बिलासपुर। सहायक विकासखंड शिक्षाधिकारी के कामकाज करने के बावजूद व्याख्याता को विकासखंड शिक्षाधिकारी बनाए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने कहा है। कोर्ट ने शासन को 45 दिनों की मोहलत दी है। बिल्हा विकासखंड में सहायक विकासखंड शिक्षाधिकारी के पद पर पदस्थ मुकेश मिश्रा ने अपने वकील के जरिए हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि राज्य शासन ने एक आदेश जारी कर बिल्हा विकासखंड शिक्षाधिकारी पीएस बेदी को अन्यत्र तबादला कर दिया है।
बेदी की जगह पर व्याख्याता रघुवीर सिंह राठौर को विकासखंड शिक्षाधिकारी के पद पर काबिज कर दिया है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि विकासखंड शिक्षाधिकारी के पद पद नियुक्ति के लिए राज्य शासन ने अपने ही बनाए नियमों और मापदंडों को दरकिनार कर दिया है। याचिका के अनुसार प्रशासनिक संवर्ग के अधिकारी की उपलब्धता के बाद भी शैक्षिक संवर्ग के एक व्याख्याता को प्रभार दिया जाना नियम विरुद्ध हैै। याचिकाकर्ता ने कहा है कि वे स्वयं बिल्हा विकासखंड शिक्षाधिकारी कार्यालय मेें सहायक विकासखंड शिक्षाधिकारी के पद पर कार्य कर रहे हैं। उनकी दावेदारी को जानबूझकर नजरअंदाज किया गया है। राज्य शासन ने अपने ही बनाए नियमों की अनदेखी कर दी है। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता की शिकायत के अलावा उनके द्वारा जिन नियमोें व निर्देश का उल्लेख किया गया है उन पर जल्द से जल्द कारवाई करने के निर्देश दिए हैं।