छत्तीसगढ़

सांप काटने से दो की मौत, एक गंभीर

Shantanu Roy
7 July 2022 5:08 PM GMT
सांप काटने से दो की मौत, एक गंभीर
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अंबिकापुर। सरगुजा अंचल में सर्पदंश की घटनाएं लगातार बढ़ रहे हैं। सर्पदंश के बाद पीड़ितों को नजदीक के अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद मेडिकल कालेज और निजी अस्पताल अंबिकापुर लाया जा रहा है। यहां भी सर्पदंश पीड़ितों की लगातार मौत हो रही है। मेडिकल कालेज अस्पताल में जहरीले सांप के काटने से दाखिल हुई बालिका समेत दो लोगों की मौत हो गई। एक महिला को गंभीर स्थिति में भर्ती किया गया है।मृतकों को अस्पताल लाने में विलंब भी नहीं किया गया इसके बाद भी इनकी जान नहीं बच सकी।

उदयपुर निवासी अमलिया पति आनंद राम 56 वर्ष की सांप काटने से मौत हो गई।बीते चार जुलाई की रात महिला को घर में सांप ने काट लिया था स्वजन बिना विलंब किए तत्काल महिला को लेकर उदयपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे थे यहां महिला की गंभीर स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों ने मेडिकल कालेज अस्पताल अंबिकापुर शिफ्ट करा दिया था।बुधवार की रात महिला ने दम तोड़ दिया। एक अन्य घटना में अंबिकापुर शहर से लगे ग्राम सकालो बाँधपारा निवासी महेंद्र राम की बेटी बिंदु सोनवानी 12 वर्ष को एक जुलाई को सांप ने काट लिया था। बालिका को अंबिकापुर के मिशन अस्पताल में भर्ती किया गया था।बुधवार की रात बालिका ने भी दम तोड़ दिया।
महिला की हालत गंभीर
प्रतापपुर थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत लोलकी के आश्रित ग्राम चट्टानीपारा निवासी फुलमनिया 50 वर्ष को बुधवार की रात जमीन पर सोते समय सर्प ने डस लिया था।स्वजन उसे लेकर प्रतापपुर अस्पताल पहुंचे थे यहां प्राथमिक उपचार के बाद महिला को मेडिकल कालेज अस्पताल रिफर किया गया। महिला की हालत गंभीर बनी हुई है। चिकित्सक लगातार उसकी निगरानी कर रहे हैं।
जमीन पर न सोएं,तत्काल पहुंचे अस्पताल
गर्मी के बाद शुरुआती वर्षा के दिनों में सर्पदंश की घटनाएं बढ़ जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन पर सोने वाले लोग इसके शिकार होते हैं। चिकित्सकों ने सलाह दी है कि सर्पदंश की घटनाओं से बचने बरसात के सीजन में जमीन पर न सोए। खाट पर सोने के दौरान संभव हो तो मच्छरदानी लगाएं। यदि सर्पदंश की घटनाएं होती भी है तो झाड़-फूंक के चक्कर में न पड़े। मरीज को सीधे नजदीकी अस्पताल लेकर जाएं। कई बार विलंब से अस्पताल लाने की स्थिति में भी मरीज की तबीयत ज्यादा खराब हो जाती है।जहर का असर ज्यादा हो जाने से पीड़ित को बचाना मुश्किल हो जाता है।
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