रायपुर। नगरीय प्रशासन एवं विकास तथा श्रम और आरंग विधायक डॉ शिवकुमार डहरिया ने एक बार फिर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए सभी निकायों में जलने वाले अलाव और दाह संस्कार में गौ काष्ठ को बढ़ावा देने के निर्देश के पश्चात उन्होंने जल संरक्षण की दिशा में वॉटर हार्वेस्टिंग शैक्षणिक, प्रशिक्षण एवं शोध केंद्र की स्थापना की पहल की है। उनकी इस पहल से जहाँ रायपुर जिला वासियों को जल संरक्षण की जानकारी मिलेगी, वहीं इस केंद्र में रिसर्च के साथ लोगों को मनोरंजन और सैरसपाटे के लिए भव्य पार्क भी मिलेगा।
मंत्री डॉ डहरिया ने 17 करोड़ 93 लाख रुपए की लागत से आरंग में बनने वाले रेनवाटर हार्वेस्टिंग शैक्षणिक, प्रशिक्षण एवं शोध केंद्र तथा उद्यान निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि समय के साथ गिरते जल स्तर और पानी की कमी वैश्विक चिंता का प्रमुख कारण बन गया है। छत्तीसगढ़ की सरकार मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेश को हरा भरा बनाने के लिए न सिर्फ पौधरोपण को बढ़ावा दे रही है, नदी-नालों को उपचारित कर पुनर्जीवित करने की कोशिश भी कर रही है। सरकारी भवनों के साथ निजी निर्माण वाले भवनों में भी वॉटर हार्वेस्टिंग को अपनाया जा रहा है। मंत्री डॉ डहरिया ने कहा कि जल संरक्षण कितना महत्वपूर्ण है और इस दिशा में आगे क्या किया जा सकता है,यह हमारे लिए महत्वपूर्ण है। हमारी आने वाली पीढ़ी जल की महत्ता को समझ सके, हम अपनी पीढ़ी के लिए पर्याप्त जल संरक्षित कर सके, ताकि उन्हें पानी की समस्या से न जूझना पड़े। उन्होंने कहा कि आरंग में वॉटर हार्वेस्टिंग शैक्षणिक, प्रशिक्षण एवं शोध केंद्र और उद्यान बनने से आने वाली पीढ़ी को पानी बचाने से लेकर इसकी महत्ता की जानकारी मिलेगी। रिसर्च से जल संरक्षण के नए नए तौर तरीकों को भी जान पाएंगे। मंत्री डॉ डहरिया ने कहा कि यह केंद्र न सिर्फ आरंगवासियों के लिए बहुउपयोगी साबित होगी अपितु राजधानी, नवा रायपुर सहित आसपास के अन्य जिलों के लोगों को भी ज्ञान के साथ मनोरंजन और सुकून प्रदान करेगा। कार्यक्रम में नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष श्री चंद्रशेखर चंद्राकर,जनपद अध्यक्ष खिलेश्वर देवांगन, नगर पालिका अधिकारी श्री सौरभ शर्मा, सहायक अभियंता श्री मनीष कुमार स्वर्णकार सहित पार्षदगण एवं अन्य जनप्रतिनिधि और नागरिकगण उपस्थित थे।