छत्तीसगढ़
भारतीय रेलवे में विद्युत ट्रैक्शन के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में विविध आयोजन
Shantanu Roy
3 Feb 2025 3:43 PM GMT
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Bilaspur. बिलासपुर। भारत में पहली विद्युत चालित ट्रेन 3 फरवरी 1925 को बॉम्बे वीटी – कुर्ला हार्बर के बीच चलाई गई थी। आज भारतीय रेलवे ने विद्युत ट्रैक्शन के 100 वर्ष पूरे कर लिए हैं। इस ऐतिहासिक अवसर को मनाने के लिए 22 जनवरी 2025 को दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में उत्सव की शुरुआत महाप्रबंधक, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा इस आयोजन का बैनर लॉन्च कर की गई।
इस अवसर पर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के सभी रेल मंडलों और यूनिट व वर्कशॉप में प्रभात फेरियां आयोजित की गईं, स्टेशनों और कार्यस्थलों पर रंगोली बनाई गईं, तथा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं, चित्रकला एवं निबंध लेखन प्रतियोगिताएं, और विद्युत ट्रैक्शन से संबंधित स्थलों का छात्रों द्वारा भ्रमण जैसी गतिविधियाँ आयोजित की गईं।
आज दिनांक 3 फरवरी 2025 को दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, मुख्यालय में एक भव्य प्रभात फेरी आयोजित की गई, जिसमें दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे मुख्यालय और बिलासपुर मंडल के वरिष्ठ अधिकारियों, पर्यवेक्षकों, कर्मचारियों, सेंट जॉन एम्बुलेंस, स्काउट्स एवं गाइड्स तथा स्कूली बच्चों ने भाग लिया । प्रतिभागियों ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे मुख्यालय में प्रदर्शित WAG-9 लोको के कट-आउट के साथ सेल्फी का आनंद भी लिया।
इस अवसर पर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे मुख्यालय में एक तकनीकी संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया, जिसमें विद्युत ट्रैक्शन के क्षेत्र में हुई प्रगति पर चर्चा की गई । महाप्रबंधक, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे तरुण प्रकाश ने तेजी से विद्युत ट्रैक्शन की ओर स्विच करने में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे टीम के प्रयासों की सराहना की । उन्होंने भारतीय रेलवे में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा की गई कुछ महत्वपूर्ण तकनीकी उपलब्धियों की भी प्रशंसा की, जिसमें :-
1. 2x25 केवी एसी ट्रैक्शन – यह प्रणाली भारतीय रेलवे में सबसे पहले 1993 में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अनूपपुर-शहडोल सेक्शन में शुरू की गई थी और अब इसे अन्य रूटों पर अपग्रेड किया जा रहा है।
2. नई तकनीक पर आधारित पहली ट्रेन – नवीनतम 2x25 केवी एसी सिस्टम की पहली ट्रेन, जिसमें 12.3 MVA ऑटो ट्रांसफार्मर, एरियल अर्थ कंडक्टर और बरीड अर्थ कंडक्टर शामिल हैं, आज दिनांक 3 फरवरी 2025 को रायपुर मंडल के भानुप्रतापपुर-तरोकी सेक्शन में चलाई गई।
3. स्वदेशी रूप से विकसित 12000 एचपी ट्विन लोको – इस ट्रेन को भारतीय तकनीक से निर्मित 12000 हॉर्स पावर ट्विन लोको (नंबर 65017, EF-12K सीरीज) द्वारा संचालित किया गया, जिसे भिलाई इलेक्ट्रिक लोको शेड में रखा गया है । वर्तमान में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के पास 23 ट्विन EF-12K हाई हॉर्स पावर इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव हैं, जिनकी प्रारंभिक ट्रैक्टिव एफर्ट 104 KN है।
4. सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र – भारतीय रेलवे के सबसे बड़े सौर ऊर्जा संयंत्र को 24 फरवरी 2024 को भिलाई में ट्रैक्शन ऊर्जा आपूर्ति के लिए चालू किया गया।
5. रिट्रैक्टेबल ओएचई की व्यवस्था – सरगुजा रेल कॉरिडोर प्राइवेट लिमिटेड के पारसा साइडिंग पर रिट्रैक्टेबल ओएचई की सुविधा स्थापित की गई है, जिससे कोयला लोडिंग साइडिंग में रेक्स की प्लेसमेंट और निकासी बिना डीजल लोको की आवश्यकता के की जा सकती है।
भारतीय रेलवे की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर गर्व व्यक्त करते हुए, महाप्रबंधक, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे तरुण प्रकाश ने कहा कि यह रेलवे के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो भविष्य में और अधिक प्रगति के लिए प्रेरणा देगा।
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Shantanu Roy
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