छत्तीसगढ़

दो दिवसीय युथ और इको क्लब प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

Nilmani Pal
20 Dec 2024 12:15 PM GMT
दो दिवसीय युथ और इको क्लब प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन
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महासमुंद। राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा रायपुर के निर्देशानुसार जिले में प्लास्टिक के दुष्प्रभाव, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से दो दिवसीय युथ एवं इको क्लब प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण 19 और 20 दिसंबर को जिला परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा महासमुंद में आयोजित किया गया।

कलेक्टर विनय कुमार लंगेह और जिला पंचायत के एस. आलोक के निर्देशन में, जिला शिक्षा अधिकारी मोहन राव सावंत और जिला मिशन समन्वयक कमलनारायण चंद्राकर के मार्गदर्शन में इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न किया गया।

यूथ एवं इको क्लब प्रथम दिवस प्रशिक्षण मे प्लास्टिक के प्रकारों, इसके दुष्प्रभावों को समझाया गया। जिला स्तर के मास्टर ट्रेनर्स के द्वारा प्रशिक्षण का पहला दिन जमीन प्लास्टिक साक्षरता पर आधारित बातें बताई गई। जिसमें उन्हें प्लास्टिक के बढ़ते हुए खतरे का सामना भावी पीढ़ी के विद्यार्थियों को किस प्रकार करना है, प्लास्टिक के प्रकारों के साथ मुख्य 3 प्रकार से संबंधित एक्टीविटी, जमीन मेला, 12 सप्ताहों तक शालाओं आयोजित होने वाले अनिवार्य और संभावित गतिविधियाँ करवाई गई, प्लास्टिक के कम उपयोग को बढ़ावा देना आदि करवाया गया।

इसी तारतम्य में दूसरे दिवस में स्कूलों में किचन गार्डन कैसे बनाना है उसका प्रत्यक्ष प्रदर्शन, मिट्टी को उपजाऊ बनाने हेतु जीवामृत, बीजामृत व निमार्ण कैसे बनाना है, सिखाया गया। स्कूल के कम जगह में किस पौधे को कितनी दूरी में लगाना है एवं यूथ व इको क्लब की राशि व्यय व प्रथम क्रिएटिविटी क्लब में पंजीयन कर 21वीं सदी के कौशल की जानकारी दी गई। कार्यशाला समापन अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी प्रवास सिंह बघेल ने बताया की प्लास्टिक, हमारी दिनचर्या का एक अभिन्न हिस्सा बन गया है। यह टिकाऊ और हल्का होने के कारण कई उत्पादों में इस्तेमाल होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्लास्टिक के कई प्रकार होते हैं और इनका पर्यावरण पर क्या प्रभाव प्लास्टिक को विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है, जो उनके रासायनिक संरचना और गुणों के आधार पर होते हैं। डीएमसी कमल नारायण चंद्राकर ने कहा कि आप लोगों के द्वारा दो दिवस में प्रशिक्षण के दौरान जो बताया गया है उसे शालाओं में क्रियान्वित करने कहा गया।

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