी आग लगाई जाती है। आग लगाने के फलस्वरूप महुआ बीननें में सुविधा मिलती है। इस मुद्दे पर वन परिक्षेत्र अधिकारी बचेली, आशुतोष मांडवा ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हमारे द्वारा जंगल में आग की शिकायत पर तत्काल कार्रवाई की जाती है। वन परिक्षेत्र बचेली अंतर्गत गुरुवार को दंतेवाड़ा वन मंडल अंतर्गत 18 स्थान पर आग लगाई गई। जिसमें बचेली अंतर्गत 9 स्थानों पर आग लगाई गई। वहीं दूसरे जिलों में वनों में आग के तीन गुना अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। उक्त आग बुझाने विभागीय अमला सक्रिय है। विभाग द्वारा दिन और रात दोनों ही समय में आग बुझाने विशेष दस्ता तैनात है। ग्रामीणों को बैठक में लगातार आग न लगाने की समझाइश भी दी जाती है। अति संवेदनशील क्षेत्र होने के बावजूद वन विभाग मुस्तादी से कार्य कर रहा है।
वन परिक्षेत्र अधिकारी ने ग्रामीणों से अपील में कहा कि वनों में आग न लगायें। इससे बेशकीमती वनस्पतियों को नुकसान पहुंचता है। इसके साथ ही वन्य प्राणियों की भी क्षति होती है। बहरहाल ग्रामीणों के सक्रिय सहयोग के बिना वनों की आग रोकना मुश्किल साबित हो रहा है।