यूनिपोल स्कैम: मामले में एफआईआर दर्ज करने के साथ कंपनी से पूछ-ताछ की मांग
एजेंसी को क्लीन चीट, महापौर के खिलाफ भाजपा ने खोला मोर्चा
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। नगर निगम में करोड़ों रुपए का यूनीपोल घोटाला उजागर करने वाले महापौर एजाज ढेबर के बयान से नया मोड़ आ गया है। उन्होंने यह बयान दिया है कि यूनीपोल घोटाले में निगम अधिकारी ही जिम्मेदार हैं, एजेंसियों का दोष नहीं है। इस मामले पर पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने महापौर पर बड़ा सवाल उठाया है। मिनी यूनीपोल मामले में राज्य शासन ने अफसरों को प्रारंभिक तौर पर दोषी मानते हुए उन्हें निगम से बाहर कर दिया। नियम विपरीत तरीके से यूनीपोल लगाने वाली कंपनी के प्रस्तावों को सहमति देकर उन्हें फायदा पहुंचाया। इस मामले में निगम की जांच समिति ने अब तक संबंधित कंपनी से पूछताछ ही नहीं की है। महापौर एजाज ढेबर ने यूनीपोल मामले में करीब 27 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि यूनीपोल लगाने वाली कंपनी ग्रेसफुल मीडिया प्राइवेट लिमिटेड को नियम विरुद्ध तरीके से अनुमतियां दी हैं। तय संख्या से ज्यादा यूनीपोल लगाने, जगह बदलने, कम रेट को मंजूरी देने सहित कई तरह की विसंगतियां इस पूरे प्रकरण में है। नगर निवेश विभाग के अफसरों को प्रारंभिक तौर पर दोषी मानते हुए उन्हें निगम से हटा दिया गया है। इस मामले की जांच अभी निगम में महापौर की बनाई समिति कर रही है। राज्य शासन ने भी एक समिति बनाई है। दोनों समितियां मामले से जुड़े तथ्यों की जांच कर रही है और अफसरों से पूछताछ भी की जा रही है। दूसरी तरफ इस पूरे प्रकरण के केंद्र में रही यूनीपोल लगाने वाली कंपनी से न तो पूछताछ की गई है और न ही उस पर कोई कार्रवाई की गई है। जानकारों का कहना है कि जब भी कभी किसी सरकारी विभाग में नियम विपरीत तरीके से कोई काम किया जाता है और उससे विभाग को करोड़ों रुपए का नुकसान होता है तो सबसे पहले उस कार्य को रोका जाता है। संबंधित कंपनी को नोटिस दी जाती है। इस पूरे प्रकरण में ऐसा नहीं किया गया है। जांच समिति के सदस्य और नगर निवेश विभाग के अध्यक्ष श्रीकुमार मेनन ने कहा है कि जरूरत पडऩे पर कंपनी से पूछताछ की जाएगी। अभी प्रक्रिया चल रही है। अफसरों के जवाबों का अध्ययन किया जा रहा है और उसके बाद आवश्यकता पडऩे पर कंपनी के संचालकों और जिम्मेदारों से भी पूछताछ की जाएगी।
निगम भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका: बृजमोहन
महापौर के रवैए पर भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि नगर निगम भ्रष्टाचार का बड़ा गढ़ बन चुका है। खुद महापौर पहले यूनीपोल में घोटाला उजागर किया हैं। पूर्व मंत्री अग्रवाल ने सवाल उठाया कि क्या अब लेन-देन करके मामले को दबाया जा रहा है। यदि उच्च स्तरीय जांच होगी तो बड़े-बड़े पदों पर बैठे लोग जेल जाएंगे। इसी तरह निगम में नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे का कहना है कि वह पहले दिन से पूरे मामले को संदिग्ध करार दे दी थी। क्योंकि महापौर घोटाला होने की बात तो कह रहे थे, परंतु एफआईआर दर्ज कराने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे।