रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार के आरक्षण संशोधन विधेयक को राज्यपाल अनुसुईया उइके की मंजूरी नहीं मिलने को लेकर राज्य की सियासत उबाल पर है। इस बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मामले को लेकर एक बार फिर राज्यपाल पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि, आरक्षण बिल को लटकाए रखकर वे राजनीति कर रही हैं, ये बहुत ही दुर्भाग्यजनक है।
छत्तीसगढ़ में जनभावनाओं के विपरीत विधानसभा द्वारा 'सर्वसम्मति' से पारित विधेयक को राज्यपाल द्वारा यहां के भाजपा नेताओं के दबाव में अनावश्यक रोक कर असंवैधानिक प्रक्रिया के तहत प्रश्न पर प्रश्न किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि, एक देश, एक संविधान तो राज्य की जनता के साथ भेदभाव क्यों?
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, झारखंड विधानसभा द्वारा आरक्षण का कुल प्रतिशत 50 से 77 किए जाने का अनुमोदन किया गया, जिसे वहां के राज्यपाल द्वारा एटॉर्नी जनरल को उनके अभिमत के लिए भेजा गया। कर्नाटक सरकार द्वारा भी आरक्षण का प्रतिशत 50 से 56 किए जाने तैयार अध्यादेश का वहां के राज्यपाल द्वारा अनुमोदन कर दिया गया।